पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के जल्द संभावित कैबिनेट विस्तार के पहले जनता दल यूनाइटेड और बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish kumar) ने अपने रुख में नरमी के संकेत दिए हैं. गौरतलब है कि वर्ष 2019 के आम चुनाव में एनडीए की जीत के बाद, सहयोगी दल, जेडीयू ने कैबिनेट में अपेक्षित संख्या में मंत्री पद न मिलने के मुद्दे पर मोदी सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया था. बहरहाल, नीतीश ने अब अपने रुख में नरमी के संकेत दिए. उन्होंने कहा- (2019 के घटनाक्रम के मुद्दे पर) जो हुआ सो हुआ. जो भी माननीय प्रधानमंत्री निर्धारित करेंगे, हम उसे स्वीकार करेंगे. नीतीश ने कहा, 'जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह को बीजेपी से बातचीत को अंतिम रूप देने के लिए अधिकृत किया गया है. इस बार जेडीयू, केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होगा.'
गौरतलब है कि अनुप्रिया पटेल, पंकज चौधरी, रीता बहुगुणा जोशी, रामशंकर कठेरिया,वरुण गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, आरसीपी सिंह, लल्लन सिंह, पशुपति पारस,राहुल काँस्वा, सी पी जोशी और सर्वानंद सोनोवाल को भी मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है. संभावनाओं के अनुसार, पीएम मोदी के कैबिनेट विस्तार में एक से अधिक मंत्रालय का काम संभाल रहे मंत्रियों के काम का 'बोझ' कम किया जाएगा. मंत्रिमंडल में नए चेहरों को स्थान दिया जाएगा जबकि अच्छा प्रदर्शन नहीं दे रहे कुछ मंत्रियों को हटाया जा सकता है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में 81 सदस्य हो सकते हैं, लेकिन इस वक्त मंत्रिमंडल में सिर्फ 53 सदस्य हैं. इसका अर्थ यह हुआ कि 28 सदस्य जोड़े जा सकते हैं.अपने दूसरे कार्यकाल में PM नरेंद्र मोदी पहली बार मंत्रिमंडल विस्तार करने जा रहे हैं, तो वह अगले वर्ष पांच राज्यों में होने जा रहे चुनाव तथा वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ज़रूर ध्यान में रखेंगे.