एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 - द इंडिया सेंचुरी (NDTV World Summit 2024 - The India Century) के दूसरे दिन चर्चा के लिए पहुंचे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म स्नैपडील के को-फाउंडर कुणाल बहल ने अपने जीवन से जुड़ी कई अहम बातें की. उन्होंने अपने स्टार्टअप शुरू करने और उस रास्ते में आयी मुश्किलों पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि मुसीबत के समय खुद पर भरोसा ही काम आता है.
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने 2007 में अपनी जर्नी शुरू की थी, तब स्टार्टअप के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. 23 साल की उम्र में मैंने बिजनेस करने के बारे में सोचा था. तब स्टार्टअप जैसा कोई कॉन्सेप्ट नहीं था. तब आपके सामने दो ही रास्ते होते थे, नौकरी कीजिये या फिर व्यापार. 10 साल पहले भी कंपनियों के लिए तेजी से आगे बढ़ने और उसे फायदे में लाने को लेकर इको-सिस्टम काफी छोटा था, लेकिन अब ये बदल गया है.
उन्होंने कहा, भारत 100 मिलियन इंटरनेट यूजर्स से बढ़कर एक अरब से अधिक हो गया है और आय का स्तर भी बढ़ा है.
निवेशक ने कहा, "स्टार्टअप शब्द जानकारी में 2015 के आसपास आया, जब 'स्टार्टअप इंडिया' पहल को प्रचारित किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लॉन्च किया. पीएम मोदी ने स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया है. इसके कारण, स्टार्टअप को वैधता और मान्यता हासिल हुई."
बहल ने कहा, "हम आज ऐसी कई कंपनियों को देख रहे हैं जो शुरू के दो से तीन सालों में ही प्रॉफिट लाना चाहती हैं. क्या ये बेहतर नहीं है कि हम बिजनेस को स्थायी बनाने के इरादे से काम करें और बड़े लक्ष्य बनाएं."
कुणाल बहल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म स्नैपडील के को-फाउंडर हैं. उन्होंने कई कंपनियों में पैसा निवेश किया हुआ है. दिल्ली में पैदा हुए कुणाल ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली से ही पूरी की. बाद में वो हायर एजुकेशन के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया गए. कुणाल ने दो बार ग्रेजुएशन की है यानी उनके पास दो अलग-अलग सब्जेक्ट में बैचलर डिग्री है. उन्होंने अमेरिका के केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एग्जीक्यूटिव मार्केटिंग में भी पढ़ाई की है. इसका उद्देश्य अपनी बिजनेस स्किल्स को निखारना था. रिपोर्ट्स की मानें तो उनकी नेटवर्थ लगभग 2 हजार करोड़ रुपये है.