लॉरेंस बिश्नोई का नाम इन दिनों देश के बच्चे-बच्चे की जुबान पर छाया हुआ है. वह इन दिनों अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद है. जेल में बंद होने के बाद भी उसका खौफ (Lawrence Bishnoi) कम होने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी गई. इसकी जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है. जेल में बंद होने के बाद भी कोई उसका कुछ नहीं कर पा रहा है. मुंबई पुलिस (Mumbai Police) गैंगस्टर की कस्टडी लेना चाहती है लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी मुश्किल गृह मंत्रालय का आदेश बन रहा है, ये जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है.
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मुंबई पुलिस क्यों नहीं ले सकती लॉरेंस की कस्टडी?
गृह मंत्रालय की तरफ से सीआरपीसी 268 के तहत आदेश दिया गया था कि कोई भी एजेंसी या राज्य पुलिस लॉरेंस बिश्नोई की एक साल तक कस्टडी नहीं ले सकती. पहला आदेश 30 अगस्त 2023 को दिया गया था. उस आदेश के मुताबिक कोई भी एजेंसी या स्टेट पुलिस लारेंस विश्नोई की एक साल तक कस्टडी नहीं ले सकेगी. इसके पीछे की वजह थी कि उसे जेल से लाने और ले जाने में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है.
गृह मंत्रालय के कौन से आदेश से फंसा पेच
एजेंसियां भले ही उसकी कस्टडी नहीं ले सकती हो लेकिन उससे पूछताछ जरूर कर सकती हैं. हालांकि गृह मंत्रालय का ये आदेश 30 अगस्त 2024 तक था. सूत्रों के मुताबिक उस आदेश को एक साल के लिए और एक्सटेंड कर दिया गया है. ऐसे में मुंबई पुलिस लॉरेंस की कस्टडी तो नहीं ले पाएगी.
क्यों बंधे हैं मुंबई पुलिस के हाथ?
लॉरेंस जैसे गैंगस्टरों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए पुलिस के लिए जरूरी है कि उसकी कस्टडी मिले और उससे सख्ती से पूछताछ की जाए, ताकि हर एक जानकारी जुटाई जा सके. लेकिन मुंबई पुलिस के हाथ गृह मंत्रालय के उस एक आदेश ने पूरी तरह से बांध दिए हैं, जो 2023 में दिया गया था. उसकी कस्टडी के लिए मुंबई पुलिस को अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है.