नौसेना (Indian Navy) प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह (Karambir Singh) ने बुधवार को कहा कि भारतीय नौसेना मित्र देशों को एक सुरक्षा भागीदार के रूप में उभरने और समुद्री क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने में मदद के ठोस समाधानों पर काम कर रही है. एडमिरल सिंह ने एक संगोष्ठी में कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव जमाने के लिए रोज प्रतिस्पर्धा देखने को मिली रही है. ये प्रतिस्पर्धा सभी देशों को प्रभावित करेगी, न कि केवल दावेदारों को. उन्होंने चुनौतियों से निपटने के लिए समान विचारधारा वाले देशों की ओर से व्यापक दृष्टिकोण अपनाए जाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र का भविष्य समान विचारधारा वाले देशों के सहयोगात्मक प्रयासों पर टिका है. इस क्षेत्र में सभी के लिए समृद्धि, सुरक्षा और विकास के उद्देश्य को केवल एक सहयोगी दृष्टिकोण के तहत ही पूरा किया जा सकता है.
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उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में द्वीप राष्ट्र हैं, उनकी अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्रोत पर्यटन है. उनकी प्रमुख समस्याएं नशीले पदार्थों की तस्करी और मानव तस्करी है. इसलिए भारतीय नौसेना इन समस्याओं के समाधान पर काम कर रही है. भारतीय नौसेना समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने और उनके ठोस समाधानों पर पहल कर रही है.
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अधिक रचनात्मक और स्थिर भूमिका निभाने के अपने प्रयासों में कुछ तत्वों को प्राथमिकता दी है. इनमें क्षेत्र में सामूहिक समुद्री क्षमता विकसित करने की दिशा में काम करना शामिल है. उन्होंने बताया कि हमारी नौसेना का प्रयास चुनौतियों का सामना करने के लिए सामूहिक रूप से दक्षताओं का इस्तेमाल करने में मदद करना है. इसमें एक सहभागी,
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समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हमारी प्राथमिकता रही है. दूसरा तत्व बाहर की ओर देखना और अपने जुड़ाव में महत्वाकांक्षी होना है, जबकि तीसरा तत्व विश्वास विकसित करने के लिए भागीदार देशों के साथ जुड़ना है. अंतिम तत्व उन वास्तविक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना और उनके ठोस समाधानों के साथ क्षेत्रीय देशों की मदद करना है, जिनका सामना वह दिन-प्रतिदिन कर रहे हैं.