भारत के मिजोरम (Mizoram) से सटी सीमा पर म्यांमार सेना ने विद्रोही-संगठनों के कैंप पर एयर स्ट्राइक (Myanmar Air Strike) की है. इस हमले में म्यांमार (Myanmar army) के विद्रोही संगठनों से जुड़े कुछ लोगों के हताहत होने की खबर है. म्यांमार सेना का एक गोला मिजोरम के चम्फाई के एक गांव में गिरा. हालांकि, भारत की सुरक्षा से जुड़े सूत्रों ने साफ कर दिया है कि इस एयर-स्ट्राइक से भारत की सीमा में कोई नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि, सीमा के पास नदी तट पर एक ट्रक क्षतिग्रस्त हो गया.
बता दें कि म्यांमार में लगभग दो साल पुराने तख्तापलट ने क्षेत्र में अस्थिरता पैदा की है. म्यांमार के अन्य हिस्सों में इसी तरह की हवाई बमबारी ने बांग्लादेश और थाईलैंड के साथ तनाव की स्थिति बन गई है. म्यांमार की सेना ने मंगलवार (10 जनवरी) दोपहर चिन राज्य के कैंप विक्टोरिया पर हवाई हमले शुरू किए और यह रात तक जारी रहा. चिन ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन ने कहा कि हमलों में उसके पांच कैडर, जिनमें दो महिलाएं हैं मारे गए. बुधवार को भी छापेमारी हुई थी.
चिन नेशनल आर्मी ने म्यांमार के सैन्य-शासन के खिलाफ विद्रोह छेड़ रखा है. भारत के उत्तर-पूर्व राज्य मिजोरम से सटी म्यांमार की सीमा में विक्टोरिया कैंप में सीएनए का मुख्यालय है. इसी मुख्यालय पर म्यांमार की सेना ने अपने लड़ाकू विमानों से बम गिराए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एयर स्ट्राइक में विद्रोही ग्रुप के पांच कैडर मारे गए. सूत्रों ने कहा कि तियाउ नदी के भारतीय हिस्से में काम करने वाले लोग, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहते हैं, गोलीबारी की आवाज से दहशत में आ गए थे. असम राइफल्स के एक अधिकारी ने हालांकि समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि हवाई हमलों से भारतीय पक्ष अप्रभावित था.
वहीं, नागरिक समाज समूह यंग मिज़ो एसोसिएशन ने भारत सरकार से हमलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है. यंग मिज़ो एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा, "हम भारतीय भूमि और हवाई क्षेत्र दोनों पर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने के लिए म्यांमार की सैन्य सरकार की कड़ी से कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं. तुइपुइरल ग्रुप वाईएमए दृढ़ता से मांग करता है कि एक महान राष्ट्र की सरकार, भारत को म्यांमार के सैन्य जेट लड़ाकू विमानों पर बमबारी करने से रोकने के लिए सक्रिय कार्रवाई करनी चाहिए."
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