रेसिप्रोकल टैरिफ़ के मुद्दे पर US के साथ Framework Trade Deal पर बातचीत निर्णायक दौर में, इसी कैलेंडर वर्ष में समाधान की उम्मीद!

राजेश अग्रवाल ने कहा कि बहुत कम मुद्दे बचे हैं, कुछ मुद्दों पर राजनीतिक निर्णय लेना होगा. हमारा मानना ​​है कि द्विपक्षीय व्यापार समझौता (Bilateral Trade Agreement) तभी लाभदायक होगा जब अमेरिका द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा.

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नई दिल्ली:

द्योग संघ FICCI के एनुअल जनरल मीटिंग में वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंध को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) पर बातचीत चल रही है. इसके साथ ही, रेसिप्रोकल टैरिफ़ मुद्दे को सुलझाने के लिए एक रूपरेखा व्यापार समझौते (Framework Trade Deal) पर अलग से बातचीत हो रही है. अमेरिका के साथ समानांतर बातचीत चल रही है. रेसिप्रोकल टैरिफ़ मुद्दे को सुलझाने के लिए हम एक रूपरेखा व्यापार समझौते के बहुत करीब हैं. सही रास्ता ढूंढने में बस कुछ ही समय लगेगा. हमें उम्मीद है कि इसी कैलेंडर वर्ष में कोई समाधान निकल आएगा.लेकिन वाणिज्य सचिव ने आगाह भी किया कि व्यापार वार्ता में सिर्फ एक मुद्दे पर मतभेद की वजह से देरी की भी संभावना रहती है.

राजेश अग्रवाल ने कहा कि बहुत कम मुद्दे बचे हैं, कुछ मुद्दों पर राजनीतिक निर्णय लेना होगा. हमारा मानना ​​है कि द्विपक्षीय व्यापार समझौता (Bilateral Trade Agreement) तभी लाभदायक होगा जब अमेरिका द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा. हमें उम्मीद है कि यह समझौता जल्द ही हो जाएगा। लेकिन हम अभी कोई समय सीमा नहीं बता सकते. वाणिज्य सचिव ने साफ़ किया कि प्रस्तावित भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) में काफ़ी समय लगेगा.

जल्दी एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए भारत आ सकता है. ज़ाहिर है, भारत-अमेरिका ट्रेड डील फाइनल होने के करीब है, लेकिन कोई स्पष्ट समय-सीमा (deadline) नहीं है। भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) के कई चरण होंगे. पहले चरण में पारस्परिक शुल्कों (Reciprocal Tariffs) के मुद्दे पर मुख्य फोकस होगा.

भारत और अमेरिका के वार्ताकारों के बीच अब तक 6 दौर की वार्ता हो चुकी है, अंतिम दौर की बातचीत 15-17 अक्टूबर, 2025 को वाशिंगटन में हुई.वाणिज्य मंत्रालय ने 17 नवम्बर को भारत और अमेरिका के बीच व्यापार के ताज़ा आकड़े जारी करते हुए कहा था कि अप्रैल-अक्टूबर, 2025 की अवधि के दौरान अमेरिका भारतीय एक्सपोर्टरों के टॉप डेस्टिनेशन बना रहा. भारत से अमेरिका एक्सपोर्ट अप्रैल-अक्टूबर, 2024 के दौरान 47.32 अरब अमेरिकी डॉलर था जो अप्रैल-अक्टूबर, 2025 के दौरान बढ़कर 52.12 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया.

हालांकि इस साल अक्टूबर महीने के दौरान कुछ गिरावट दर्ज़ हुई है. अक्टूबर, 2024 में भारत से अमेरिका कुल एक्सपोर्ट 6.9 अरब अमेरिकी डॉलर था जो अक्टूबर, 2025 में घटकर 6.3 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया. दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत इस साल मार्च के आखिरी हफ्ते में शुरू हुई थी. 13 फरवरी, 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अक्टूबर-नवंबर, 2025 तक बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) के पहले tranche को तैयार करने को लेकर समझौता हुआ था. भारत और अमेरिका प्रस्तावित बिलैटरल ट्रेड एग्रीमेंट के जरिए जो द्विपक्षीय व्यापार को मौजूद १९० बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 बिलीयन डॉलर तक बढ़ाना चाहते हैं.   

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