देश के करोड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य तय करने वाली तमाम परीक्षाओं को लेकर बीते कई साल से सवाल खड़े हो रहे हैं, लेकिन इन दिनों ये सवाल तब और गाढ़े हो गए जब देश की सबसे बड़ी परीक्षा NEET-UG का पेपर लीक होने की ख़बरें सामने आईं. कई राज्यों में इसे लेकर जांच तेज़ चल रही है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद नीट में ग्रेस मार्क्स का मुद्दा तो हल हो गया लेकिन पेपर लीक के आरोप और गहरे हो गए. ये चल ही रहा था कि 18 जून को हुई एक और महत्वपूर्ण परीक्षा UGC-NET 19 जून को रद्द कर दी गई. गृह मंत्रालय से जुड़ी National Cyber Crime Threat Analytics Unit के इनपुट्स के बाद इस परीक्षा को रद्द करने का फ़ैसला किया गया और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. जहां NEET-UG की परीक्षा में 23 लाख 33 हज़ार से ज़्यादा छात्र बैठे थे, वहीं UGC-NET परीक्षा में 9 लाख से ज़्यादा छात्र बैठे. UGC-NET की परीक्षा देश भर के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पद और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए होती है.
एनटीए को नया रूप दिया जाएगा
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि यूजीसी नेट प्रश्नपत्र लीक, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की संस्थागत विफलता है. सरकार, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में आमूलचूल बदलाव करने जा रही है. पेपर लीक की समस्या से जूझ रहे एनटीए को नया रूप दिया जाएगा. इसके लिए एक हाई लेवल कमेटी गठित की जा रही है. यह कमेटी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को बेहतर बनाने के लिए सरकार को अपनी सिफारिशें देगी. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक एनटीए के स्ट्रक्चर, एनटीए की फंक्शनिंग, परीक्षा प्रक्रिया, पारदर्शिता, डाटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को बेहतर करने के लिए यह उच्च स्तरीय कमेटी शिक्षा मंत्रालय को अपनी सिफारिश देगी. शिक्षा मंत्री ने यूजीसी नेट को लेकर बताया कि डार्क नेट में इसके प्रश्न आ गए थे. उन प्रश्नों को असली प्रश्न पत्र के साथ टैली करवाया गया. जब यह स्पष्ट हो गया कि ये प्रश्न यूजीसी नेट के असली प्रश्नों के साथ मिलते हैं, तो पेपर रद्द करने का फैसला लिया गया.
शिक्षा मंत्री ने किया वादा
नीट को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि नीट में जो लाखों में मेधावी विद्यार्थी बहुत मेहनत से परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफल हुए हैं, उनके हितों का भी हमने ध्यान रखना है. उन्होंने नीट मामले में पटना पुलिस के कार्य की सराहना की और कहा कि कुछ जानकारी अभी आनी बाकी है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम पटना पुलिस की जांच से संतुष्ट हैं. पटना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बातचीत हो रही हैय इस विषय में बिहार पुलिस कुछ और अनुसंधान कर रही है. धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष से इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने का अनुरोध किया है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वह मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं. इस पूरे चक्र में जो भी जिम्मेदार होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा. प्रधान ने तेजस्वी यादव के पीए के संबंध में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. शिक्षा मंत्री ने सभी छात्रों से अनुरोध करते हुए कहा कि किसी प्रकार की अफवाह में मत जाइए. सभी तथ्य सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हैं. नीट में टॉपर्स की संख्या पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोविड के दौरान एनसीईआरटी और सीबीएसई ने अपने सिलेबस को कम किया था. नीट इस घटाए गए सिलेबस के आधार पर हुई थी.
UGC NET परीक्षा में कब क्या हुआ?
- 18 जून को परीक्षा हुई
- 9,08,580 परीक्षार्थी
- 317 शहर, 105 परीक्षा केंद्र
- गृह मंत्रालय को गड़बड़ी के सुराग़
- National Cyber Crime Threat Analytics Unit की रिपोर्ट
- 19 जून को परीक्षा रद्द
- CBI को जांच सौंपी गई
- फिर से परीक्षा होगी
UGC NET परीक्षा को लेकर NTA से कई सवाल
- कितने विषयों के पेपर लीक?
- एक पेपर लीक तो पूरी परीक्षा रद्द क्यों?
- 2018 से कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट(CBT)
- इस बार पेन-पेपर से परीक्षा क्यों?
- छात्रों की परेशानी का जवाबदेह कौन?
क्या है UGC NET परीक्षा?
- UGC की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा
- पहला पेपर Logical Reasoning का
- पहला पेपर सबके लिए समान
- दूसरा पेपर विषय विशेष पर
- दूसरा पेपर 83 विषयों में
- मास्टर्स डिग्री वाले परीक्षार्थी
- साल में दो बार होती है परीक्षा आयोजित
- विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पद की भर्ती के लिए
- जूनियर रिसर्च फ़ेलोशिप
NEET पेपर लीक में अब तक क्या हुआ?
- उम्मीदवारों-माफ़िया का क़बूलनामा
- माफ़िया से बरामद मोबाइल फोन
- वो ठिकाना जहां पेपर रटवाए गए
- जले हुए प्रश्नपत्र बरामद
- ओएमआर शीट बरामद
- भुगतान का पोस्ट डेटेड चेक
- अब तक 13 आरोपी गिरफ़्तार
- चार आरोपियों ने जुर्म क़बूल किया
- अमित आनंद, नीतीश ने पेपर लीक कराए
- सिकंदर भी है अहम रोल
- आर्थिक अपराध शाखा(EOW)द्वारा जांच
UGC के पूर्व सचिव ने क्या कहा?
सालों से परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों की परेशानी की जवाबदेही आख़िर कौन लेगा? इतने सालों से पेपर लीक होने की ख़बरें आती हैं, ऐसे मामलों को गंभीरता से क्यों नहीं लिया जाता? वो लोग कौन हैं, जो पेपर लीक कराते हैं? उस माफ़िया की पहुंच कहां तक है? इन सवालों पर यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के पूर्व सदस्य एमएम अंसारी ने कहा कि यह किसी एक सरकार की बात नहीं है. एनटीए और यूजीसी को हेड करने वाले लोग ईमानदार और विशेषज्ञ होने चाहिए. आज के डेट में प्रोफेशनली कंपीटेंट लोग इन संस्थाओं में नहीं हैं. उनके पास अनुभव की कमी है. उनके आसपास के ईमानदार लोग भी नहीं हैं. शिक्षा मंत्री ने पेपरलीक की जिम्मेदारी ली, मगर इन संस्थाओं को चलाने वाले लोगों ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली. ऐसे लोगों पर सरकार को फौरी तौर पर ऐक्शन लेना चाहिए था.
अन्य एक्सपर्ट्स की राय
शिक्षाविद लतिका गुप्ता ने कहा कि विकेंद्रीकृत शिक्षा व्यवस्था ही पेपरलीक का विकल्प है. समाज को मिलकर इसमें काम करना होगा. जिन राज्यों में संस्थाएं हैं, तो उन्हें अपने राज्य के लिए खुद डॉक्टरों-इंजीनियरों का मूल्यांकन करना चाहिए. सर्वोदय विद्यालय के प्रिंसिपल अवधेश कुमार झा ने कहा कि एक नौजवान के साथ उसके पूरे परिवार का भविष्य दांव पर लगा होता है. एनटीए के परीक्षा लेने के बाद से सिस्टम ठीक हुआ है. जो थोड़ी-बहुत गड़बड़ियां हैं, उन्हें भी ठीक किया जाना चाहिए. वेदांतु के लीड मैथ्स टीचर हर्ष प्रियम ने भी सिस्टम में सुधार का सुझाव दिया.