NEET-UG पेपर लीक मामले की सुनवाई के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में नई तारीख मिल गई. इस केस की सुनवाई अब 18 जुलाई को होगी. गुरुवार की सुबह इस एग्जाम को देने वाले कई छात्र और उनके परिजन न्याय की आस में सुप्रीम कोर्ट के बाहर जमा थे. आखिरी वक्त पर मामले की सुनवाई टलने की खबर से वे निराश नजर आए. हालांकि उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि देर-सवेर उनको न्याय जरूर मिलेगा. एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में सुप्रीम कोर्ट के बाहर मौजूद एक ऐसे ही छात्र के पिता हरिओम दुबे काफी भावुक नजर आए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से हाथ जोड़कर गुहार लगाते हुए कहा- 'सीजेआई सर, मुन्नाभाइयों से इस देश को बचा लीजिए.'
'हम लोग बहुत डिप्रेशन में हैं'
एनडीटीवी इंडिया के बातचीत में हरिओम दुबे ने बताया कि उनके बच्चे ने भी नीट की परीक्षा दी थी. वह फैसला जानने के लिए ही सुप्रीम कोर्ट आए थे. सुनवाई 18 जुलाई तक टलने पर दुबे ने कहा कि वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. बेहद भावुक नजर आ रहे दुबे ने कहा कि मन में कभी कभी संशय पैदा हो जाता है. उनके शब्दों में, 'न्याय अगर देर से मिलता है, तो वह न्याय नहीं रह जाता है. हम लोग बहुत ज्यादा डिप्रेशन में हैं. हम ही अकेले नहीं हैं. 23 लाख परिवार में जो बच्चे हैं, वह भी हताश हैं.'
'कितना दर्द है, बयां नहीं कर सकते हैं'
हरिओम दुबे ने कहा कि इस परीक्षा में बहुत से बच्चों ने अच्छा स्कोर किया है. लेकिन चीटिंग वाले बच्चों से वह जीत नहीं पा रहे हैं. ऐस में ईमानदार बच्चों के परिवार बहुत दुखी हैं.पता नहीं ऐसे बच्चों के परिवारों का दर्द सीजेआई तक पहुंचा पा रहा है या नहीं. दुबे ने कहा कि हम कितनी पीड़ा में हैं, यह शब्दों में बयां करना मुश्किल है.
'CJI सर, प्रभु की तरह इन मुन्नाभाइयों से देश को बचाइए'
दुबे आगे कहते हैं अगर उन्हें इस मामले में न्याय मिलेगा तो खुशी मिलेगी. उनके बच्चे को न्याय न भी मिले, लेकिन मुन्नाभाइयों को अंदर जरूर करना चाहिए. उन्होंने सीजेआई से अपील करते हुए कहा, 'सीजेआई सर मेरी हाथ जोड़कर विनती है, हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को बचा लीजिए. मेरी करबद्ध प्रार्थना है सीजेआई से की इस देश को मुन्नाभाइयों से बचा लीजिए. हमें न्याय मिले या न मिले. इस देश का भविष्य खतरे में है. मुन्नाभाई सिस्टम में न जाएं.आपका बेटा या फिर पोता ऐसे मुन्नाभाइयों के पास जा सकता है. इसलिए प्रभु की तरह इस व्यवस्था को बचाइए. आप ही यह कर सकते हैं.'