भोपाल में देश की सबसे बड़ी ड्रग्स फैक्ट्री का भांडाफोड़ (Bhopal Drug Factory Busted) हुआ है, जिसके बाद एनडीटीवी ने भोपाल की गलियों में स्टिंग ऑपरेशन किया. पुराने भोपाल के इतवारा से लेकर नए भोपाल में 74 बंगले, जहां मंत्री और आईएएस अधिकारी रहते हैं. पॉश बिट्टन मार्केट इलाका भी नशे के बारोबार की जद में है. भोपाल की सड़कों पर खुल्लम खुल्ला ड्रग्स का कारोबार चल रहा है. पुलिस के सामने से होते हुए यह ड्रग्स भोपाल के पॉश इलाकों से लेकर पुराने शहर की तंग गलियों में बिक रही है.
भोपाल में ड्रग फैक्ट्री का भंडाफोड़
दरअसल भोपाल के बाहरी इलाके में 6 अक्टूबर को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और गुजरात के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने एक जॉइंट ऑपरेशन किया था. जिसमें एक ड्रग्स बनाने वाली यूनिट का पता चला, जो इंडस्ट्रियल स्केल पर चल रही थी. अधिकारियों ने यहा से ठोस और तरल दोनों ही तरह का 907.09 किलो मेफेड्रोन जब्त किया. इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 1,814.18 करोड़ रुपये है. यह यूनिट हर दिन 25 किलो एमडी ड्रग बनाती है. भोपाल में की गई इस छापेमारी को अब तक का सबसे बड़ा ड्रग भंडाफोड़ बताया जा रहा है. इसके साथ ही अमित चतुर्वेदी और सान्याल बाने नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
NDTV का स्टिंग ऑपरेशन
ड्रग्स के इस रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए एनडीटीवी की टीम ने ड्रग्स का इस्तेमाल करने वालों से संपर्क किया. ड्रग्स का इस्तेमाल करने वाले,चाय-पोहे- पान की दुकानों पर काम करने वालों से लेकर कॉलेज के स्टूडेंट और ड्रग्स के दलाल तक से बातचीत की. जिसके बाद पता चला कि ड्रग्स का कारोबार भोपाल की हर गली-मोहल्ले तक फैल चुका है. यहां बेखौफ पैडलरों ने अपना नेटवर्क इतना मज़बूत कर लिया है कि पुलिस उनको छू तक नहीं सकती. इस पर सिर्फ दिखावे भर की कार्रवाई की जाती है. एक बार हॉटस्पॉट की पहचान हो जाने के बाद, ड्रग तस्करों को पकड़ने की प्लानिंग भी की गई.
ऐसे ड्रग्स बेचने वालों तक पहुंची NDTV की टीम
पुराने भोपाल के बुधवारा इलाके में फेमस हाजी साहब की लस्सी की दुकान और उमराव दूल्हा मस्जिद के पास एक पुलिस चौकी है, लेकिन दिन में ये बंद रहती है. एनडीटीवी टीम ने अपनी बाइक इसी चौकी के करीब खड़ी की और महज 100 मीटर की दूरी पर मौजूद मछली बाजार और उसके पीछे ड्रग्स बेचे जाने वाली जगह पर पहुंच गई.
15 सेकेंड में दे दिया चरस का पैकेट
डीलर यहां आंगन में बैठे रहते हैं. वे इशारों में संभावित खरीदारों को संकेत देते हैं. जैसे ही एनडीटीवी की टीम मौके पर पहुंची तो एक डीलर ने उन्हें रोक लिया. टीम ने उनसे चरस का एक पैकेट मांगा. 15 सेकंड के भीतर, डीलर झोपड़ी के अंदर गया और एक पैकेट लाकर उनको दे दिया. करीब 30 ग्राम चरस 300 रुपये की थी.
भोपाल में धड़ल्ले से बेचे जा रहे ये ड्रग्स
इस ऑपरेशन के दौरान हैश, मारिजुआना, ब्राउन शुगर, एमडी और एमडीएमए जैसे ड्रग के बेचे जाने का खुलासा हुआ. जिनको छोटे पैकेट में धड़ल्ले से बेचा जा रहा था.
ड्रग्स बेचने वालों ने NDTV की टीम को धमकाया
एनडीटीवी की टीम पैदल जब दूसरी गली में पहुंची तो उनको ड्रग बेचने वाले तीन लोग मिले. पूछताछ में उनको कुछ शक हो गया तो उन्होंने धमकाते हुए फोन दूर रखने के लिए कहा. टीम ने देखा कि ये लोग नशीली दवाओं से भरे बैग पकड़े लोगों और संभावित खरीदारों को इशारा कर रहे थे. एनडीटीवी टीम जैसे ही इतवारा की गलियों में पहुंची तो ड्रग तस्करों को कुछ शक हुआ और बाइक से उनका पीछा करने लगे. जिसके बाद टीम ने उनके छिपने की कोशिश की.
2-3 ग्राम MDMA की कीमत 20,000 रुपए
जैसे ही हमारी टीम भीड़भाड़ वाले बाजार में पहुंची तो ढके हुए चेहरे वाला शख्स उनके पास पहुंचा और उसने बनावटी आवाज में 2-3 ग्राम एमडीएमए के लिए 20,000 रुपये मांगे. उसने इस बात को माना कि ड्रग फैक्ट्री के भंडाफोड़ के बाद इलाके में पुलिस की चौकसी बढ़ गई है. उसको जैसे ही एहसास हुआ कि उसे बातों में फंसाया जा रहा है, उसे शक हो गया और उसका गुस्सा भड़क गया. उसने धमकी देना शुरू कर दिया, जिसके बाद हमारी टीम को वहां से वापस लौटना पड़ा.