संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मास्टरमाइंड ललित झा से पुलिस इन दिनों पूछताछ कर रही है. ललित झा के साथ-साथ इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों से भी पूछताछ का दौरा जारी है. इन सबके बीच अब ललित झा के अभिभावक ने अपनी बात रखी है. ललित झा के पिता देवानंद झा ने कहा कि है उनका बेटा आरोपी नहीं है. और वो उन्हें आरोपी बनाने के खिलाफ कोर्ट जाएंगे.बता दें कि ललित झा के माता-पिता पहले कोलकाता में रहते थे लेकिन इन दिनों वो दरभंगा जिले के अपने पैतृक गांव आए हुए हैं.
"हमे तो घटना के बारे में कल पता चला"
देवानंद झा ने कहा कि मेरे बेटा बहुत बढ़िया लड़का है. वो सबकी मदद करता था. वो बीए पास था, उसे ईनाम भी मिला था. ललित कोचिंग सेंटर में पढ़ाते थे. घटना के बारे में कल पता चला है. उनके गिरफ्तार पता चला है. हमे सूचना दूसरे से मिला है. हम सभी लोग कोलकाता मे रहते हैं. मैं पंडित हूं. हम नहीं मानते हैं कि वो आरोपी है. हम कोर्ट जाएंगे.
"ललित हमेशा हमारा हालचाल लेता था"
वहीं ललित झा की मां का कहना है कि हमारा बेटा बहुत अच्छा है. हमे कुछ समझ नहीं आ रहा है. हमे इस संबध में हमें कोई जानकारी नहीं थी वो सिर्फ हमारे बारे में पूछता था कि हम कैसे है कैसे रह रहे हैं. मेरा बेटा आरोपी नहीं है. हम कोर्ट जाएंगे. आप गांव से भी पूछ सकते हैं. मेरा बेटा ऐसा नहीं था.
बता दें कि पुलिस सूत्रों के अनुसार ललित झा ने पूछताछ के दौरान बताया है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के पीछे उसका मकसद अराजकता फैलाने का था. पटियाला हाउस कोर्ट में ललित झा की पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने दावा किया आरोपी ललित झा ने माना है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने से पहले वह अन्य आरोपियों के साथ कई बार मिल चुका था.
अन्य आरोपियों के साथ की गई बैठक में उसने ये पूरा प्लान तैयार किया. सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद ललित झा राजस्थान के नागौर भाग गया. जांच में पता चला है कि कैलाश और महेश कुमावत, जो चचेरे भाई हैं, ने वहां उसके रहने की व्यवस्था की. अब इन दोनों की गिरफ्तारी की भी कोशिशें की जा रही हैं.
घटनास्थल पर रीक्रिएट की जाएगी उस दिन की घटना
इस मामले की जांच में जुटे पुलिस अधिकारी ने बताया कि हम सदन के अंदर और संसद भवन के बाहर घटना को फिर से रीक्रिएट करने की अनुमति लेने के लिए संसद से संपर्क करने पर विचार कर रहे हैं. ललित झा, जिसे गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था, ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसने अपना फोन दिल्ली-जयपुर सीमा के पास फेंक दिया था और अन्य आरोपियों के फोन नष्ट कर दिए.