"ये बिल राजीव गांधी का सपना, खुद मेरी जिंदगी का ये मार्मिक क्षण" : नारी शक्ति वंदन बिल पर सोनिया गांधी

सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि नए भारत के निर्माण के हर मोर्चे पर स्त्री पुरुष के साथ कंधे से कंधे मिलाकर लड़ी है. सरोजनी नगर, अरुणा असिफ जैसे लाखों लाखों महिलाओं से लेकर आज की तारीख तक हर बार महिलाओं ने महात्मा गांधी, नेहरू, पटेल, अंबेडकर और मौलाना आजाद के सपनों को जमीन पर उतार कर दिखाया है.

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सोनिया गांधी ने लोकसभा में कहा कि नारी शक्ति वंदन बिल को तुरंत पारित किया जाए

नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने नारी शक्ति वंदन बिल का समर्थन करते हुए लोकसभा में कहा कि सरकार को चाहिए वो इस बिल को तुरंत लागू करे. लेकिन सरकार को ये भी चाहिए कि वो एससी,एसटी और ओबीसी से आने वाली महिलाओं को भी आरक्षण देकर उन्हें भी आगे आने का मौका दें. उन्होंने आगे कहा कि मैं आपको बता दूं कि महिलाओं को पंचायती राज और नगरपालिकाओं में आरक्षण देने के लिए देश में पहली बार कोई बिल लेकर मेरे पति और उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी आए थे. लेकिन उस समय वह बिल कुछ वोटों से पारित नहीं हो पाया था. जिसे बाद में नरसिम्हा सरकार ने पारित किया.

सोनियां गांधी (Sonia Gandhi) ने आगे कहा कि भारत की स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज है. उसने खुदके साथ हुई बेइमानी की शिकायत कभी नहीं की. उसने सिर्फ अपने फायदे के बारे में कभी नहीं सोचा. उसने नदियों की तरह सबकी भलाई के लिए काम किया है. स्त्री के धौर्य का अंदाज लगाना नामुमकिन है. वह आराम को नहीं पहचानती हैं और थकना भी नहीं जानती हैं. स्त्री ने सिर्फ हमे जन्म ही नहीं दिया है बल्कि हमें सींच कर बुद्धिमान और शक्तिशाली भी बनाया है. स्त्री की गरिमा, स्त्री के त्याग की पहचान करके ही हम मनुष्यता में पास हो सकते हैं

महिलाओं ने गांधी- नेहरू के सपने को जमीन पर उतारा

उन्होंने (Sonia Gandhi) आगे कहा कि नए भारत के निर्माण के हर मोर्चे पर स्त्री पुरुष के साथ कंधे से कंधे मिलाकर लड़ी है. सरोजनी नगर, अरुणा असिफ जैसे लाखों लाखों महिलाओं से लेकर आज की तारीख तक हर बार महिलाओं ने महात्मा गांधी, नेहरू, पटेल, अंबेडकर और मौलाना आजाद के सपनों को जमीन पर उतार कर दिखाया है. इंदिरा गांधी जी का व्यक्तित्व बहुत ही रौशन और जिंदा मिशाल है. खुद मेरी जिंदगी का यह बहुत मार्मिक क्षण है. पहली बार राजीव गांधी जी ही ये बिल लाए थे जो सात वोट से गिर गया था. बाद में नरसिम्हा राव सरकार ने उसे पारित कराया. आज उसी का नतीजा है कि देश भीर स्थानीय निकायों में चुनी गई 15 लाख महिला नेता हैं. राजीव गांधी जी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है. वो इस बिल के पारित होते ही पूरा होगा. कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. 

"इस बिल को तुरंत पारित करना चाहिए"

सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं कि बीते 13 साल से भारतीय स्त्रियां अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों का इंतजार कर रही हैं. उन्हें और इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है. क्या ये बर्ताव करना उचित है. कांग्रेस की मांग है कि ये बिल फौरन अमल में लाया जाए लेकिन इसके साथ ही कास्ट सेंसस करा कर एससी एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए. सरकार को इसके लिए जो कदम उठाना है वो उठाने ही चाहिए.  इस बिल को लागू करने में और देरी करना भारत की स्त्रियों के साथ घोर नाइंसाफी है. कांग्रेस की तरफ से मैं सरकार से मांग करती हूं कि वो इस बिल को जल्दी से जल्दी लागू किया जाए. ऐसा करना न सिर्फ जरूरी है बल्कि संभव भी है. 

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