- PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर एनसीबी बेंगलुरु ने केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट पर बड़ी ड्रग बरामदगी की
- 45.4 किलो हाइड्रो गांजा, 6 किलो साइलोसाइबिन मशरूम खाद्य डिब्बों में छिपाकर अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट से बरामद
- तीन संदिग्धों को हिरासत में लेकर एयरपोर्ट पर ही थाईलैंड और श्रीलंका से आने वाले ड्रग तस्करों को पकड़ लिया गया
देश को नशामुक्त बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि और गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के तहत, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को एक और बड़ी सफलता मिली है. बेंगलुरु जोनल यूनिट की टीम ने केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 45.4 किलो हाइड्रो गांजा और 6 किलो साइलोसाइबिन मशरूम बरामद किया है. जब्त किए गए नशे की कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है.
कैसे पकड़े गए तस्कर
9 अक्टूबर 2025 को NCB बेंगलुरु को ऐसी जानकारी मिली थी कि एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट थाईलैंड, श्रीलंका और भारत के बीच सक्रिय है. इसी सूचना के आधार पर टीम ने बेंगलुरु एयरपोर्ट पर निगरानी शुरू की. जांच के दौरान दो भारतीय नागरिकों को पकड़ा गया, जो थाईलैंड से कोलंबो होते हुए बेंगलुरु पहुंचे थे. पूछताछ में पता चला कि उनका हैंडलर, जो श्रीलंकाई नागरिक है, दूसरी फ्लाइट से आ रहा है. एनसीबी की सतर्क कार्रवाई में उस श्रीलंकाई हैंडलर को भी एयरपोर्ट पर ही पकड़ लिया गया.
खाद्य डिब्बों में छिपाया गया था नशा
टीम ने तीनों को हिरासत में लेकर जब सामान की जांच की तो करीब 250 खाने के डिब्बों में नशा छिपाकर रखा गया था. ये सभी डिब्बे वैक्यूम सील किए गए थे ताकि स्कैनर से पकड़ में न आएं. जब्त किए गए नशे को तमिलनाडु भेजा जाना था. फिलहाल, इस पूरे नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है.
एनसीबी की इस साल की बड़ी उपलब्धियां
साल 2025 में अब तक NCB बेंगलुरु ने 220 किलो हाइड्रो गांजा बरामद किया है, जिसकी कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये है. अब तक 18 केस दर्ज किए गए हैं और 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें केरल, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र के तस्कर और एक श्रीलंकाई नागरिक शामिल हैं.
नए-नए तरीके से तस्करी
एनसीबी ने बताया कि ये ड्रग तस्कर नशे को भारत में लाने के लिए अलग-अलग रास्ते और तरीके अपनाते हैं – जैसे मिडिल ईस्ट, श्रीलंका और नेपाल के रास्ते. ड्रग्स को नट्स पैकेट्स के बीच में छिपाया जाता है, ऊपर से लिक्विड चॉकलेट की परत लगाई जाती है या फूड टिन्स में वैक्यूम सील कर भेजा जाता है, ताकि जांच एजेंसियों से बचा जा सके.
एनसीबी की अपील
यह कार्रवाई एनसीबी की प्रतिबद्धता को दिखाती है कि एजेंसी किस तरह अंतरराष्ट्रीय और राज्यों के बीच फैले ड्रग नेटवर्क को तोड़ने के मिशन पर है. एनसीबी ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे नशा-मुक्त भारत के इस अभियान में सहयोग करें. अगर किसी को ड्रग तस्करी की जानकारी है तो वे मानस टोल फ्री नंबर – 1933 पर गोपनीय रूप से सूचना दे सकते हैं. सूचनादाता की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाती है.