उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आगामी 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होना है, जिसे लेकर आजकल तमाम दलों के नेताओं ने यहां डेरा जमा रखा है. इसी कड़ी में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी यूपी चुनाव को लेकर काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. उन्होंने बाबू सिंह कुशवाहा और वामन मेश्राम के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाया है. हालांकि यूपी चुनाव को राजनीतिक मायनों से योगी आदित्यनाथ-अखिलेश यादव के बीच देखा जा रहा है.
ऐसे में यूपी चुनाव में तीसरे मोर्चे की क्या पॉलिटिकल स्ट्रेटजी रहेगी? इसी तरह के कुछ चुनावी सवालों पर NDTV ने असदुद्दीन ओवैसी से खास बातचीत की.
सवाल- आपने एक नया तीसरा मोर्चा बनाया है. पहले आप उसके बारे में बताइए?
ओवैसी- हमारी पार्टी ने बाबू सिंह कुशवाहा, वामन मेश्राम और कश्यप समाज, बिंड समाज और अन्य दो पिछड़े समाज के दलों के साथ मिलकर एक 'भागीदारी परिवर्तन मोर्चा' को बनाया है.
आपके बारे में धारणा है कि आप मुस्लिम पॉलिटिक्स करते हैं? फिर बाबू सिंह कुशवाहा को क्यों मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं?
जवाब - कौन कहता है कि मैं मुस्लिम पॉलिटिक्स करता हूं? देखिए सबकी अपनी अलग-अलग राय हो सकती है. मगर मैं किसी समाज को उठाने की बात करता हूं, जो सबसे नीचे है, तो इसमें बुराई क्या है? अखिलेश यादव से पूछा जाए कि आप ही की पार्टी ने मुसलमानों का टिकट काट दिया, इस पर अखिलेश ने क्या कहा? अखिलेश ने कहा कि 'गंगा जमुना तहजीब.' 'गंगा जमुना तहजीब' यही है कि आप मुस्लिमों के टिकट काट देंगे?
सवाल - आपके बारे में कहा जाता है कि आप बीजेपी की टीम-बी हैं?
जवाब - मैं किसी का टीम-बी नहीं हूं. मोदी साहब तो इनके परिवार की शादियों में जाते हैं. मैं तो 2019 में चुनाव नहीं लड़ा, तो अखिलेश यादव कैसे हार गए? इन्हें मुसलमान का वोट चाहिए पर ये मुसलमानों के साथ दिखना नहीं चाहते हैं. आप देखिए कि आजम खान के साथ सपा ने इंसाफ नहीं किया. मैं तो मुसलमानों की भागीदारी की बात कर रहा हूं.
सवाल- आप 2017 में यूपी में भी चुनाव लड़े थे पर जमानत भी नहीं बची आपके उम्मीदवारों की?
जवाब- हम लोग सिर्फ चुनाव के करीब आकर प्रचार या मेहनत नहीं कर रहे हैं. पिछले पांच साल पहले जब विधानसभा का चुनाव हुआ था. तब वाकई हमारा परफॉर्मेंस नहीं था. मगर इन पांच साल के दरम्यान हमारी पार्टी ने बड़ी मेहनत की. संगठन पर भी हमने ध्यान दिया. यानी पहले से हमारे मुकाम, ताकत में काफी इजाफा हुआ है. इस बार यूपी में एआईएमआईएम को बहुत ज्यादा समर्थन मिलने वाला है.
सवाल- आपके बारे कहा जा रहा है कि आप अखिलेश यादव को हराने के लिए ज्यादा लड़ रहे हैं?
हम किसी को हराने के लिए नहीं लड़ रहे हैं. अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर से एक भी मुसलमान को नहीं दिया. अखिलेश यादव गंगा जमुनी तहजीब की बात करते हैं. लेकिन मुसलमानों को भागीदारी देने को तैयार नहीं हैं. ये कैसे हो रहा है स्वामी मौर्य सपा में और उनकी बेटी बीजेपी में? ये सबके सामने है, कौन किसकी B-टीम है.
ओवैसी ने आगे कहा, "भारत के मुसलमानों का जिन्ना और पाकिस्तान से कुछ लेना देना नहीं है. योगी आदित्यनाथ ठाकुरों के नेता हैं, मोदी जी पिछड़ों के नेता हैं. वहीं, अखिलेश यादव, यादवों के नेता हैं, तो कोई मुसलमानों का नेता क्यों नहीं हो सकता?"