2020 में मिल चुकी थी लेबर कोड को संसद की मंजूरी, फिर लागू होने में क्यों लगा पांच साल, पढ़ें हर एक बात

नए लेबर कोड में 50 करोड़ से अधिक संगठित, असंगठित तथा स्व-नियोजित कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा आदि का प्रावधान किया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • केंद्र सरकार ने चार प्रमुख श्रम संहिताओं को पांच साल की तैयारी के बाद 21 नवंबर 2025 से लागू किया है
  • नए कानूनों के तहत 50 करोड़ से अधिक संगठित, असंगठित और स्व-नियोजित कामगारों को न्यूनतम मजदूरी मिलेगी
  • भारतीय मजदूर संघ के अनुसार ये नए नियम पहली बार केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन को लिया गया बड़ा कदम है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

करीब पांच साल की जद्दोजहद के बाद केंद्र सरकार ने चार श्रम कानून को लागू करने की घोषणा कर दी है. इन कानूनों में वेतन संहिता, 2019, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्‍यवसायिक सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्य शर्त संहिता, 2020 जैसे कानून शामिल हैं. इन सभी कानून को आज  यानी 21 नवंबर 2025 से लागू किया गया है.

आपको बता दें कि इन चार में से तीन श्रम संहिताओं - औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्‍यवसायिक सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्य शर्त संहिता, 2020 को लोक सभा ने 22 सितम्बर, 2020 को मंज़ूरी दी थी, और इसके अगले ही दिन 23 सितम्बर, 2020 को राज्य सभा की मंज़ूरी के साथ ही इन्हें संसद की मंज़ूरी मिल गयी थी. बावजूद इसके इन कानून को लागू नहीं किया जा सका था. इन श्रम सुधार के कानूनों पर केंद्र सरकार पिछले पांच साल से सभी 28 राज्य सरकारों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों को इन्हें लागू करने के लिए तैयार करने की जद्दोजहद में लगी थी.

श्रम मंत्रालय के मुताबिक, पश्चिम बंगाल को छोड़कर लगभग सभी राज्य इन 4 चार श्रम संहिताओं को लागू करने के लिए तैयार हैं. द्वितीय राष्ट्रीय श्रम आयोग की सिफारिशों के अनुसार मोदी सरकार ने सभी श्रम कानूनों को 4 श्रम संहिताओं में समाहित करने का काम साल 2014 में शुरू किया था. श्रम कानून वेतन संबंधी संहिता अगस्त, 2019 के माध्यम से सरकार ने 50 करोड़ श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी तथा समय पर वेतन मिलने का कानूनी अ‎धिकार दिया था .

इसके बाद 23 सितम्बर, 2020 को राज्य सभा ने व्यवसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संहिता विधेयक, 2020 में 13 श्रम कानून, औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक, 2020 में 3 श्रम कानून तथा सामाजिक सुरक्षा संहिता विधेयक, 2020 में 9 श्रम कानून समाहित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी.

नए लेबर कोड में 50 करोड़ से अधिक संगठित, असंगठित तथा स्व-नियोजित कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा आदि का प्रावधान किया गया है. महिला कामगारों को पुरुष कामगारों की तुलना में वेतन की समानता सुनिश्चित होगी. गिग और प्लेटफॉर्म कामगारों सहित असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ कामगारों के लिए ‘सामाजिक सुरक्षा कोष' की स्थापना से सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा दायरे के विस्तार में सहायता मिलेगी.

RSS से जुड़ी श्रमिक संगठन - भारतीय मज़दूर संघ (BMS) के जोनल सेक्रेटरी पवन कुमार ने शुक्रवार को सरकार के फैसले पर एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि भारत सरकार ने देशभर में जो नए श्रम कानून (4 Labour Codes)  को 21 नवंबर से लागू करने का फैसला किया है वह देश के करोड़ों कर्मचारी के लिए एक ऐतिहासिक फैसला है. पहली बार देश में न्यूनतम वेतन की सीलिंग केंद्र सरकार तय करेगी और केंद्र द्वारा तय किया गया न्यूनतम वेतन का फायदा देश के सभी करोड़ कर्मचारी को मिलेगा. नए कानून लागू होने के साथ ही देश के करोड़ों कर्मचारी को हर तरह की सोशल सिक्योरिटी, यानी सामाजिक सुरक्षा का फायदा मिलेगा. अधिकतम कर्मचारी को ESIC के दायरे में लाया जाएगा और उन्हें  स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. देशभर में आंगनबाड़ी महिला कर्मी, आशा और मिड डे मील से जुड़ी महिला कर्मचारी को भी अब सामाजिक सुरक्षा की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.

Advertisement

लेकिन देश की दस सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने भारत सरकार के फैसले का विरोध किया है. एक साझा बयान जारी करते हुए दस सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने कहा कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच आज से मज़दूर-विरोधी श्रम संहिताओं के घोर एकतरफा क्रियान्वयन की कड़ी निंदा करता है. हम स्पष्ट शब्दों में इसे केंद्र सरकार द्वारा देश की मेहनतकश जनता के साथ किया गया छलपूर्ण और कपटपूर्ण धोखा मानते हैं. 21 नवंबर 2025 को अधिसूचित चार तथाकथित "श्रम संहिताओं" की यह मनमानी और अलोकतांत्रिक अधिसूचना, सभी लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना करती है और भारत के कल्याणकारी राज्य के चरित्र को तहस-नहस कर देती है".

Featured Video Of The Day
UP Madarsa News: दिल्ली धमाके पर विस्फोकट खुलासा | Bharat Ki Baat Batata Hoon | Delhi Blast
Topics mentioned in this article