पहली बार देश में होगा घरेलू आय को मापने के लिए राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण, फरवरी 2026 से शुरू होगा सर्वे!

राष्ट्रीय घरेलू आय सर्वेक्षण के आंकड़ों का उपयोग उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (consumer price index) के पुनर्निर्धारण, राष्ट्रीय खातों को तैयार करने और दुनिया भर के देशों में समुदायों में गरीबी और कठिनाई का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

देश में पहली बार घरेलू आय के विस्तृत आकलन के लिए एक विशेष - राष्ट्रीय घरेलू आय सर्वेक्षण (National Household Income Survey) अगले साल की शुरुआत में कराया जाएगा. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistics Office) की देखरेख में ये राष्ट्रव्यापी विशेष सर्वे फरवरी 2026 में शुरू किया जाएगा. घरेलू आय को मापने पर केंद्रित ये पहला अखिल भारतीय सर्वेक्षण होगा, जो भारत की सामाजिक-आर्थिक सांख्यिकी प्रणाली में लंबे समय से चली आ रही डेटा की कमी को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

राष्ट्रीय घरेलू आय सर्वेक्षण (NHIS 2026)

सरकार के मुताबिक, राष्ट्रीय घरेलू आय सर्वेक्षण से आम नागरिकों की जीवन स्थितियों और आय/व्यय के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी. राष्ट्रीय घरेलू आय सर्वेक्षण के आंकड़ों का उपयोग उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (consumer price index) के पुनर्निर्धारण, राष्ट्रीय खातों को तैयार करने और दुनिया भर के देशों में समुदायों में गरीबी और कठिनाई का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है. राष्ट्रीय स्तर पर घरेलू आय के प्रस्तावित सर्वेक्षण की प्रश्नावली/अनुसूची (Draft Questionnaire/Schedule) का मसौदा तैयार कर लिया गया है, जिसमें पूर्व-परीक्षण अभ्यास की सिफारिशों को शामिल किया गया है और व्यापक परामर्श एवं प्रतिक्रिया के लिए मंत्रालय की वेबसाइट ( www.mospi.gov.in) पर अपलोड भी कर दिया गया है. सांख्यिकी मंत्रालय ने शोधकर्ताओं, संस्थानों और आम जनता से मसौदा पर सुझाव और टिप्पणियां मांगी हैं. सुझाव और टिप्पणियां 30 अक्टूबर 2025 तक ई-मेल आईडी nssocpd.coord@mospi.gov.in और tc.sdrd-mospi[at]gov[dot]in पर भेजी जा सकती हैं.

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मुताबिक-  कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे विकसित देशों और श्रीलंका, बांग्लादेश, चीन और मलेशिया जैसे कम विकसित देशों सहित कई देशों में घरेलू आय के आंकड़े घरेलू सर्वेक्षणों के माध्यम से एकत्र किए जाते हैं. घरेलू आय (या घरेलू क्षेत्र को प्राप्त होने वाली आय) के अनुमान राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी (एनएएस) से भी प्राप्त किए जा सकते हैं. एनएएस आधारित अनुमानों की तुलना में आय पर घरेलू सर्वेक्षण के आंकड़ों का लाभ यह है कि घरेलू सर्वेक्षण के आंकड़े आय की पारस्परिक तुलना और आय सृजन के स्रोतों और स्वरूपों के विश्लेषण की अनुमति देते हैं. यह सर्वेक्षण पूरे देश को कवर करेगा और कुल घरेलू आय का अनुमान लगाने का प्रयास करेगा.

भारत में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले पहले इस सर्वेक्षण के बेहतर संचालन के लिए ज़रूरी दिशानिर्देश तय करने के लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने IMF में भारत के पूर्व कार्यकारी निदेशक रहे, अर्थशास्त्री डॉ. सुरजीत एस. भल्ला की अध्यक्षता में एक Technical Expert Group (TEG) का गठन किया है. इस दिशा में प्रस्तावित NHIS 2026 की एक प्री-टेस्टिंग एक्सरसाइज सांख्यिकी मंत्रालय के फील्ड ऑपरेशंस डिवीजन के 15 क्षेत्रीय कार्यालयों में किया जा चुका है. इस टेस्टिंग सर्वे में मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बैंगलोर और हैदराबाद सहित सभी छह ज़ोन शामिल थे. चुने गए हर क्षेत्रीय कार्यालय में दो शहरी और दो ग्रामीण इलाकों को चुना गया, जिसमें सम्पन्न और गैर-सम्पन्न दोनों वर्ग शामिल थे.

Featured Video Of The Day
Bihar Elections: देश की राजनीति में 'घुसपैठिए' कौन है? | CM Yogi | Tejashwi | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article