एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 - 'द इंडिया सेंचुरी' (NDTV World Summit 2024 - The India Century) का सोमवार सुबह आगाज हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर 'एनडीटीवी वर्ल्ड' चैनल लॉन्च किया. दुनिया की चिंताओं का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि दुनिया में मची उथल-पुथल के बीच भारत उम्मीद की एक किरण बना है. समिट में शामिल विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन सीमा पर 2020 वाली स्थिति बहाल हो गई है. सेना अब वहां पेट्रोलिंग करेगी. चीन के साथ धैर्य की रणनीति के कारण ये कामयाबी मिली है. वहीं उन्होंने कहा कि कनाडा का मुद्दा एक सामान्य पश्चिमी मुद्दा है.
समिट में यूके के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने भारत की क्षमताओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारत यकीनन रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच मध्यस्ता कर सकता है. वहीं भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने कहा कि यहां आकर उन्हें बहुत खुशी हुई. उन्होंने अपने जीवन का एक राज भी खोला. इनके अलावा कई बड़े कारोबारी, फिल्म और साहित्य के जुड़े बड़े नाम भी एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में शिरकत कर रहे हैं.
NDTV World Summit Highlights...
सर्वोदय कार्यक्रम को लेकर एम3एम फाउंडेशन की चेयरपर्सन पायल कनोडी
पायल कनोडी ने कहा कि सर्वोदय एक एकीकृत ग्राम विकास कार्यक्रम है, जो हरियाणा के नूंह में 82 गांवों को कवर करता है. इसका लक्ष्य स्मार्ट गांव बनाना और लोगों को स्थानीय विकास के लिए जवाबदेह बनाना है.
एम3एम फाउंडेशन के मिशन पर पायल कनोडिया
एम3एम फाउंडेशन की चेयरपर्सन और ट्रस्टी पायल कनोडिया ने कहा कि हमारा फाउंडेशन सामुदायिक विकास के उद्देश्य से विभिन्न पहलों पर ध्यान केंद्रित करता है. समाज को वापस लौटाने के विचार की जड़ें प्राचीन हैं.
और अधिक किफायती हो जाएंगे : ईवी के भविष्य पर कार्तिकेय हरियाणी
कार्तिकेय ने कहा कि ईवी बैटरियों की लागत आधी हो गई है, जो ईवी को और अधिक प्रतिस्पर्धी बना रही है. जैसे-जैसे भारत ऊर्जा परिवर्तन की ओर आगे बढ़ेगा, ईवी अधिक किफायती हो जाएंगी.
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में पश्चिम एशिया में भारत की भूमिका पर इजरायली राजदूत
इजरायली राजदूत ने कहा, "मैं भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका देखता हूं. भारत एक उभरती हुई शक्ति है और उसे दुनिया के लिए जो योगदान देना है वो बहुत बड़ा है, यह एक शक्ति केंद्र है. मैंने देखा है कि भारत यूएई के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए कैसे काम कर रहा है. पश्चिम एशिया हर गुजरते साल के साथ बढ़ता जा रहा है और इसमें भारत की भूमिका है."
फिल्म उद्योग में महिलाओं के लिए बेहतर मौका- श्रद्धा कपूर
श्रद्धा कपूर ने कहा, "मेरा मानना है कि हमारा उद्योग उसी तरह विकसित हो रहा है जैसे भारत विकसित हो रहा है. भारतीय सिनेमा भारतीय समाज के साथ प्रगति कर रहा है. अभिनेत्रियों के लिए सही अवसर पाने का ये एक अच्छा समय है, दर्शक अधिक खुले हुए हैं. ओटीटी प्लेटफार्मों आने के साथ, अभिनेत्रियों के पास बेहतर अवसर है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ बनने के लिए योग्य : मार्क मोबियस
वैश्विक निवेशक मार्क मोबियस ने कहा कि रूस-यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिल्कुल उपयुक्त मध्यस्थ हैं, क्योंकि भारत अभी तक एक न्यूट्रल देश की भूमिका में रहा है. उन्होंने कहा कि भारत ने न्यूट्रल रहने और सभी के प्रति निष्पक्ष रहने की अपनी क्षमता दिखाई है. इस कारण से रूस और यूक्रेन के बीच अच्छे मध्यस्थ के तौर पर भूमिका निभा सकता है.
भारत को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में स्थायी सीट पर उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था और जनसंख्या के हिसाब से यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में स्थायी सीट होनी चाहिए. भारत की ग्रोथ स्टोरी जारी है. फिलहाल, ये अभी शुरुआती दौर में है और आने वाले वर्षों में भारत विकसित राष्ट्र बन जाएगा.
एआई क्रांति का नेतृत्व करने में भारत सबसे आगे- अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की प्रबंध निदेशक
अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की प्रबंध निदेशक सुनीता रेड्डी ने कहा कि पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ आकांक्षात्मक बुद्धिमत्ता (एस्पिरेशनल इंटेलिजेंस) की बात की. मुझे लगता है कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ-साथ आकांक्षात्मक बुद्धिमत्ता में भी इस क्रांति का नेतृत्व करने में सबसे आगे है, लेकिन हमारे पक्ष में एक और आयाम है और वह है मानवीय बुद्धिमत्ता.
विकास की राह पर भारतीय अर्थव्यवस्था- सुधाकर अदापा
सुधाकर अदापा ने कहा, "हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था हैं, जो विकास की राह पर है, जो आने वाले वर्षों में भी जारी रहेगी. डिजिटल क्रांति ने भारत में अभूतपूर्व वृद्धि की है, छोटे, सड़क के किनारे वाले विक्रेताओं से लेकर उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों तक को देखें, हर कोई भुगतान और संचार के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा है."
भारत के पास निर्णायक नेतृत्व- बिजनेस मैन सुधाकर अदापा
भारतीय कारोबारी सुधाकर अदापा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूत जगह बनाने के लिए भारत के पास निर्णायक नेतृत्व है. सरकार द्विपक्षीय व्यापार के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है और इससे देश के लिए आगे की राह आसान हो रही है.
कनाडा में रहने वाले भारतीयों को घबराने की जरूरत नहीं- विदेश मंत्री
आज़ादी के बाद देश ने कई दशक गवा दिए. राजनीतिक अस्थिरता इसकी एक वजह रही. देश की तरक़्क़ी के लिए जरूरी विजन, नेतृत्व और राजनीतिक स्थिरता अभी है. ग्लोबल लेवल पर जब ज़रूरत पड़ेगी हम फ्रंट फुट पर खेलेंगे. कनाडा में रहने वाले भारतीयों को घबराने की जरूरत नहीं है.
पड़ोसी देशों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा, "हमारा पड़ोस लोकतांत्रिक है जिसका मतलब है कि राजनीतिक परिवर्तन होते रहेंगे. हम अक्सर उनकी राजनीति का विषय होंगे. हमें अपनी नीतियों में इसे शामिल करना होगा. अगर हम एक ऐसा देश होने का रिकॉर्ड बना सकते हैं जो एक विश्वसनीय मित्र है किसी भी मुसीबत में मदद को तैयार हैं, अगर वे समझते हैं कि ये देश भारत है जो उदार है, जो बड़ा है तो इससे बेहतर और क्या है."
रूस के साथ भारत के रिश्ते पर एस जयशंकर
एस जयशंकर ने कहा, "प्रधानमंत्री कल रूस जा रहे हैं. यदि आप आजादी के बाद भारत के साथ हमारे संबंधों को देखें, तो रूस ने हमारे हितों को प्रभावित करने के लिए कुछ भी नहीं किया है. आपके पास एक रूस है जो एशिया की ओर रुख कर रहा है. क्या एक एशियाई देश के रूप में हमें ऐसा नहीं करना चाहिए जो हमारे हितों के लिए क्या अच्छा है. ये सिर्फ रूसी तेल नहीं है, ये कोयला है."
ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का युग- एस जयशंकर
"हमने इस दशक में दिखाया है कि डिजिटल बुनियादी ढांचे के क्या फायदे हो सकते हैं. सबसे कम आय वाला व्यक्ति डिजिटल बुनियादी ढांचे से सबसे अधिक लाभ हासिल कर रहा है. हमने इस संबंध में बहुत अच्छा काम किया है. देखिए, हमारा चुनाव कितनी आसानी से चल रहा है. ज्यादातर बड़ी तकनीकी कंपनियां अमेरिका और अब चीनी हैं. हम अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग की ओर बढ़ रहे हैं."
भारत-अमेरिका रिश्तों को लेकर एस जयशंकर
एस जयशंकर ने कहा, "भारत-अमेरिका इस समय लगातार आगे बढ़े हैं. पिछले दस वर्षों में, हमारे बीच कई वैचारिक गतिरोध थे, हमने इसे पीछे छोड़ दिया. मुझे पूरा विश्वास है कि ये रिश्ता बहुत अच्छा चलेगा।"
हमारे बीच कुछ अनसुलझे मुद्दे हैं- भारत-चीन सीमा पर एस जयशंकर
"हम आर्थिक कायाकल्प की राह पर हैं. यदि आप इस सदी के विकास की भविष्यवाणी कर रहे हैं, तो आप भारत और चीन को नहीं छोड़ सकते हैं. हम पड़ोसी हैं. हमारे पास अनसुलझे सीमा मुद्दे हैं. दो बड़े पड़ोसी देश एक-दूसरे के आसपास उभरे हैं. समय सीमा आसान नहीं है. इसके लिए बहुत अधिक कौशल और कूटनीति की आवश्यकता होगी."
चीन के साथ सहमति 'धैर्य की रणनीति' का नतीजा : NDTV वर्ल्ड समिट में एस जयशंकर
एस जयशंकर ने कहा, "हम एलएसी पर गश्त को लेकर एक समझौते पर पहुंचे हैं. ये एक सकारात्मक विकास है. ये एक धैर्य की कूटनीति का परिणाम है."
भारत को लेकर पश्चिमी देशों की सोच पर क्या बोले एस जयशंकर
एस जयशंकर ने कहा, "जब मैं अमेरिका या यूरोप जाता हूं, तो वहां ऐसे देश होते हैं जो कहते हैं कि भारत के साथ काम करने का महत्व है. दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है कि कनाडा के साथ ऐसा नहीं हुआ."
एस जयशंकर ने बताया- क्यों कनाडा से वापस बुलाए राजनयिक
कनाडा के साथ बढ़ते विवाद को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडा ने हमसे अपने उच्चायुक्त को पुलिस जांच के अधीन करने के लिए कहा और हमने उसे वापस लेने का फैसला किया. वे खुद को जो लाइसेंस देते हैं, वो राजनयिकों पर लगाए गए प्रतिबंधों से बिल्कुल अलग है.
चीन के साथ धैर्य की रणनीति के कारण ये कामयाबी मिली है- LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर भारत-चीन सहमति पर विदेश मंत्री
चीन सीमा पर 2020 वाली स्थिति बहाल, 2020 की तरह पेट्रोलिंग करेगी सेना- एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में एस जयशंकर
विश्व में शक्ति संतुलन बदल रहा है. पश्चिम के देशों को इसे स्वीकार करने में थोड़ा वक्त लगेगा- विदेश मंत्री
कनाडा के मुद्दे पर क्या बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
भारत आगे बढ़ रहा है. कनाडा का मुद्दा एक सामान्य पश्चिमी मुद्दा और कनाडा विशिष्ट मुद्दा है. दुनिया के समीकरण बदल रहे हैं, अब गैर पश्चिम का भी बोलबाला है. पश्चिम को ये स्वीकार करने में समय लगता है.
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में एस जयशंकर
एस जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि भारतीय प्रतिभा और कौशल का महत्व दिन-ब-दिन बढ़ रहा है.
भारतीय स्किल हर दिन तेजी से आगे बढ़ रही है - विदेश मंत्री एस जयशंकर
2030 तक हम तीसरी बड़ी इकॉनमी बनेंगे- NDTV वर्ल्ड समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर
भारत में बेहतर हुआ जीवन- विश्व बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री रोमर
नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर पॉल माइकल रोमर ने कहा कि , "भारत में सरकार यूपीआई जैसे ऐप बनाकर खुश है. अमेरिका में ऐसा नहीं हुआ. भारत में लोग देख सकते हैं कि सरकार के तकनीकी और डिजिटल हस्तक्षेप के कारण उनका जीवन कैसे बेहतर हो गया है."
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों को भी आर्थिक वृद्धि से समझौता किए बिना टेक्नोलॉजी इनोवेशन का सहारा लेकर सुलझाया जा सकता है.
'एनडीटीवी वर्ल्ड समिट-2024' में अर्थशास्त्री पॉल रोमर
पॉल रोमर ने कहा कि प्रश्न ये है कि यदि हमें अवसर दिए जाते हैं तो हम उनका क्या करते हैं? अमेरिका को जो डिजिटल अवसर दिए गए थे, वे बर्बाद हो गए. भारत में नागरिकों की सरकारी योजना तक पहुंच बढ़ाने के लिए इसमें डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है.
भारत ने डिजिटल टेक का उपयोग कर नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारा, अमेरिका ने अवसर गंवाया- पॉल रोमर
नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर पॉल माइकल रोमर ने कहा कि जब अमेरिका में सिलिकॉन वैली तेजी से उभर रही थी, तब वो अपने नागरिकों का जीवन स्तर सुधारने में असफल रहा. वहीं, भारत ने करके दिखाया है कि कैसे डिजिटल टेक्नोलॉजी के जरिए 140 करोड़ लोगों की जिंदगी को बदला जा सकता है.
ग्लोबल साउथ को भारत के नेतृत्व पर भरोसा है- भूटान के पीएम
भूटान के पीएम ने कहा कि न केवल भारतीय भारत के नेतृत्व पर भरोसा कर रहे हैं, बल्कि ग्लोबल साउथ भी भारत के नेतृत्व पर भरोसा कर रहा है. ग्लोबल साउथ नेतृत्व के लिए भारत की ओर देख रहा है. वास्तव में, अगर कोई देश है जो आज की समस्याओं को हल कर सकता है, तो वो भारत है. दुनिया कोविड महामारी के बाद आर्थिक समस्याओं के लिए निदान के लिए भारत को एक बाजार के रूप में देख रही है. दुनिया ने टीकों और दवाओं के लिए भारत की ओर देखा, यहां तक कि रूस और यूक्रेन ने भी, अगर कोई व्यक्ति है जो इसे सुलझा सकता है, तो मेरा मानना है कि वो प्रधानमंत्री मोदी हैं.
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट: ये भारत की सदी- भूटान के प्रधानमंत्री
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने कहा, "दुनिया को भारत की ज़रूरत है. भारत की आबादी दुनिया में सबसे बड़ी है. ये बढ़ रही है और इसके जल्द 1.6 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है. भारत की अर्थव्यवस्था भी तेजी से बढ़ रही है. ये 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गई है. अगर कोविड नहीं होता तो इसे 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करना चाहिए था. हर पैमाने पर ये भारत की सदी है."
भूटान के पीएम ने खोला राज
इस अवसर पर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने एक राज भी खोला कि उनका जन्म भारत में हुआ था. पीएम तोबगे ने बताया, "मेरे साथी भी इस बात को नहीं जानते हैं कि मेरा जन्म भारत में हुआ था. 1965 में मेरा जन्म कैलेपोंग में हुआ था. मेरे पैरेंट्स यहां पोस्टेड थे और इसी दौरान मेरा जन्म हुआ. मेरी केजी से 10वीं तक की पढ़ाई भारत में ही हुई थी. मैंने 11 साल तक भारत में पढ़ाई की थी."
यहां आकर उन्हें बहुत खुशी हुई- भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने एनडीटीवी के वर्ल्ड समिट 2024 में कहा कि यहां आकर उन्हें बहुत खुशी हुई. उन्होंने कहा, "यह बहुत आगे तक जाएगा. पिछले कुछ वर्षों में एनडीटीवी जिस तरह से विकसित हुआ है, उसे देखते हुए यह न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर अलग पहचान बना चुका है."
मेरा आइडिया सुन रोने लगी थी मां- जेप्टो के फाउंडर आदित्य पालिचा
जेप्टो के फाउंडर आदित्य पालिचा ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 में बताया कि जब उन्होंने 18 साल की उम्र में स्टेनफोर्ड यूनिवसिर्टी की पढ़ाई बीच में छोड़कर पैरेंट्स से एक ऐप खोलने के बारे में कहा, तो उन्होंने क्या कहा. आदित्य ने बताया, ये सुनकर मेरी मम्मी रोने लगी थीं. वह सोच रही थीं कि उनके बेटे का ब्रेन वॉश कर दिया गया है.
...मोबाइल फोन पूरी तरह से भारत में ही बनेंगे : सुनील मित्तल
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में सुनील भारती मित्तल ने कहा कि कुछ समय बाद आप देखेंगे कि मोबाइल फोन पूरी तरह से भारत में ही बनेंगे. पीएम मोदी ने पिछले हफ्ते ही कहा था कि हम सेमीकंडक्टर भी भारत में ही बनाएगा... तो वो दिन दूर नहीं, जब मोबाइल पूरी तरह से मेड इन इंडिया होगा.
एआई के इस्तेमाल से कुछ नौकरियां कम हो गईं, लेकिन...: सुनील भारती मित्तल
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में सुनील भारती मित्तल ने कहा, "एआई के इस्तेमाल से कुछ नौकरियां कम हो गईं, लेकिन नई नौकरियां आ रही हैं".
अब भारत में चीजें बन रहीं, इस्तेमाल हो रहीं और निर्यात हो रहीं: सुनील भारती मित्तल
भारत बड़ा वैश्विक बाजार है... ऐसे में भारत का विश्व व्यापार में योगदान के मुद्दे पर सुनील भारती मित्तल ने कहा, "भारत पिछले 10 सालों में बेहद बदल गया है. प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद लोकल पर बेहद जो दिया जा रहा है. अब भारत एक ऐसी जगह बन गया है, जहां स्थानीय स्तर पर चीजे बनाई जाती है, इस्तेमाल की जाती हैं और अब उसे दुनियाभर में निर्यात कर रहे हैं.
स्पैम कॉल पर एनडीटीवी समिट में बोले इंडस्ट्रलिस्ट सुनील भारती मित्तल
सुनील भारती मित्तल ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में स्पैम कॉल का जिक्र करते हुए कहा, पिछले कुछ समय से ये लोग इससे काफी परेशान हो रहे थे. इसके बाद हमने इस पर काफी काम किया. इसके बाद कस्टमर्स को कॉल आने पर पता चलने लगा कि आना वाला स्पैम कॉल है. इससे लोगों की काफी परेशानी कम हो गई है.
भारत सरकार आधार सिस्टम लाने में घबराई नहीं - नोबल विजेता पॉल माइकल रोमर
अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता, विश्व बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री प्रोफेसर पॉल रोमर ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 में कहा कि भारत 'आधार' को लाने में घबराई नहीं. भारत में आधार जैसे कदम ने लोगों को एक अस्तित्व दिया है.
FTA के लिए भारत-यूके को करने होंगे और प्रयास- डेविड कैमरन
भारत-यूके एफटीए पर ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा, "इसे संभव बनाने के लिए दोनों पक्षों को और अधिक प्रयास करना चाहिए. हम और अधिक निवेश चाहते हैं. भारत को भी निवेश की जरूरत है. हम दोनों को मेज पर और बातें लानी चाहिए. हमें राजनीतिक स्तर पर जोखिम उठाने की जरूरत है. अग्रणी ब्रिटिश कंपनी जगुआर-लैंड रोवर का अधिग्रहण करने की रतन टाटा के नेतृत्व वाली पहल बेहद महत्वपूर्ण थी. यह भारत की बढ़ती क्षमता उदाहरण था."
रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच मध्यस्ता कर सकता भारत- डेविड कैमरन
यूके के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत यकीनन रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच मध्यस्ता कर सकता है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युद्ध के बीच यूक्रेन और रूस का दौरा किया है.
डेविड कैमरन ने कहा- मुझे भारत की क्षमताओं पर शुरुआत से विश्वास
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट ने यूके के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा, "2005 में जब मैं कंजर्वेटिव पार्टी का अध्यक्ष बना, तो यूरोप से बाहर भारत पहला देश था, जिसका मैंने दौरा किया. इसके बाद 2010 में जब मैं प्रधानमंत्री बना, तब भी मैंने भारत का सबसे पहले दौरा किया था. मुझे भारत की क्षमताओं पर शुरुआत से विश्वास रहा है. भारत को संयुक्त राष्ट्र सिक्योरिटी काउंसिल में स्थायी सीट मिलनी चाहिए, मौजूदा दौर में यह भारत का अधिकार है."
दुनिया बदल रही... UNSC में भी बदलाव की बेहद जरूरत- डेविड कैमरन
यूके के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने एनडीटीवी समिट में कहा, "दुनिया तेजी से बदल रही है, ऐसे में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनी संस्थाओं में बदलाव की बेहद जरूरत है. हम देखते हैं कि भारत इस सदी में तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसलिए बेशक हमें विश्व संस्थाओं में बदलाव करना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र सिक्योरिटी काउंसिल में भी बदलाव की बेहद जरूरत है."
आज के युग की बड़ी जरूरतें हैं - स्थिरता, स्थायित्व और समाधान- PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का ये समय मानव इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण समय है. ऐसे में आज के युग की बड़ी जरूरतें हैं - स्थिरता, स्थायित्व और समाधान. ये मानवता के बेहतर भविष्य के लिए सबसे जरूरी शर्तें हैं. और भारत आज यही प्रयास कर रहा है. इसमें भारत की जनता का एकनिष्ठ समर्थन है.
पीएम मोदी बोले- भारत के पास एक नहीं दो AI
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आज भारत के पास advantage है, जो इस सदी को भारत की सदी बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. आप सब जानते हैं कि ये AI का दौर है. दुनिया का वर्तमान और भविष्य AI से जुड़ा हुआ है. लेकिन भारत के पास डबल AI power की advantage है. हमारे पास दूसरी AI भी है - एस्पिरेशनल इंडिया. जब AI की ताकत Aspirational India से मिलती है, तो विकास की गति तेज होना स्वाभाविक है."
विकसित भारत के संकल्प में 140 करोड़ भारतीय जुटे- PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा, "ऐसा नहीं है कि ये सरकार ने तय कर लिया और टारगेट सेट हो गया. विकसित भारत के संकल्प में 140 करोड़ भारतीय जुटे हुए हैं. जब भारत ने विकसित भारत के संकल्प का विजन शुरू किया, तो हजारों लोगों ने अपने सुझाव हमें भेजे. स्कूल, कॉलेज, यूनिवसिर्टी में डिबेट हुए. जनता से जो सुझाव मिले, उससे भारत के 25 साल के लक्ष्य तैयार हुए. विकसित भारत पर डिबेट आज हमारे चैतन्य का हिस्सा बन गया है."
पीएम मोदी बोले- भारत फॉरवर्ड लुकिंग के साथ आगे बढ़ रहा
पीएम मोदी ने कहा, "अब सफलता का मापदंड ये नहीं है कि हमने क्या पाया, बल्कि हमारा आगे का लक्ष्य है कि हमें कहां पहुंचना है. हम उस ओर देख रहे हैं. कहां तक पहुंचे, कितना पहुंचे, कितना बाकी है, यानि एक नई अप्रोच के साथ मैं पूरी सरकारी मशीनरी के साथ काम ले रहा हूं. अब भारत फॉरवर्ड लुकिंग के साथ आगे बढ़ रहा है. 2027 तक विकसित भारत का संकल्प भी इसी सोच को दिखाता है. अब हम देखते हैं कि विकसित भारत का जो हमारा संकल्प है, उसकी कितनी राह हमने तय कर ली है."
अब हम बीते हुए कल और आज की तुलना करके आराम फरमाने वाले लोग नहीं- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, "आज भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है. इस युवा देश की क्षमता हमें आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है. इसके लिए हमें अभी कुछ करना है. बहुत तेजी से करना है. आज भारत की सोच और अप्रोच में जो बदलाव आया है, उसे सभी अनुभव कर रहे होंगे. आम तौर पर जो परंपरा रही है और वो स्वभाविक भी है. हर सरकार पिछली सरकारों के कामों से तुलना करती है. और इससे संतोष भी मान लेती है कि चलो हमले बेहतर किया. ये तुलना लगभग 10-15 सालों से होती है. हम भी इस परंपरा पर चलते थे, लेकिन हमें वो रास्ता भी रास नहीं आ रहा है. अब हम बीते हुए कल और आज की तुलना करके आराम फरमाने वाले लोग नहीं हैं."
PM मोदी ने दिखाई 125 दिन के काम की लिस्ट
- 125 दिन में गरीबों के लिए 3 करोड़ पक्के घरों को मंजूरी
- 9 लाख करोड़ के इंफ्रा प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ है
- 15 नई वंदे भारत चली हैं, 8 नए एयरपोर्ट पर काम
- युवाओं के लि 2 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया है
- किसानों के खाते में 21 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर
- 70 साल से अधिक बुजुर्गों को 5 लाख तक मुफ्त इलाज
- 5 लाख घरों में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं
- मां के नाम अभियान में 90 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं
- सेंसेक्स और निफ्टी में 6-7 पर्सेंट की ग्रोथ हुई है
- फोरेक्स 650 बिलियन डॉलर 700 बिलियन डॉलर के पार
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की उपलब्धियों की लिस्ट लंबी है. यह तो बस 125 दिन हैं. इन 125 दिन में दुनिया भारत में किन विषयों पर चर्चा करने आए हैं. भारत में डिजिटल फ्यूचर पर चर्चा करने के लिए इंटरनैशनल असेंबली हुई. भारत में ग्लोबल फिनटैक फेस्टिबल हुआ.
पहले 125 दिनों में गरीबों के लिए 3 करोड़ घर बनाने को मंजूरी दी- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, "भारत में चर्चा हो रही है द इंडियन सेंचुरी, भारत की शताब्दी! भारत उम्मीद की एक किरण बना है, ऐसे समय पर जब दुनिया कई मुद्दों को लेकर चिंतित है. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 125 दिन पूरे हुए हैं. पहले 125 दिनों में गरीबों के लिए 3 करोड़ घर बनाने को मंजूरी दी गई है 125 दिनों में 5 लाख घरों में सोलर पैनल लगाए गए. 125 दोनों में स्टॉक मार्केट में 6% से 7% तक ग्रोथ हुआ है."
दुनिया में मची उथल-पुथल के बीच भारत उम्मीद की एक किरण- पीएम मोदी
दुनिया की चिंताओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "दुनिया में मची उथल-पुथल के बीच भारत उम्मीद की एक किरण बना है. जब दुनिया चिंता में डूबी है तब भारत आशा का संचार कर रहा है. हमें फर्क पड़ता है. चुनौतियां भारत के सामने भी हैं, लेकिन एक सेंस ऑफ पॉजिटिविटी यहां है, जिसें हम फील कर रहे हैं, आज भारत हर सेक्टर और क्षेत्र में जिस तेजी से काम कर रहा है] वह अभूतपूर्व है. भारत की स्पीड, भारत का स्केल अभूतपूर्व है.
दुनियाभर में भविष्य को लेकर चिंता: PM मोदी
पीएम मोदी ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 का आगाज करते हुए कहा, "इस समिट में आप लोग अनेक विषयों पर चर्चा करने जा रहे हैं. अलग-अलग सेक्टर से जुड़े ग्लोबल लीडर भी अपनी बात रखेंगे. साथियों हम लोग पिछले 4-5 साल के कालखंड को देखें, तो ज्यादातर चर्चाओं में एक बात कॉमन रही है. और वो बात है चिंता. भविष्य को लेकर चिंता. कोरोना काल के समय चिंता रही कि ग्लोबल पेंडिमिक से कैसे निपटें."
'एनडीटीवी वर्ल्ड' चैनल लॉन्च
पीएम मोदी ने 'एनडीटीवी वर्ल्ड' चैनल को लॉन्च कर दिया है. ये चैनल कई देशों में दिखाई देगा.
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 - द इंडिया सेंचुरी का आगाज
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 - द इंडिया सेंचुरी का आगाज हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंच गए हैं.
थोड़ी देर में होगा NDTV वर्ल्ड समिट का आगाज
NDTV World Summit: बारबाडोस की प्रधानमंत्री जलवायु परिवर्तन पर बोलेंगी
NDTV वर्ल्ड समिट 2024 में बारबाडोस की प्रधानमंत्री मिया अमोर मोटले जलवायु परिवर्तन पर बोलेंगी. हालांकि, सभी की निगाहें पीएम मोदी पर टिकी होंगी, जो 'द इंडिया सेंचुरी' के लिए अपना दृष्टिकोण बताएंगे.
NDTV World Summit: एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 में शिरकत करेंगे 3 मौजूदा प्रधानमंत्री
सज गया NDTV समिट का मंच
NDTV समिट का मंच सज गया है... इसे लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं. कुछ ही समय बाद इसकी शुरुआत हो जाएगी. पीएम मोदी इस समिट का आगाज करेंगे. फिर कई दिग्गज NDTV समिट में शिरकत करेंगे.
भारत के विकासपथ ने पूरी दुनिया को आकर्षित किया : पीएम मोदी
पीएम मोदी ने समिट को लेकर कहा है कि वह इसे संबोधित करने के लिए उत्सुक हैं. भारत के विकास पथ ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है.
NDTV समिट में कई विषयों पर होगी बातचीत
NDTV समिट में कई विषयों पर बातचीत होगी, जिसमें तकनीकी विकास, सामाजिक सुधार और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे भी शामिल हैं. यह भारत के भविष्य के दृष्टिकोण को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा. यह समिट ना केवल भारत की कूटनीतिक क्षमता को प्रदर्शित करेगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि कैसे भारत अंतरराष्ट्रीय सहयोग, सुरक्षा और विकास के लिए एक सक्रिय भूमिका निभा रहा है.
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर इन मुद्दों पर राय रखेंगे
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर 'एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 - द इंडिया सेंचुरी' में वैश्विक मुद्दों पर अपनी राय रखेंगे. वहीं, समिट में अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता और विश्व बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री प्रोफेसर पॉल रोमर, लेखक और इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल भी हिस्सा लेंगे.
NDTV World Summit को संबोधित करने के लिए उत्सुक- PM मोदी
पीएम मोदी ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, "मैं 'द इंडिया सेंचुरी' पर NDTV World Summit को संबोधित करने के लिए उत्सुक हूं. भारत के विकास पथ ने वास्तव में वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है. हमारी युवा शक्ति हमारे देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है. मैं भारत की प्रमुख प्रगति के बारे में बात करूंगा और हम एक वैश्विक उज्ज्वल स्थान क्यों बने रहेंगे."
एनडीटीवी के लिए बहुत बड़ी नई शुरुआत- NDV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया
एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने कहा, "यह एनडीटीवी के लिए बहुत बड़ी नई शुरुआत है. हम जो एनडीटीवी वर्ल्ड समिट कर रहे हैं उसकी थीम है 'इंडिया सेंचुरी.' इसमें चार सिटिंग प्राइम मिनिस्टर मौजूद होंगे. प्रधानमंत्री मोदी के अलावा भूटान, जमैका और बरबाडोस के प्रधानमंत्री हमारे साथ बातचीत करेंगे. इसके अलावा यूके के पूर्व प्रधानमंत्री लार्ड डेविड कैमरन भी शिरकत करेंगे."