नए कृषि कानूनों में लागू बदलावों का सुझाव कांग्रेस कार्यकाल में हुडा समिति ने भी दिया था : सूत्र

दिसंबर, 2010 में कृषि उत्पाद पर कार्यकारी समिति, जिसका नेतृत्व तत्कालीन हरियाणा के मुख्यमंत्री कर रहे थे, ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि 'कृषि उत्पादों के लिए बाजार को व्यापार, मूवमेंट, संग्रहण, वित्त और निर्यात जैसे प्रतिबंधों से तुरंत मुक्त करना चाहिए. APMC या कॉरपोरेट लाइसेंस सहित दूसरे एकाधिकारों को बाजार को प्रतिबंधित करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.'

विज्ञापन
Read Time: 23 mins
Farmers' Protests over Farm Laws : किसानों का कृषि कानूनों पर विरोध.
नई दिल्ली:

Farm Laws : केंद्र की मोदी सरकार जो तीन नए कृषि कानून ले आई है, उसमें किए गए बदलावों के सुझाव 2010 में कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान भूपिंदर सिंह हुडा के नेतृत्व वाली एक समिति लेकर आई थी. सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. सूत्रों का कहना है कि जिन प्रावधानों के साथ ये तीन नए कानून लाए गए हैं, उनके सुझाव हुड्डा समिति की ओर से भी दिए गए थे.

दिसंबर, 2010 में कृषि उत्पाद पर कार्यकारी समिति, जिसका नेतृत्व तत्कालीन हरियाणा के मुख्यमंत्री कर रहे थे, ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि 'कृषि उत्पादों के लिए बाजार को व्यापार, मूवमेंट, संग्रहण, वित्त और निर्यात जैसे प्रतिबंधों से तुरंत मुक्त करना चाहिए. APMC या कॉरपोरेट लाइसेंस सहित दूसरे एकाधिकारों को बाजार को प्रतिबंधित करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.'

समिति ने यह भी कहा था कि किसानों के बाजार के कॉन्सेप्ट, जहां किसान सीधे उपभोक्ताओं को अपना उत्पाद बेच सकें, को बढ़ावा देना चाहिए. पैनल ने कहा था कि 'Essential Commodities Act को बस आपात परिस्थितियों में ही बनाया जाना चाहिए और इसके लिए राज्य सरकारों से परामर्श लेकर ही फैसला लेना चाहिए.'

Advertisement

यह भी पढ़ें : RSS से जुड़े किसान संगठन ने कहा-भारत बंद का समर्थन नहीं, लेकिन नए कृषि कानूनों में कुछ सुधार की जरूरत

Advertisement

इसके बाद 2013 में भी हुडा के नेतृत्व में एक कृषि उत्पाद पर कार्यकारी समिति बनी थी, जिसमें पंजाब, पश्चिम बंगाल और बिहार के मुख्यमंत्री शामिल थे.

Advertisement

बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने सितंबर में Farmers Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Act, 2020; The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement of Price Assurance and Farm Services Act, 2020; and The Essential Commodities (Amendment) Act, 2020 नाम से नए कृषि कानून लागू किए हैं. सरकार का कहना है कि किसानों को इससे अपने फसल की बिक्री और खरीदकर्ता को लेकर आजादी मिलेगी लेकिन किसानों को डर है सरकार ने MSP व्यवस्था खत्म कर दी है और इससे मंडियां भी खत्म हो जाएंगी. उनका एक और डर कृषि पर कॉरपोरेट कंपनियों का नियंत्रण हो जाने का है.

Advertisement

Video: कर बचेगा तो फायदा किसानों का ही होगा: कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर

Featured Video Of The Day
News Media को मिलेगा सही मुआवजा! Ashwini Vaishnaw ने कहा- खुद की जेब भरने में लगीं टेक कंपनियां
Topics mentioned in this article