नेशनल हेराल्ड केस स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर होने की प्रक्रिया में, मामले में क्यों आया नया मोड

एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़े चर्चित नेशनल हेराल्ड फ्रॉड केस में अब प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर बड़ा कदम उठाया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस ओवरसीज के प्रमुख सैम पित्रोदा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. यह पहला मामला है, जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को किसी चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है. इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर हमला बोलते हुए इसे बदले की राजनीति बताया है. ये मामला विशेष अदालत में ट्रांसफर होने की प्रक्रिया में है.

2014 में कोर्ट ने जारी किया था समन

एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़े चर्चित नेशनल हेराल्ड फ्रॉड केस में अब प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. यह मामला शुरुआत में सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दिल्ली की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन कंपनी के खिलाफ IPC की धारा 403, 406, 420 और 120B के तहत दर्ज किया गया था. 26 जून 2014 को अदालत ने आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला मानते हुए समन जारी किया था.

ट्रायल कोर्ट में अधूरी रह गई थी गवाही

ट्रायल कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान स्वामी की गवाही अधूरी रह गई थी. 11 फरवरी 2021 को गवाहों को बुलाने लिए Cr.P.C की धारा 244 के तहत एक अर्जी दी, जिसे अदालत ने यह कहते हुए बाद में विचार हेतु रखा कि पहले शिकायतकर्ता की गवाही पूरी होनी चाहिए. इसके खिलाफ उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया, जहां से 22 फरवरी 2021 को केवल उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगी. लेकिन इसे लेकर दोनों पक्षों में भ्रम की स्थिति रही.

ED ने 9 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल की

अब यह मामला एक नए मोड़ पर आ चुका है. चूंकि IPC की धारा 420 और 120B PMLA एक्ट के शेड्यूल ऑफेंस में शामिल है. ED ने इस मामले में 2021 में जांच शुरू की थी. जांच के बाद ED ने 9 अप्रैल 2025 को एक चार्जशीट दाखिल की, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और अन्य पर 5000 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है.

PMLA की धारा 44(1)(c) के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग का मामला और उससे संबंधित मूल अपराध एक ही विशेष अदालत में चलाया जाना चाहिए. इसी के तहत 15 अप्रैल 2025 को विशेष अदालत ने कहा कि दोनों मामलों की सुनवाई एक ही अदालत में होना जरूरी है. अब ED जल्द ही ट्रायल कोर्ट से मूल अपराध (प्रीडिकेट ऑफेंस) के मामले को विशेष अदालत में ट्रांसफर करने की अर्जी दाखिल करेगा. इस बीच, ट्रायल कोर्ट में अगली सुनवाई की तारीख 2 अगस्त 2025 तय की गई है.

Featured Video Of The Day
Bihar SIR Politics: 'Voter List में तो अभी तक मेरा नाम भी नहीं...'- SIR को लेकर बोले Tejashwi Yadav