एनडीटीवी इंडिया के सौरभ शुक्ला को देश का प्रतिष्ठित रेड इंक अवार्ड मिला है. ये अवार्ड उन्हें टीवी पत्रकारिता की राजनीति की श्रेणी में मिला है. सौरभ ने अपनी ख़बर में दिखाया था कि किस तरह लॉकडाउन के बाद खाने के संकट से जूझ रहे लोग राशन दुकानों पर खड़े हैं और उन्हें राशन मिलना मुश्किल हो रहा है. इस ग्राउंड रिपोर्ट की तब भी काफी चर्चा हुई थी. स्टोरी में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के उस दावे की पड़ताल की गई थी जिसमें कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान कई सेंटरों पर लोगों के खाने के इंतजाम किए गए हैं. लॉकडाउन के दौरान 7 अप्रैल को केजरीवाल ने कहा था कि जिनके पास राशनकार्ड नहीं हैं उनके खाने का इंतजाम भी हम आठ अप्रैल से करेंगे.
सोचा जा सकता है कि 24 मार्च को तालाबंदी हुई और 8 अप्रैल तक उन लोगों को ठीक से खाना भी नहीं मिला होगा जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं. ऐसे प्रवासी मजदूर जिनके पास राशन कार्ड नहीं हों, उनके लिए ऐसे नियम बनाए गए कि वेबसाइट पर जाकर पंजीयन करें. इस समय पर वेबसाइट भी काम न करें तो ऐसे लोगों की पीड़ा सहज ही समझी जा सकती है, सौरभ ने विभिन्न केंद्रों पर केंद्रों पर जाकर ऐसे लोगों से बात करके उनकी पीड़ा जानी थी जिन्हें राशन कार्ड न होने के कारण तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा. उनकी इस स्टोरी को सभी की काफी प्रशंसा हासिल हुई थी.