NEET पेपर लीक मामले में एक के बाद एक बड़े खुलासे हो रहे हैं. अभी तक इस मामले में जितनी भी जानकारी निकलकर सामने आ रही है उससे ये तो साफ है कि इस पूरे कांड में पैसे और रसूख का पूरा इस्तेमाल किया गया था. आरोपियों ने परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के लिए हर एक अभ्यार्थियों से 30 से 32 लाख रुपये तक वसूले गए हैं. वहीं इन अभ्यार्थियों को रखने के लिए सरकारी गेस्ट हाउस का भी इस्तेमाल भी किया गया है. इस मामले को लेकर बिहार पुलिस की जांच में पता चला है कि इस कांड के पीछे जो गिरोह सक्रिय था उसने इन अभ्यार्थियों को रुकवाने के लिए पटना में NHAI के गेस्ट हाउस में बुकिंग की थी. छात्रों से लाखों रुपये लेने के बाद उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले ना सिर्फ प्रश्न पत्र दिए गए बल्कि उन्हें इन तमाम प्रश्नों के उत्तर भी रटवाए गए थे. और ये सारा खेल हुआ NHAI के गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 404 से.
इस मामले में बिहार पुलिस ने अभी तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें वो अभ्यार्थी भी शामिल हैं जिन्होंने इस गिरोह को पैसा देकर पहले ही NEET का प्रश्न पत्र हासिल कर लिया था. इस मामले में गिरफ्तार एक अभ्यार्थी ने पुलिस के सामने अपनी गलती कबूली है. इस कबूलनामें अनुराग नाम के एक अभ्यार्थी ने माना है कि उसे परीक्षा से पहले जो प्रश्नपत्र दिया था वही सवाल अगले दिन परीक्षा में भी पूछे गए थे. पुलिस के अनुसार इस मामले के मास्टमाइंड सिकंदर ने अपने साले की पत्नी रीना यादव और रीना के बेटे अनुराग यादव समेत कुछ अन्य अभ्यर्थियों को NHAI के गेस्ट हाउस में रुकवाया था.
बिहार पुलिस से सुड़े सूत्रों के अनुसार पटना स्थित NHAI के गेस्टहाउस स्थित कमरा नंबर 404 में कई अभ्यार्थियों को पहले ही प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया गया था. कहा जा रहा है कि NHAI के गेस्ट हाउस में इन अभ्यार्थियों को रुकवाने के लिए एक मंत्री ने कथित तौर पर लेटर लिखा था. मंत्री द्वारा लिए गए लेटर संख्या 440 को आधार बनाते हुई इन लोगों को कमरा दिया गया था. हालांकि, पुलिस अभी इस दावे की जांच कर रही है. ये वही कमरा है जिसमें कई अभ्यार्थियों को उस रात प्रश्नों के उत्तर रटवाए जा रहे थे.
मिल रही जानकारी के अनुसार सॉल्वर गैंग ने सभी अभ्यार्थियों के रुकने की व्यवस्था कराई थी. बिहार पुलिस को शक है कि सॉल्वर गैंग ने जिन अभ्यार्थियों ने इस गिरोह से संपर्क किया था उनसे इस गैंग ने पेपर लीक करने को लेकर 35-40 लाख रुपये की मांग की थी. पुलिस को पटना की ही एक कॉलीनी से ऐसे कई दर्जन भर एटीएम कार्ड और पुराने चेक मिले हैं जो इस कांड में शामिल गिरोह के सदस्यों के नाम पर जारी किए गए थे. बिहार पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें पांच अभ्यार्थी भी शामिल हैं. पुलिस ने इस कांड के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले सिकंदर यादवेंदु को भी गिरफ्तार कर लिया है.
NEET पेपर का समझिए बिहार कनेक्शन
NEET पेपर लीक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है. लेकिन आज हम आपको बताते हैं कि इसका खुलासा बिहार में हुआ था. इस मामले में सबसे पहली FIR 5 मई 2024 को पटना के शास्त्री नगर थाने में हुई थी. इस FIR के तहत IPC की धारा 407, 408, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद बिहार के कई राज्यों में छापेमारी करते हुए 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया. मामले जांच आगे बढ़ी तो बिहार पुलिस ने आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी का गठन किया है.
आखिर FIR में क्या था
पटना के शास्त्री नगर थाना में इस मामले को लेकर जो FIR दर्ज की गई उसके मुताबिक इस परीक्षा का पेपर लीक करने के पीछे एक संगठित गिरोह का हाथ है. साथ ही इस मामले में अभ्यर्थी और परीक्षा आयोजकों की मिली भगत भी सामने आई है. पुलिस को इस मामले की जांच के दौरान पता चला कि इस परीक्षा का पेपर एक दिन पहले ही अभ्यार्थियों के पास पहुंच गया था.
परीक्षा हॉल तक ऐसे पहुंचता है प्रश्नपत्र
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर NEET का प्रश्नपत्र परीक्षा हॉल तक कैसे पहुंचता है. आपको बता दें कि NEET-UG 2024 में 32 पन्नों का बुकलेट था. हर बुकलेट पर सीरियल कोड मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा होता है. ऐसी लिखावट प्रिंटिंग प्रेस में ही पूरा किया जाता है. इसके बाद इन सभी बुकलेट को वेयर हाउस और फिर वहां से जिला मुख्यालय तक पहुंचाया जाता है. प्रिंटिंग प्रेस से लेकर जिला मुख्यालय तक पहुंचाने के क्रम में प्रश्नपत्र की सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम रहते हैं. परीक्षा वाले दिन की सुबह जिला मुख्यालय से सभी परीक्षा केंद्रों पर इन प्रश्नपत्रों को पहुंचा दिया जाता है.
आरोपी अमित आनंद ने किया था कबूल
इस मामले के एक आरोपी जिसका नाम अमित आनंद के रूप में की गई है, ने शास्त्री नगर थाने के दारोगा तेज नारायण सिंह के समक्ष बयान दिया था. इस बयान में उसने कहा था कि उसने ही अभ्यार्थियों को NEET परीक्षा के प्रश्न पत्र का उत्तर रटवाया था.