मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने मंगलवार को आरे कॉलोनी के सारिपुट नगर में कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज (एसईईपीजेड) मेट्रो लाइन-3 का ट्रायल रन शुरू किया. इस मौके पर सीएम एकनाथ शिंदे ने इस मौके पर कहा कि इस मेट्रो ट्रेन से वायु प्रदूषण के साथ ही राजनीतिक प्रदूषण भी बंद हुआ है. यातायात समस्या पर ये रामबाण उपाय साबित होगा. यहां तीन सड़कें हैं मतलब हम किसी जंगल में नहीं बना रहे हैं. जिस राज्य देश का पब्लिक ट्रांसपोर्ट अच्छा होता है, वहां लोग अपनी कार लेकर कम सड़क पर उतरते हैं. हमारे पास समय सिर्फ ढाई साल ही हैं इसलिए लोगों के लिए समर्पित सरकार हम देने की कोशिश कर रहे हैं. ये विकास करने वाली सरकार है. केंद्र सरकार हमारे साथ है इसलिए कोई भी प्रोजेक्ट अब अटकेगा नहीं. सभी कामों में तेजी आएगी. वहीं महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ये एक ऐतिहासिक पल है. मुंबई की नई लाइफलाइन बनने वाली मुंबई मेट्रो 3 का यशश्वी ट्रायल शुरू हुआ है. अब इसे कोई रोक नहीं सकता है. ये ट्रेन मार्च 2023 तक पूरा हो सकता था लेकिन जो विवाद हुआ, उससे अब दिसंबर तक पूरा होगा.
मेट्रो कार शेड का जो भी विवाद हुआ वो पर्यावरण की बजाय राजनीतिक था, ऐसा मेरा मत है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस जगह पर कार शेड बनाने की इजाजत दी थी. इससे 7 लाख वाहन सड़क से कम हो जाएंगे. इससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा. पर्यावरण अनुकूल ये प्रोजेक्ट है. अगर कंजूर मार्ग में कार शेड ले जाते तब भी ट्रेन स्टेबलाईजेशन स्टेशन बनाना पड़ता. मतलब ये जगह खाली नहीं होती. हमारे लिए ये इगो का विषय नहीं है. इसकी इजाजत देने के लिए मैं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का अभिनंदन करता हूं.
बता दें कि मुंबई मेट्रो की तीसरी लाइन में 33.5 किलोमीटर लंबा भूमिगत मार्ग शामिल है. यह लाइन दक्षिण मुंबई के कोलाबा को महानगर के पश्चिमी उपनगरों से जोड़ेगी. इससे उपनगरीय लोकल ट्रेन सेवा पर यात्रियों के बोझ में कमी आने की उम्मीद है. यह ट्रायल रन विवादों में घिरे इस मेट्रो ट्रैक को हकीकत में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है. शिंदे-फडणवीस सरकार ने इस साल 30 जून को संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से सटी वन भूमि ‘आरे' में मेट्रो कार शेड के निर्माण का फैसला पलट दिया था. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले महीने राज्य की नयी सरकार से आरे में कार शेड के निर्माण की योजना पर आगे बढ़कर ‘मुंबई के दिल में छुरा न घोंपने' की अपील की थी.