11 मिनट में 7 बम ब्लास्ट, कैसे थम गई थी मुंबई की लाइफलाइन...189 बेकसूरों ने गंवाई थी जान

Mumbai Local Train Bomb Blast Case: मुंबई लोकल ट्रेन बम ब्लॉस्ट केस में सभी 12 आरोपियों को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है. पीड़ितों के दिलोदिमाग में आज भी उन बम धमाकों की गूंज है, जिसने मुंबई की लाइफलाइन को दहला दिया था.

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Mumbai Local Train Bomb Blast Case
मुंबई:

Mumbai train bomb blast case Timeline: मुंबई लोकल ट्रेन बम ब्लॉस्ट केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया है. 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाले लोकल ट्रेनों में 11 मिनट के भीतर सात धमाके हुए थे. इन बम ब्लॉस्ट से पूरा मुंबई दहल गया था. आतंकवादी हमले में 189 बेकसूर लोगों ने जान गंवाई थी. जबकि 800 से ज्यादा घायल हो गए थे. 7/11 मुंबई ट्रेन बम ब्लास्ट केस को 1992 के बम धमाकों के बाद मायानगरी मुंबई में सबसे बड़ा हमला था.

निचली अदालत ने पांच दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि सात को उम्रकैद की सजा दी है. लेकिन उच्च न्यायालय से सारे बरी हो गए.. तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार के आदेश पर बनी एटीएस ने मामले में 13 संदिग्धों को गिरफ्तारी किया था.जबकि कुछ आरोपी पाकिस्तान भाग गए थे. लोअर कोर्ट ने 2015 में इस धमाके में 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था. इसमें पांच को फांसी और सात को आजीवन कारावास की सजा दी गई. सरकार ने पांच आरोपियों की फांसी पर मुहर के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

हाईकोर्ट में खुला मामला
हाईकोर्ट में पिछले साल जुलाई में छह महीने इस पर लंबी सुनवाई चली. आरोपियों के वकीलों का कहना था कि पूछताछ में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) लगाने के बाद आरोपियों के कबूलनामे को रिकॉर्ड कर सबूत के तौर पर पेस किया. बचाव पक्ष का आरोप था कि यातनाएं देकर ये कबूलनामा लिखवाया गया.

इंडियन मुजाहिदीन की भूमिका
बचाव पक्ष ने मुंबई क्राइम ब्रांच की शुरुआती जांच का उदाहरण दिया. इसमें ट्रेन बम धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन (IM) की भूमिका की बात सामने आई थी. इंडियन मुजाहिदीन के एक संदिग्ध की गिरफ्तारी भी हुई थी. लेकिन बाद में जांच की दिशा बदल दी.

लोकल ट्रेनों में कब बम धमाके हुए
मायानगरी मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाले लोकल ट्रेनों में 11 जुलाई 2006 के दिन भी काफी भीड़भाड़ थी. ऑफिस खत्म कर लौटकर लोगों के चेहरों पर थकावट के बावजूद घर लौटने का सुकून था. तभी 6.24 बजे लोकल ट्रेन में पहला धमाका हुआ और चीख पुकार मच गई.पुलिस वैन, एंबुलेंस से लेकर सभी बचाव एजेंसियां अलर्ट हुई ही थीं कि एक के बाद एक 7 बम विस्फोट अलग-अलग स्टेशनों पर हुए. माटुंगा रोड, बांद्रा, खार रोड, माहिम जंक्‍शन, जोगेश्वरी, भयंदर और बोरिवली रेलवे स्टेशन पर सात ताबड़तोड़ धमाके हुए.

Mumbai Local Train Bomb Blast

मच गई चीख पुकार
बम धमाकों में 1 या 2 मिनट से का अंतर था. 3 बम ब्लॉस्ट बांद्रा-खार रोड, माटुंगा रोड-माहिम स्टेशन और मीरा रोड-भायंदर के बीच हुए थे. 3 अन्य बम ब्लास्ट हुए, जब ट्रेनें माहिम, बोरिवली और जोगेश्वरी स्टेशनों से रवाना हो रही थीं. सबसे ज्यादा मौतें माहिम रेलवे स्टेशन पर हुए बम ब्लास्ट में हुई थीं. चर्चगेट-बोरिवली के बीच लोकल ट्रेन में 43 यात्रियों की मौत हो गई थी. मीरा रोड-भायंदर की लोकल ट्रेन में 31 लोगों की मौत हुई थी. चर्चगेट-विरार लोकल ट्रेन में 28 और चर्चगेट-बोरिवली लोकल में 28, चर्चगेट-विरार (बोरिवली) लोकल में 26 रेलयात्री, चर्चगेट-बोरिवली (बांद्रा-खार रोड) लोकल में 22 और चर्चगेट लोकल में 9 यात्रियों की मौत हुई थी

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पहला धमाका 6:24 बजे
दूसरा धमाका 6:24 बजे
तीसरा ब्लास्ट 6:25 बजे
चौथा 6:26 बजे
पांचवा 6:29 बजे
छठा ब्लास्ट 6:30 बजे
सातवां ब्लास्ट 6:35 बजे

बम ब्लास्ट में प्रेशर कुकर का इस्तेमाल
ये सारे बम धमाके मुंबई के वेस्‍टर्न लाइन की लोकल ट्रेनों में अंजाम दिए गए थे. इन बम धमाकों में प्रेशर कुकर यूज किया गया था. जिन भी कोच में ब्लास्ट हुआ, उनके परखच्चे तक उड़ गए थे. ये ब्लॉस्ट लोकल ट्रेन के फर्स्‍ट क्‍लास डिब्बों में हुए थे. चर्चगेट से दूरदराज जाने वाली ट्रेनों को निशाना बनाया था, क्योंकि इनमें ज्यादातर ऑफिस से घर जाने वाले यात्रियों की भीड़ रहती है.लश्कर ए तैयबा ने इस बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी.

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