राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने यहां निजामुद्दीन इलाके के एक आश्रय गृह में रह रहे लोगों की कथित दुर्दशा को लेकर दिल्ली सरकार को एक नोटिस भेजा है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. एनएचआरसी ने एक बयान में बताया कि उसने अपने महानिदेशक (जांच) से भी कहा है कि वह एक पुलिस उपाधीक्षक की अध्यक्षता में एक टीम नियुक्त करें, जो मामले की मौके पर जाकर तथ्यान्वेषी जांच करे और उसे रिपोर्ट सौंपे. आयोग ने कहा कि यदि इस संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट सही है, तो उसमें दी गई जानकारी इस आश्रय गृहों में रहे रहे असहाय लोगों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक गंभीर मुद्दा है.
एनएचआरसी ने कहा कि उसने आश्रय गृह में रह रहे लोगों की दुर्दशा संबंधी मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है. उसने कहा, "ऐसा बताया गया है कि सरकार द्वारा खाद्य सामग्री की आपूर्ति रोके जाने के कारण उन्हें भोजन नहीं मिल पा रहा है."
आयोग ने कहा कि यह सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है कि आश्रय गृह में कोई व्यक्ति एक दिन भी भूखा न रहे.
बयान में बताया कि आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव को एक नोटिस जारी कर आश्रय गृह में खाद्य आपूर्ति की वर्तमान स्थिति और वहां रह रहे लोगों, विशेष रूप से बच्चों, बीमार और बुजुर्गों की स्वास्थ्य स्थिति पर एक सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.
बयान में कहा गया है कि मीडिया में 28 अप्रैल को प्रकाशित एक खबर के अनुसार, आश्रय गृह में करीब 500 लोग रहते हैं. उनमें से कुछ अपने छोटे बच्चों के साथ रहते हैं और उनके लिए एक वक्त के भोजन की व्यवस्था भी नहीं कर सकते.
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