विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने एनडीटीवी के खास कार्यक्रम NDTV Battleground में विपक्षी दल कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. मोदी सरकार के संविधान बदलने की आशंकाओं पर विदेश मंत्री ने कहा, "चुनाव में मोदी जी की गारंटी है और मोदी जी के 10 साल के रिकॉर्ड भी. अगर रिकॉर्ड ठीक है, तो आप गारंटी पर विश्वास करेंगे. अगर अच्छे है, तो बाकी लोग कुछ भी कहें आप वोटिंग के समय याद तो करेंगे कि उनके शासन ने देश को क्या दिया था और क्या नहीं दिया था. मैं संविधान का रिकॉर्ड भी याद दिला देता हूं.
10 साल में 19 करोड़ लोगों को मिला अपना घर: विदेश मंत्री
जयशंकर ने कहा कि, "बीजेपी जब लोगों के बीच जाती है, तो उनसे पूछती है कि उन्हें मोदी सरकार की योजनाओं के तहत राशन का लाभ मिला. आज 81 करोड़ लोगों को हर महीने राशन बिना लीकेज के मिलता है. अगर आप मोदी सरकार की योजनाओं जल जीवन, आवास योजना के आकड़ें देखे, तो जमीनी हकीकत पता चलेगी. 10 साल में 19 करोड़ लोगों को अपना घर मिला. 34 करोड़ लोगों की हेल्थ पॉलिसी हुई. यानी अगर घर, बिजली, पानी, मुफ्त राशन और स्वास्थ्य सुविधाएं देखें, तो लोगों की जिदंगी बदली है. आज आयुष्मान भारत स्कीम के लाभार्थी 34 करोड़ हो गए हैं. इसमें कहीं न कहीं वोट का भी कुछ कारण होगा. मोदी सरकार ने कहीं तो कुछ डिलिवर किया होगा."
मोदी सरकार कल्याणकारी योजनाओं को आगे लेकर जाएगी: विदेश मंत्री
एस जयशंकर ने कहा, "एक सरकार का फर्ज बनता है कि वो लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराए. बुनियादी सुविधाएं मतलब राशन, घर, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं. हमें विकसित देशों से सबक लेना चाहिए कि जो आजकल अपना हेल्थ सिस्टम मैनेज नहीं कर पा रहे हैं. उनके यहां शहरी आबादी बढ़ रही है. मैं एक चीज जरूर दोहराना चाहूंगा कि ये हमारा कमिटमेंट है कि कल्याणकारी योजनाओं को हम आगे लेकर जाएंगे. अगले 5 साल के लिए हम इन योजाओं को बढ़ाएंगे. मुद्रा लोन की मात्रा बढ़ाई जाएगी."
देश में मोदी सरकार के प्रति प्रो-इंकमबेंसी
लोकसभा चुनाव में 272 बहुमत का आंकड़ा है. उससे ज्यादा 305 का लक्ष्य हो सकता है. उससे ऊपर जाएंगे तो अबकी बार 400 पार का नारा आता है. ऐसे में अगर लोकसभा सीटों को लेकर शर्त लगानी हो, तो कौन सा नंबर लेंगे? इसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "इस चुनाव के दौरान मेरा ज्यादातर राज्यों में लोगों के साथ इंटरैक्शन हुआ है. उसके आधार पर कहूं तो लगता है कि सपोर्ट बेस बहुत सॉलिड है. मुझे लगता है कि जब किसी सरकार की प्रो-इंकमबेंसी होती है, तो उसे जाहिर करने का तरीका भी कुछ और होता है. मुझे लगता है कि कई राज्यों में मोदी सरकार के प्रति प्रो-इंकमबेंसी है. केरल ऐसा ही स्टेट है. यहां मैं पिछले साल कई बार जा चुका हूं. इस बार मैंने तेलंगाना का दौरा भी किया है. वहां उत्साह है. मैं इतना जरूर विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हमारी सीटें बढ़ेंगी, घटेंगी नहीं."
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