मुंद्रा पोर्ट के शानदार परिचालन और अद्वितीय विकास के 25 साल पूरे, मनाया जश्न

CEO और पूर्णकालिक निदेशक करण अदाणी ने एक बयान में कहा कि सिर्फ 25 साल में मुंद्रा के इस बहुआयामी बदलाव को हम राष्ट्र निर्माण में अदाणी समूह के योगदान के रूप में देखते हैं.

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मुंद्रा बंदरगाह ने अभूतपूर्व परिचालन के पूरे किए 25 वर्ष
नई दिल्ली:

मुंद्रा पोर्ट (Mundra Port) के 25 साल पूरे हो गए हैं. इस अवसर पर दुनिया की सबसे बड़े बंदरगाहों में से मुंद्रा को लेकर जश्न मनाया जा रहा है.  7 अक्टूबर, 1998 के दिन मुंद्रा पोर्ट की शुरुआत हुई थी. पहला जहाज MT अल्फा  7 अक्टूबर, 1998 के दिन मुंद्रा पोर्ट पर पहुंचा था. 25 साल के अपने सफर में इस पोर्ट ने वैश्विक मानचित्र पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है. इस अवसर पर अदानी समूह के प्रमुख गौतम अदानी (Gautam Adani) ने शुभकामना दी है. 

मुंद्रा, मेरे लिए एक बंदरगाह से कहीं ज्यादा है. ये पूरे अदाणी ग्रुप के लिए संभावनाओं के क्षितिज का समुद्र तट है. 25 साल पहले, जब हमने यात्रा शुरू की थी, हमने एक ऐसे प्रकाशस्तंभ का सपना देखा था जो भारत के आगे बढ़ने की अगुवाई करेगा. इस प्रतिबद्धता की धड़कन न केवल मुंद्रा में, बल्कि पूरे देश में गूंजती है और हर एक स्टेकहोल्डर के विश्वास में गूंजती है, जिसे हमारे साथ इस यात्रा पर चलने का भरोसा था.गौतम अदाणी ने कहा है कि जैसे कि मुंद्रा पोर्ट 25 साल का हो गया, हम उन अनगिनत लोगों को शुभकामनाएं देते हैं जो इसकी सफलता की बुनियाद में रहे हैं.

तेजी से विकसित हुआ है मुंद्रा पोर्ट

एक महत्वपूर्ण व्यापार प्रवेश द्वार के रूप में उभरते हुए, मुंद्रा पोर्ट एक मल्टीमॉडल हब के रूप में विकसित हुआ है जो व्यापार को बढ़ावा देता है और आर्थिक प्रगति को मजबूत करता है. अपनी मामूली शुरुआत से, यह प्रमुखता से उभरा है और पिछले 25 वर्षों में राज्य और राष्ट्रीय खजाने में 2.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया है, जो भारत के आर्थिक ढांचे में इसकी केंद्रीय भूमिका को बताता है. आज मुंद्रा पोर्ट 155 MMT से ज्यादा कार्गो का मैनेजमेंट करता है (जो कि एक बार फिर देश का पहला पोर्ट है). ये भारत के समुद्री कार्गो का करीब 11% है. 

करण अदाणी ने क्या कहा? 

सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक करण अदाणी ने एक बयान में कहा कि सिर्फ 25 साल में मुंद्रा के इस बहुआयामी बदलाव को हम राष्ट्र निर्माण में अदाणी समूह के योगदान के रूप में देखते हैं. जो कभी बंजर था वह अब भारत के एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का प्रवेश द्वार और ट्रेड के लिए ग्लोबल हब बन गया है. मैं बहुत आत्मविश्वास से कहूंगा कि हम भारत के विकास के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक बनाने में सफल रहे हैं और मुझे इसका भी भरोसा है कि हमारी यात्रा अभी शुरू हुई है.

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260 MMT से ज्यादा क्षमता के साथ यह दुनिया के सबसे बड़े पोर्ट्स में से एक

कंपनी की तरफ से कहा गया है कि मुंद्रा कंटेनर ट्रैफिक के लिए एक्सपोर्ट-इंपोर्ट प्रवेश द्वार की तरह है. सच तो ये है कि भारत का 33% कंटेनर ट्रैफिक एक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से पोर्ट के जरिए जाता है, जो उत्तरी समुद्र तटक्षेत्र से मुंद्रा तक डबल-स्टैक कंटेनरों की सुविधा देता है. 260 MMT से ज्यादा क्षमता के साथ यह दुनिया के सबसे बड़े पोर्ट्स में से एक है. शुरुआत से राज्य और राष्ट्रीय खजाने में 2.25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का योगदान कर चुका है. 

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260 MMT से ज्यादा क्षमता के साथ यह दुनिया के सबसे बड़े पोर्ट्स में से एक है. शुरुआत से राज्य और राष्ट्रीय खजाने में 2.25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का योगदान कर चुका है. मुंद्रा बंदरगाह निर्बाध मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के साथ विशाल क्षेत्र में सेवा प्रदान करता है. देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बंदरगाह के रूप में, 35,000 एकड़ में फैला, मुंद्रा बंदरगाह सबसे बड़े कोयला, प्राकृतिक गैस और ऑटो टर्मिनलों सहित अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. इसके रणनीतिक फायदे और बेहतर सुविधाओं ने इसे प्रमुख वैश्विक शिपिंग लाइनों के लिए पसंदीदा विकल्प बना दिया है.

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(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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