''ममता बनर्जी की मौजूदगी से आतंक फैला...'': नारदा केस याचिका में CBI

केस को राज्‍य से बाहर ट्रांसफर करने की मांग करते हुए सीबीबाई ने कहा है कि चारों आरोपियों, जिन्‍हें इस सप्‍ताह अरेस्‍ट किया गया है और अभी जेल में हैं, को पुलिस कस्‍टडी में रखा जाए.

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अपने मंत्री की गिरफ्तारी को लेकर ममता ने सीबीआई ऑफिस के बाहर धरना दिया था
कोलकाता:

केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (सीबीआई) ने नारदा घूस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को भी कलकत्‍ता हाईकोर्ट में पक्षकार बनाया गया है. इसके अलावा राज्‍य के विधि मंत्री मलय घाटक और तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्‍याण बनर्जी को भी पक्षकार बनाया गया है. सीबीआई ने केस को बंगाल से बाहर ट्रांसफर किए जाने की मांग की है.केस को राज्‍य से बाहर ट्रांसफर करने की मांग करते हुए सीबीबाई ने कहा है कि चारों आरोपियों, जिन्‍हें इस सप्‍ताह अरेस्‍ट किया गया है और अभी जेल में हैं, को पुलिस कस्‍टडी में रखा जाए.हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में सीबीआई ने कहा है कि वह सोमवार को मुख्‍यमंत्री और अन्‍य की मौजूदगी में फैलाए गए आतंक के परिणामस्‍वरूप गिरफ्तार किए गए आरोपियों की कस्‍टडी की मांग नहीं कर सकी.

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गौरतलब है कि नारदा केस मामले में गिरफ्तारी के तुरंत बाद तृणमूल कार्यकर्ताओं की बड़ी भीड़ सीबीआई के कोलकाता ऑफिस के बाहर इकट्ठी हो गई थी. सीएम ममता बनर्जी भी वहां पहुंचीं थी और उन्‍होंने वहां धरना दिया था. सीबीआई ने कहा है कि असामाजिक तत्‍वों की अच्‍छी खासी भीड़ एकत्र करने और मीडिया की मौजूदगी सुनिश्चित करने के बाद मुख्‍यमंत्री भी सीबीआई ऑफिस के बाहर मौजूद रही थीं.

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सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा है कि यह जांच एजेंसी को 'आतंकित' करने और इसे 'अपने कार्यों को स्‍वतंत्र रूप से, बेखौफ होकर करने से रोकने के लिए एक सोची समझी रणनीति' का हिस्‍सा था. जांच एजेंसी ने कहा है कि ऐसी परिस्थितियों में उनकी कस्‍टडी की मांग करने से कानून व्‍यवस्‍था की स्थिति को गंभीर समस्‍या हो सकती थी. 

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