नवजोत सिद्धू ने अरविंद केजरीवाल को 'सियासी पर्यटक', झूठा बताया, बहस की चुनौती दी

नवजोत सिद्धू ने लिखा, शराब में 30 हजार करोड़ रुपये के राजस्व की संभावनाएं हैं, इसलिए आपकी दिल्ली सरकार ने राजधानी में शराब के कारोबार का निजीकरण कर दिया है और दीप मेहरोत्रा एंड चड्ढा जैसे लोगों को खुली छूट दे दी है. 

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नवजोत सिद्धू और अरविंद केजरीवाल के बीच ट्विटर पर छिड़ी जंग
नई दिल्ली:

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है. शनिवार को ऐसा ही वाकया ट्विटर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच देखने को मिला. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को ‘राजनीतिक पर्यटक' भी करार दिया. उन्होंने कहा कि वह पंजाब में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले झूठे वादों के साथ सामने आए हैं.

शुरुआत करते हुए केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा,  अख़बार/टीवी वालों ने आपके मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के हल्के में रेता चोरी पकड़ी है. उनका कहना है CM के रेता माफिया से संबंध हैं. CM कोई ऐक्शन नहीं ले रहे हैं. बादल  और कैप्टन साहिब दोनों इस पर चुप हैं. आप भी चुप हैं, क्यों? CM से लेकर नीचे तक रेता चोरी हो रहा है.इसे रोकेंगे तो 20 हज़ार करोड़ रुपए आ जाएंगे.

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इस पर सिद्धू ने लिखा कि पंजाब में कांग्रेस का मॉडल बहुत बारीकी से अध्ययन कर तैयार किया गया है, आपके जैसे खोखले वादों के आधार पर नहीं. बालू खनन में दो हजार करोड़ रुपये की संभावनाएं हैं, न कि 20 हजार करोड़. जबकि शराब में 30 हजार करोड़ रुपये के राजस्व की संभावनाएं हैं, इसलिए आपकी दिल्ली सरकार ने राजधानी में शराब के कारोबार का निजीकरण कर दिया है और दीप मेहरोत्रा एंड चड्ढा जैसे लोगों को खुली छूट दे दी है. 

सिद्धू ने केजरीवाल को रोजगार के मुद्दे पर बहस करने की चुनौती दी. साथ ही दावा किया कि उन्होंने दिल्ली में आठ लाख नौकरियों का वादा किया था लेकिन केवल 440 नौकरियां दीं. कांग्रेस के नेता ने कहा, 'पंजाब में कहीं भी (मेरे साथ) आओ और बैठो. मुझे दिल्ली में भी बुलाओ. आपके घर बैठेंगे, टीवी चैनल भी लाएंगे.

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अगर सिद्धू हार गया, तो (मैं) राजनीति छोड़ दूंगा.' सिद्धू ने एक और ट्वीट में कहा कि पंजाबी जनता जानना चाह रही है कि आप जो मुफ्त की सौगातों का रोज ऐलान कर रहे हैं, उनके लिए पैसा कहां से लाओगे. लोगों को मूर्ख बनाना बंद कर दो. अगर आप अपने वादों को पूरा करने की बुनियादी आर्थिक जरूरतों के बारे में नहीं बता सकते. पंजाबियों को कमाई की जरूरत है, भीख की नहीं. 
 

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