नक्सलियों ने जारी किया कबूलनामा, 1 साल में मारे गए 357 नक्सली

कबूलनामे के मुताबिक एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सल संगठन को सबसे बड़ा नुकसान दण्डकारण्य में हुआ है, जहां, 281 नक्सली मारे गए हैं.

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  • नक्सली संगठनों ने स्वीकार किया है कि पिछले एक साल में सुरक्षाबलों के हाथों 357 माओवादी मारे गए हैं, जिनमें 136 महिला नक्सली शामिल हैं.
  • नक्सलियों के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त मुहिम से नक्सली कमजोर हुए हैं, कई सरेंडर कर रहे हैं या गिरफ्तार हो रहे हैं.
  • मारे गए नक्सलियों में चार केंद्रीय कमेटी सदस्य और पंद्रह राज्य कमेटी के सदस्य शामिल हैं, जो संगठन के लिए बड़ा नुकसान है.
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नक्सली संगठनों ने अपने कबूलनामे में माना है कि सुरक्षाबलों के हाथों पिछले एक साल में उनके 357 माओवादी मारे जा चुके हैं. कबूलनामे के मुताबिक सुरक्षाबलों के गोलियों के शिकार हुए नक्सलियों में महिला नक्सली भी शामिल हैं, जिनकी संख्या 136 बताई गई है. 

नक्सलियों के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त मुहिम से नक्सल संगठनों की हालत खराब है. लगातार नक्सली निशाने पर आ रहे नकस्ली या तो सरेंडर करने को मजबूर हैं या गिरफ्तार हो रहे हैं वरना सुरक्षाबलों के गोलियों के शिकार होकर मारे जा रहे हैं.

जहां, 281 नक्सली मारे गए 

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए नक्सलियों में 4 सीसी मेम्बर 15 राज्य कमेटी के नक्सली शामिल बताए जाते हैं. कबूलनामे के मुताबिक एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सल संगठन को सबसे बड़ा नुकसान दण्डकारण्य में हुआ है, जहां, 281 नक्सली मारे गए हैं.

24 पेजों वाला बुकलेट जारी 

नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने जारी एक प्रेस नोट में यह कबूल किया है. करीब 24 पेज वाले गोंडी बोली व इंग्लिश भाषा में नक्सलियों ने कबूलनामे का बुकलेट भी जारी किया हैं. कबूलनामे के मुताबिक नक्सली संगठन मारे गए साथियों की याद में 28 जूलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाएंगे.

पिछले एक साल में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए नक्सलियों में 4 सीसी मेम्बर 15 राज्य कमेटी के नक्सली शामिल बताए जाते हैं. कबूलनामे के मुताबिक एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सल संगठन को सबसे बड़ा नुकसान दण्डकारण्य में हुआ है, जहां, 281 नक्सली मारे गए हैं.

मार्च, 2026 तय है नक्सल उन्मूलन!

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे देश से नक्सलियों को उखाड़ फेंकने के लिए सुरक्षाबलों को खुली छूट दे रखी है. शाह ने नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए मार्च, 2026 की तारीख भी तय कर दी है. सुरक्षाबलों की कार्रवाई से हलकान होकर लगातार नक्सली सरेंडर कर रहे हैं,  जिससे संगठन लगातार कमजोर हुआ है.

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