नीट परीक्षा को लेकर इन दिनों देशभर में बवाल मचा हुआ है. अब NEET पेपर लीक मामले में सीबीआई ने पटना AIIMS के 4 छात्रों को हिरासत में लिया है. दरअसल सीबीआई को शक है कि इन चारों छात्रों की सॉल्वर में भूमिका रही है. इसी के चलते चारों छात्रों को हिरासत में लिया गया है और सीबीआई द्वारा चारों से इस बारे में पूछताछ की जा रही है. इनमें से तीन छात्र पटना AIIMS में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. जिस पर पटना AIIMS के कार्यकारी निदेशक जीके पॉल ने कहा कि हमारे लिए ये चौंकाने वाली बात है कि हमारे स्टूडेंट्स इसमें शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हम सीबीआई की रिपोर्ट आने का इंतजार करेंगे. अगर हमारे ये स्टूडेंट्स शामिल रहे होंगे तो इनपर एक्शन होगा, ये सभी स्टूडेंट्स बेहद इंटेलिजेंट हैं.
कई राज्यों में फैला पेपर लीक गिरोह
नीट पेपर लीक मामले पटना से निकला पेपर लीक और सॉल्वर गैंग का ये 'जिन्न' कुछ ही दिन में देश के कई राज्यों तक पहुंच गया. अब जां एजेंसी और पुलिस एक-एक करके इस पेपर लीक की गुत्थी को सुलझाने में लगी है. पेपर लीक मामले का पता सबसे पहले बिहार की राजधानी पटना में चला था. इसके बाद बिहार पुलिस हरकत में आई थी और उसने कई लोगों को हिरासत में लिया था. जिन लोगों को हिरासत में लिया गया था उनमें कुछ अभ्यार्थी भी शामिल थे. पुलिस पूछताछ में अभ्यार्थियों ने बताया था कि उन्होंने एक प्रश्नपत्र के लिए 30 से 40 लाख रुपये तक दिए हैं. पुलिस के अनुसार इस पेपर लीक के पीछे बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों में सक्रिय सॉल्वर गैंग का हाथ था. पुलिस ने इस मामले में सॉल्वर गैंग के कई सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है.
नीट पर आज सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ
इस मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा को नए सिरे से कराने के लिए यह ठोस आधार होना चाहिए कि पूरी परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है. भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने विवादों में घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर अहम सुनवाई शुरू की. पीठ ने कहा कि इसके ‘सामाजिक प्रभाव' हैं. कोर्ट ने नीट-यूजी से जुड़ी याचिकाओं से पहले सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई स्थगित कर दी और कहा, ‘‘हम आज मामले पर सुनवाई करेंगे। लाखों युवा छात्र इसका इंतजार कर रहे हैं, हमें सुनवाई करने और निर्णय लेने दीजिए.''
पीठ ने परीक्षा रद्द करने, पुन: परीक्षा कराने और पांच मई को हुई परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं से यह दिखाने के लिए कहा कि प्रश्न पत्र ‘‘व्यवस्थागत'' तरीके से लीक किया गया और उससे पूरी परीक्षा पर असर पड़ा, इसलिए इसे रद्द करना जरूरी है. सीजेआई ने कहा, ‘‘पुन: परीक्षा कराने के लिए यह ठोस आधार होना चहिए कि पूरी परीक्षा की शुचिता पर असर पड़ा है.''
(भाषा इनपुट्स के साथ)
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