न जॉब, न इनकम... नेपाल में हिंसा भड़कने के पीछे कहीं बेरोजगारी तो नहीं?

ओडिशा सरकार ने ओडिशा स्पेशल अरमेंड पुलिस में भर्ती निकली है. इस सरकारी नौकरी के लिए 3000 से ज्यादा नेपाली छात्र झारसुगुड़ा पहुंचे हैं. हैरानी की बात यह है कि वेकेंसी सिर्फ 135 हैं. इससे नेपाल के युवाओं के हालात को आसानी से समझा जा सकता है.

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ओडिशा पहुंचे नेपाली छात्रों का फूटा गुस्सा.
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  • नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन के विरोध में Gen-Z ने हिंसक प्रदर्शन और आगजनी की.
  • नेपाल में बेरोजगारी गंभीर समस्या है, जिसके कारण युवाओं में असंतोष बढ़ा और हिंसा की स्थितियां उत्पन्न हुईं.
  • बालेंद्र शाह, काठमांडू के मेयर, Gen-Z आंदोलन के प्रमुख नेता के रूप में उभरे और युवाओं में लोकप्रिय हैं.
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ओडिशा:

नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन को लेकर Gen-Z ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस हिंसक विरोध के बीच आंदोलनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर राष्ट्रपति भवन और कई सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार दोपहर नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री रबी लामिछाने को नक्खू जेल से बाहर निकाल लिया. इस बीच सवाल यह है कि इस आंदोलन के पीछे की वजह कहीं नेपाल में पनप रही बेरोजोगारी तो नहीं है.

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ओडिशा पहुंचे 3000 नेपाली छात्रों का फूटा गुस्सा

बता दें कि ओडिशा सरकार की ओडिशा स्पेशल अरमेंड पुलिस (ODISHA SPECIAL ARMED POLICE 2ND BATTALIAN) में भर्ती निकली है. इस सरकारी नौकरी के लिए 3000 से ज्यादा नेपाली छात्र झारसुगुड़ा पहुंचे हैं. हैरानी की बात यह है कि वेकेंसी  सिर्फ 135 है, लेकिन फॉर्म 3000 से ज्यादा नेपाली छात्रों ने भरा है.  उन्होंने ओली सरकार पर जमकर अपना गुस्सा उतारा. साथ ही बालेश शाह को पीएम बनाए जाने की मांग रखी.

नेपाल में बेरोजगारी बड़ी परेशानी

नेपाल में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है. युवाओं के लिए नौकरी ढूंढना मुश्किल हो रहा है. नेपाल में हिंसा का एक कारण बेरोजगारी के चलते युवाओं का गुस्सा भी है. नेपाल में भ्रष्टाचार चरम पर है. वहां के युवा सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ आवाज उठा रहे थे. लेकिन इन बीच इस पर बैन लगा दिया गया, जिसके बाद युवाओं का गुस्सा भड़क उठा. हालांकि बाद में नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बैन हटा दिया, लेकिन तब तक हालात बेकाबू हो चुके थे.

बालेन शाह बने Gen Z की पहली पसंद

नेपाल में इसे Gen Z आंदोलन नाम दिया गया है. इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में एक नाम उभर कर सामने आया है, वो हैं बालेंद्र शाह का, जिन्हें लोग बालेन शाह भी कहते हैं.  बालेंद्र शाह काठमांडू के मेयर हैं. बालेन नेपाल में युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं. यही वजह है कि वह दूसरे मेयरों से अलग हैं. जहां ज्यादातर मेयर अपनी नगरपालिकाओं से आगे शायद ही कभी ध्यान दे पाते हैं. वही यह शख्स नेपाल के इस बड़े आंदोलन के केंद्र में आ खड़ा हुआ है.

नेपाल पीएम केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा

सोमवार को नेपाल में शुरू हुए आंदोलन के बीच केपी शर्मा ओली ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके सचिवालय ने इस खबर की पुष्टि की है. केपी ओली ने हिंसक प्रदर्शन के बीच पद छोड़ा है. सोमवार से Gen-Z प्रदर्शनकारी और विपक्षी नेता उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे. ओली 1 साल और 2 महीने ही पद पर रह सके. वे 15 जुलाई 2024 को तीसरी बार पीएम बने थे.

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