Income Tax Return Filing New Portal : आय़करदाताओं (Income Tax payers) की टैक्स रिटर्न फाइल (ITR File) करने में सहूलियतें बढ़ाने वाला नया ई फाइलिंग पोर्टल (E Filing Portal) 7 जून को लांच किया जाना है. वित्त मंत्रालय का कहना है कि आईटीआर फाइल करने का आयकर विभाग का नया पोर्टल कई तरह की सुविधाएं लेकर आएगा. इसमें कई नए फीचर्स जोड़े गए हैं. जो लोग अभी अपनेआप से रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं, उनके लिए निशुल्क आईटीआर प्रप्रेयशन इंटरैक्टिव सॉफ्टवेयर (ITR Preparation Interactive Software) उपलब्ध होगा, जो उन्हें रिटर्न फाइल करने की बारीकियां समझाएगा. इसे ई-फाइलिंग 2.0 (E Filing 2.0) नाम दिया गया है.
इससे टैक्स रिफंड की प्रक्रिया भी तेज हो जाएगी. सीबीडीटी के अनुसार यह पोर्टल इनकमटैक्स.जीओवी.इन (www.incometax.gov.in) 7 जून से काम करने लगेगा. सीबीडीटी एक नई कर भुगतान प्रणाली भी 18 जून का शुरू करने वाला है. पोर्टल के साथ आय़कर विभाग नया मोबाइल ऐप भी लांच करेगा, ताकि करदाता इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ी सुविधाओं की जानकारी ले सकें.
करदाताओं के लिए नया कॉल सेंटर (Call Centre) Assistance भी होगा, जहां कभी भी कोई भी आईटीआर दाखिल करने वाला व्यक्ति अपनी समस्याएं बता पाएगा और उसे तुरंत ही हल मिल सकेगा. नया पोर्टल लांच करने के पहले आयकर विभाग ने 1 से 6 जून तक पुराने पोर्टल(https://www.incometaxindiaefiling.gov.in) पर रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया भी रोक रखी थी.सीबीडीटी ने करीब एक हफ्ते पहले नया पोर्टल लांच करने की जानकारी दी थी.
खबरों में यह भी कहा गया है कि नया ई फाइलिंग पोर्टल लांच होने के बाद करदाता मोबाइल से भी टैक्स रिटर्न भर सकेंगे. उन्हें पुराने पोर्टल पर सैलरी, सेविंग आदि की जानकारी तो पहले ही मिलती थी, नए पोर्टल पर सेविंग के अलावा किसी भी तरह के डिविडेंड (लाभांश), टीडीएस और अन्य तरह की जानकारी भी पहले से ही फार्म में भरी हुई मिलेगी. इससे वेतनभोगियों और पेंशनर्स को आयकर रिटर्न भरने में और ज्यादा आसानी होगी. कारोबारियों को भी पहले के मुकाबले रिटर्न में कई तरह की नई जानकारियां पहले से भरी मिलेंगी.
हालांकि कई चार्टर्ड अकाउंटेंट और आयकर विशेषज्ञों का कहना है कि नया पोर्टल आने के बाद यूजर का फीडबैक देखकर ही पता लगा जाया जा सकेगा कि यह कितनी सुविधाएं बढ़ाएगा. कॉल सेंटर को लेकर उनका कहना है कि अगर 24/7 यह सुविधा मिलती है तो बहुत अच्छा होगा. फिर भी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वेतनभोगी पहले से ही अपनी बचत की जानकारी नहीं देता है या फिर इसमें बदलाव करता है तो कुछ अतिरिक्त जानकारियां उसे पोर्टल पर आईटीआर (ITR Filing) भरते समय डालनी पड़ेंगी.