कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश में ऑक्सीजन का भीषण संकट देखने को मिला था. विभिन्न राज्यों से ऑक्सीजन की कमी की खबरें आई थीं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन को लेकर एक उप-समिति गठित की थी. इस पैनल की रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार के ऑक्सीजन के दावे पर सवाल उठाए हैं. रिपोर्ट सामने आने के बाद केंद्र और दिल्ली सरकार एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं. दिल्ली में ऑक्सीजन रिपोर्ट मामले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पहली प्रतिक्रिया आई. केजरीवाल ने कहा कि मेरा गुनाह है कि मैं अपने 2 करोड़ लोगों की सांसों के लिए लड़ा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को ट्वीट किया, "मेरा गुनाह- मैं अपने 2 करोड़ लोगों की सांसों के लिए लड़ा. जब आप चुनावी रैली कर रहे थे, मैं रात भर जग कर ऑक्सीजन का इंतज़ाम कर रहा था. लोगों को ऑक्सीजन दिलाने के लिए मैं लड़ा, गिड़गिड़ाया. लोगों ने ऑक्सीजन की कमी से अपनों को खोया है. उन्हें झूठा मत कहिए, उन्हें बहुत बुरा लग रहा है."
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऑक्सीजन को लेकर गठित उप-समिति की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि 25 अप्रैल से 10 मई तक दूसरी कोविड लहर के चरम के दौरान दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की मात्रा को जरूरत से चार गुना बढ़ाकर बताया.
सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि दिल्ली को अतिरिक्त ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती तो कोरोना के ज्यादा केसों वाले 12 राज्यों में ऑक्सीजन का संकट पैदा होता.
रिपोर्ट सामने आने के बाद बीजेपी के कई नेताओं ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने खुद की नाकामी छुपाने के लिए पूरे देश मे झूठ फैलाने का काम किया. ये आपराधिक लापरवाही है. दिल्ली में ऑक्सीजन अधिक मात्रा में थी, लेकिन उन्हें ये पता भी नहीं था कि इसको कैसे मैनेज करना है.
वीडियो: दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन ज़रूरत को बढ़ा-चढ़ाकर बतायाः SC कमेटी