मां के पास सो रही 8 महीने की मासूम को उठाकर ले गया जंगली जानवर, दोनों हाथ खाए; क्षत-विक्षत मिला शव

नागपुर के नरसाला में जंगली जानवर के हमले में 8 महीने की बच्ची की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि बच्ची मां के पास सो रही थी, तभी उस कोई अज्ञात जानवर उठा ले गया था.

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नागपुर: नरसाला इलाके में जंगली जानवर के हमले में 8 महीने की बच्ची की मौत.
NDTV Reporter

Nagpur News: महाराष्ट्र के नागपुर से एक ऐसी दर्दनाक खबर सामने आई है जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है. हुडकेश्वर थाना क्षेत्र के नरसाला इलाके में एक अज्ञात जंगली जानवर ने झोपड़ी में सो रही 8 महीने की मासूम बच्ची पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया. जानवर बच्ची को उठाकर पास के नाले के पास ले गया और उसके शरीर को बुरी तरह नोंच डाला.

आधी रात को मां की गोद से ले गया काल

यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना नरसाला स्थित श्मशान घाट के पास बनी मजदूरों की झोपड़पट्टी में आधी रात करीब 2 बजे घटी. मृतक बच्ची की पहचान अनुष्का रवि मेला के रूप में हुई है. अनुष्का का परिवार मूल रूप से मध्य प्रदेश के सेलमिया का रहने वाला है और यहां मजदूरी के काम के सिलसिले में झोपड़ी बनाकर रह रहा था.

छाती और दोनों हाथ खाए गया जानवर

घटना के वक्त मासूम अनुष्का अपनी मां के पास सो रही थी. अचानक बच्ची के गायब होने पर जब परिजनों ने तलाश शुरू की, तो पास ही नाले के पीछे उसका शव मिला. मंजर इतना खौफनाक था कि देखने वालों की रूह कांप गई. जानवर ने बच्ची की छाती और दोनों हाथ पूरी तरह खा लिए थे.

तेंदुआ या आवारा कुत्ते? इलाके में दहशत

हालांकि अभी तक उस अज्ञात जानवर की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और वन विभाग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. पिछले एक महीने से नागपुर के बाहरी इलाकों में तेंदुए का आतंक बढ़ा हुआ है, जिससे इस हमले के पीछे तेंदुए का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है.

स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि इलाके में हिंसक आवारा कुत्तों का झुंड अक्सर घूमता रहता है. नरसाला का यह इलाका काफी सुनसान है और रात में यहां भारी अंधेरा रहता है, जिसका फायदा उठाकर जंगली जानवर आबादी वाले क्षेत्र में घुस रहे हैं.

मजदूर परिवारों में डर और असुरक्षा

यह पूरी बस्ती प्रवासी मजदूरों की है जो ठेकेदारों के अधीन काम करने के लिए दूसरे राज्यों से यहां आए हैं. खुले आसमान के नीचे झोपड़ियों में रहने वाले इन परिवारों की सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. इस घटना के बाद पूरी नरसाला बस्ती में सन्नाटा पसरा है और अन्य मजदूर परिवार अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर गहरे खौफ में हैं.

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पुलिस और वन विभाग की कार्रवाई

सूचना मिलते ही हुडकेश्वर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. वन विभाग की टीम को भी सूचित कर दिया गया है ताकि जानवर के पगमार्क (पंजों के निशान) की जांच कर उसकी पहचान की जा सके और इलाके में पिंजरा लगाया जा सके.

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