ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रम से वरिष्ठ BJP नेता को धक्के मारकर निकाला बाहर, देखें वायरल Video

ज्योतिरादित्य सिंधिया के आशीर्वाद यात्रा में बीजेपी नेता गोविंद मालू के साथ मंच पर जाते वक्त बदसलूकी की गई. इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.

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ज्योतिरादित्य सिंधिया के आशीर्वाद यात्रा में बीजेपी नेता के साथ मंच पर बदसलूकी.
इंदौर:

मध्यप्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोविंद मालू को पुलिस ने इंदौर में केन्द्रीय मंत्री ज्योरितादित्य सिंधिया के कार्यक्रम से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया. सिंधिया इंदौर जन आशीर्वाद यात्रा में शामिल होने आए थे. इसी यात्रा में शामिल होने बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोविंद मालू भी पहुंचे थे, जहां पुलिस ने गोविंद मालू के साथ धक्का-मुक्की कर उन्हें बाहर निकाल दिया. धक्का-मुक्की बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय के इलाके में देखनो के मिली है. यहां सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसकर्मी लगातार भीड़ को हटाने में जुटे थे. इसी दौरान वरिष्ठ नेता गोविंद मालू भी मंच के करीब पहुंचे, जहां से पुलिसकर्मियों ने गोविंद मालू को धक्का देकर बाहर निकाला दिया.

खनिज विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष और वरिष्ठ बीजेपी नेता गोविंद मालू को धक्का दिये जाने के मुद्दे पर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट पर लिखा, 'इंदौर भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविंद मालू के साथ जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान दुर्व्यवहार, पुलिस ने धक्का देकर बाहर खदेड़ा. ग़द्दारी पूजी जा रही है, वफ़ादारी धक्के खा रही है.'

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इसी मंच से जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया लोगों को संबोधित कर रहे थे तो मंच पर बैठे विधायक आकाश विजयवर्गीय उठे और सिंधिया के पास बैठे नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे से बात करने लगे. भाषण दे रहे सिंधिया को जब असहज लगने लगा तो उन्होंने आकाश को शांत रहने के लिए कहा. इसके बाद आकाश फिर अपनी कुर्सी पर बैठ गए.

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मध्यप्रदेश में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेन्द्र खटीक और एसपीएस बघेल की यात्रा है. इन तमाम यात्राओं में अपने नेता की झलक पाने और उनके स्वागत के दौरान कई जनप्रतिनिधि बिना मास्क के भी दिखे और सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गयी. गुरुवार को इंदौर में ज्योतिरादित्य सिंधिया की करीब 17 किलोमीटर यात्रा मार्ग पर लगभग 300 मंच लगाए गए, जहां हजारों लोग जुटे. ऐसे में कांग्रेस ने सवाल उठाये कि क्या कोरोना गाइडलाइन सिर्फ आम नागरिकों के लिए ही पालन करना अनिवार्य हैं?

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आम नागरिकों को शादी में 50 लोग, शव यात्रा में 20 लोग, अन्य धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया गया वहीं दूसरी ओर जन आशीर्वाद यात्रा में लगे अनेकों मंच इस बात का सबूत दे रहे हैं कि सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर कितनी सतर्क है.

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