विमान हादसे में मारी गई विमान परिचारिका ओशिन अले मागर ने रविवार को घर से जाते हुए वादा किया था कि वह पोखरा लौटेगी और माघे संक्रांति का त्योहार परिवार के साथ मनाएगी, लेकिन रविवार को हुई दुर्घटना के बाद उसका शव घर पहुंचा है. नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे पर उतरने के दौरान रविवार को सेती नदी के खड्ड में गिरे येति एयरलाइन के विमान ‘9एन-एएनसी एटीआर-72' में सवार 72 लोगों में ओशिन भी थी. अभी तक बरामद 69 शवों में से एक शव ओशिन का भी है.
ओशिन का परिवार घर पर माघे संक्रांति मनाने की तैयारियों में जुटा था, तभी विमान हादसे की खबर उन तक पहुंची. भारतीय सेना से अवकाश प्राप्त सैनिक व आशिन के पिता मोहन अले मागर ने याद किया कि कैसे उन्होंने सुबह-सुबह उसे त्योहार पर काम पर नहीं जाने को कहा था. मोहन ने फोन पर ‘रिपब्लिका' अखबार को बताया कि उसने दो उड़ानें पूरी करने के बाद घर लौटकर त्योहार मनाने की बात कही थी.
खबर के अनुसार, ओशिन पिछले दो साल से येति एयरलाइन के साथ काम कर रही थी. मूल रूप से चितवन की रहने वाली ओशिन नौकरी शुरू करने के बाद से काठमांडू में रह रही थी और पिछले छह महीने से उसके माता-पिता भी साथ रह रहे थे. ओशिन की दो बहनें और एक भाई है. वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी. उसका भाई महज चार साल का है.
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