मुंबई के एक प्रमुख स्कूल के प्रबंधन ने मंगलवार को घोषणा की कि उसने प्रिंसिपल परवीन शेख की सेवाओं को बर्खास्त कर दिया है, "ताकि वो यह सुनिश्चित कर पाएं कि एकता और समावेशिता के हमारे लोकाचार से समझौता नहीं किया जा रहा है." कुछ दिन पहले उन्हें कथित तौर पर फिलिस्तीन मुद्दे और हमास-इजरायल संघर्ष पर सोशल मीडिया पोस्ट लाइक करने के कारण स्कूल छोड़ने के लिए कहा गया था.
मुंबई के विद्याविहार इलाके में सोमैया स्कूल के प्रिंसिपल शेख ने पद से उनकी "बर्खास्तगी" को "पूरी तरह से अवैध, कठोर और अनुचित" बताया और "राजनीति से प्रेरित" कार्रवाई पर आश्चर्य व्यक्त किया. स्कूल प्रबंधन ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत सोशल मीडिया एक्टिविटी शैक्षणिक संस्थान के मूल्यों के अनुरूप नहीं थी. उनके सहयोगी ने 2 मई को कहा था कि शेख को पहले प्रबंधन ने कथित तौर पर उनके सोशल मीडिया विचारों पर इस्तीफा देने के लिए कहा था. प्रबंधन ने तब कहा था कि वह मामले की जांच कर रहे हैं.
मंगलवार को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी करते हुए सोमैया स्कूल प्रबंधन ने कहा, "शेख की पर्सनल सोशल मीडिया एक्टिविटी हमारे शैक्षणिक संस्थान के मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं और इस वजह से मामले की गहराई को समझते हुए और सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, हम उनकी सेवाओं को बंद करते हैं".
बयान में कहा गया है, "सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, प्रबंधन ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारी एकता और समावेशिता के लोकाचार से समझौता नहीं किया जाए, परवीन शेख का सोमैया विद्याविहार की सेवाओं को बंद करता है." स्कूल प्रबंधन ने बयान में दावा किया कि वह एक ऐसा माहौल विकसित करने का प्रयास करता है जहां ज्ञान ज्ञान की ओर ले जाता है और "समुदाय के सभी सदस्यों को छोटी मानसिकता और व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों से ऊपर उठाता है.
बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि संस्थान एक ऐसा शैक्षिक वातावरण प्रदान करने के लिए समर्पित है जो सभी संस्कृतियों और मान्यताओं का सम्मान करता है और समाज और हमारे राष्ट्र के लिए सकारात्मक योगदान देता है.
पिछले हफ्ते की शुरुआत में, सोमैया स्कूल प्रबंधन ने मीडिया को सूचित किया था कि उसने शेख से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है और वह उसके जवाब का इंतजार कर रहा है. बयान में यह नहीं बताया गया कि प्रबंधन को उनसे कोई स्पष्टीकरण मिला या नहीं. शेख ने व्हॉट्सएप पर शेयर अपने बयान में इसे पूरी तरह से गैर कानूनी बताया है और कहा है कि वह स्कूल के इस फैसले से हैरान हैं. उन्होंने दावा किया, "स्कूल प्रिंसिपल के रूप में मेरा काम बहुत अच्छा रहा है और ऐसे कारण से मेरी बर्खास्तगी गलत और अन्यायपूर्ण है."
शेख ने आगे कहा कि वह "निराश" हैं क्योंकि स्कूल प्रबंधन ने "उनके साथ खड़े नहीं होने का फैसला किया" और "कठोर और अनुचित कार्रवाई" की. उन्होंने कहा, "यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित लगती है. मुझे हमारी कानूनी प्रणाली और भारतीय संविधान में दृढ़ विश्वास है और मैं फिलहाल अपने कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही हूं. शेख पिछले 12 वर्षों से स्कूल से जुड़ी हुई थीं और सात साल पहले उन्होंने प्रिंसिपल के रूप में कार्यभार संभाला था.