पति की हत्या, फिर शव को टाइल्स के नीचे छिपाया... यह मामला किसी फिल्मी कहानी से भी अधिक खौफनाक

मृतक के छोटे भाई अखिलेश ने दावा किया कि उनके भाई के 5 साल के बेटे ने बताया कि उसकी मां चमन और मोनू उसे पहले कलम बीच ले गए, जहां वे एक दिन रुके. इसके बाद वे नालासोपारा स्टेशन से दादर गए और वहां से बस के जरिए पुणे रवाना हो गए.

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नालासोपारा:

महाराष्ट्र के नालासोपारा से पुणे तक फैली यह मर्डर मिस्ट्री धीरे-धीरे सुलझने लगी है. मृतक विजय का शव जिस टाइल्स के नीचे छिपाया गया था, उसे कथित तौर पर उसके बड़े भाई अजय ने बदला था, बिना यह जाने कि वह अपने ही भाई की लाश पर टाइल्स बिछा रहा है.

19 जुलाई को विजय की पत्नी चमन और उसका प्रेमी मोनू, विजय के 5 साल के बेटे के साथ नालासोपारा से ट्रेन पकड़कर दादर पहुंचे और फिर पुणे चले गए. वहां वे महाडा के एक बंद मकान में अवैध रूप से रहने लगे. हालांकि, दोनों ज्यादा समय तक पुलिस से बच नहीं सके. आरोपियों ने विजय का सिम कार्ड अपने फोन में डाल लिया था, ताकि बैंक ट्रांजेक्शन के लिए OTP प्राप्त कर सके. जैसे ही OTP जनरेट हुआ, पुलिस ने नंबर की लोकेशन ट्रैक की और पुणे में फोटो दिखाकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

मृतक के छोटे भाई अखिलेश ने दावा किया कि उनके भाई के 5 साल के बेटे ने बताया कि उसकी मां चमन और मोनू उसे पहले कलम बीच ले गए, जहां वे एक दिन रुके. इसके बाद वे नालासोपारा स्टेशन से दादर गए और वहां से बस के जरिए पुणे रवाना हो गए.

पुलिस हिरासत में चमन और मोनू
गिरफ्तारी के बाद चमन और मोनू को बीती रात नालासोपारा लाया गया और वसई कोर्ट में पेश किया गया, जहां दोनों को 30 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि मृतक का मोबाइल फोन अभी तक बरामद नहीं हुआ है. साथ ही, शव को दफनाने के लिए हटाए गए पुराने टाइल्स को कहां फेंका गया, यह भी पता लगाना बाकी है. हत्या में इस्तेमाल हथियार भी अब तक नहीं मिला है और यह जानना जरूरी है कि हत्या किस हथियार से की गई.

पुलिस ने यह भी बताया कि शव को टाइल्स के नीचे दफनाने के लिए खुदाई में किन-किन लोगों का सहयोग लिया गया, उनके बयान दर्ज किए जाने बाकी हैं. इसके अलावा, नई टाइल्स, जिनसे फ्लोरिंग की गई, वे कहां से खरीदी गईं, इसकी जांच भी की जानी है. इन सभी बिंदुओं पर विस्तृत पूछताछ के लिए पुलिस ने समय मांगा है.

बचाव पक्ष के वकील ने क्या दावा किया
वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि पुलिस ने केवल शक के आधार पर गिरफ्तारी की है और उनके पास हत्याकांड से जुड़े कोई ठोस सबूत नहीं हैं.

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पति की हत्या, शव को टाइल्स के नीचे छिपाने, और फिर बच्चे को लेकर फरार होने का यह मामला किसी फिल्मी कहानी से भी अधिक खौफनाक है. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या यह हत्या पहले से नियोजित थी और क्या इसमें किसी और ने भी सहयोग किया.

मोनू और चमन के बीच प्रेम संबंध के कारण मृतक विजय, मोनू, चमन और मोनू के परिवार के बीच विवाद चल रहा था. इस विवाद के परिणामस्वरूप, विजय की हत्या कर दी गई, ताकि उनके प्रेम संबंध में कोई बाधा न आए. हत्या 5 और 6 जुलाई 2025 के बीच हुई, और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हत्या के तरीके का पता चलेगा. 

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