24 घंटे में 3 जख्मों पर वक्त का मरहम: जयपुर-हैदराबाद ब्लास्ट में इंसाफ, मुंबई के गुनहगार तहव्वुर का होगा हिसाब

2008 का जयपुर सीरियल ब्लास्ट,  2013 का हैदराबाद डबल ब्लास्ट और 2008 का मुंबई हमला.. देश के सीने पर लगे इन तीन जख्मों का मरहम वक्त ने दिया है, वो भी एक साथ पिछले 24 घंटों में.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है

2008 का जयपुर सीरियल ब्लास्ट,  2013 का हैदराबाद डबल ब्लास्ट और 2008 का मुंबई हमला.. देश के सीने पर लगे इन तीन जख्मों का मरहम वक्त ने दिया है, वो भी एक साथ पिछले 24 घंटों में. जयपुर सीरियल ब्लास्ट के 4 गुनहगारों को विशेष अदालत ने 8 अप्रैल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, हैदराबाद डबल ब्लास्ट मामले में पांचों दोषियों को सजा-ए-मौत देने के फैसले को 8 अप्रैल को तेलंगाना हाई कोर्ट ने बरकरार रखा, वहीं सूत्रों ने खबर दी है कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को लेकर 9 अप्रैल को एक फ्लाइट अमेरिका से भारत रवाना हो गई. चलिए तीनों केस के डिटेल्स के साथ आपको बताते हैं कि कैसे हरेक केस में 24 घंटे के अंदर गुनाहगारों पर शिकंजा और कस गया है, कैसे वक्त ने मरहम का इंतजाम कर दिया है.

जयरपुर सीरियल ब्लास्ट

जयपुर के एक स्पेशल कोर्ट ने 17 साल पहले जयपुर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान जिंदा बम मिलने के मामले में दोषी ठहराए गए चार आतंकियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. स्पेशल कोर्ट के जज रमेश कुमार जोशी ने मंगलवार, 8 अप्रैल को यह सजा सुनाई. इससे पहले 4 अप्रैल को कोर्ट ने सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को दोषी ठहराया था. उनको मिली सजा का ऐलान 8 अप्रैल को किया गया.

600 पन्नों के फैसले में कहा गया कि कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए आतंकवाद को समाज के लिए गंभीर खतरा करार दिया. कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे अपराधियों के प्रति कोई नरमी नहीं दिखाई जा सकती.

Advertisement
13 मई, 2008 को जयपुर के चारदीवारी वाले शहर में हुए बम विस्फोटों में 71 लोग मारे गए और 185 अन्य घायल हो गए थे. नौवां बम चांदपोल बाजार में खोजा गया और विस्फोट होने से 15 मिनट पहले ही उसे डिफ्यूज कर दिया गया. सरकारी वकील सागर तिवारी ने मीडिया को बताया कि कोर्ट ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया है.

हैदराबाद डबल ब्लास्टः पांचों आतंकियों को सजा-ए-मौत

'यह रेयरेस्ट ऑफ रेयरेस्ट केस है, मुजरिमों अधिकतम सजा के हकदार हैं.' 21 फरवरी 2013 को दो धमाकों से हैदराबाद को दहलाने वाले पांच आतंकियों को मंगलवार को तेलंगाना हाई कोर्ट ने सजा-ए-मौत का हुक्म सुनाया. ये हैं.. 
नामः यासीन  भटकल
उम्र:
42 साल
कामः हैदराबाद में ब्लास्ट की साजिश रची. रियाज भटकल और बाकी के बीच सूत्रधार का काम किया. 
सजाः मृत्युदंड 

Advertisement

एजाज शेख
उम्र :
37 साल
कामः टेक सपोर्ट का काम एजाज शेख ने ही किया था. हैदराबाद में किराए के मकान के लिए बाकी साथियों के फेक आईडी बनाए.  
सजाः मृत्युदंड

Advertisement

जिया-उर-रहमान
उम्र: 36 साल
कामः IED तैयार करने का काम इसके ही जिम्मे था. बम का प्लांट करने का भी काम किया. 
सजाः मृत्युदंड

Advertisement

असदुल्लाह अख्तर
उम्रः
39 साल
काम: पैसे का इतंजाम असदुल्लाह कर रहा था. बम फिट करने में भी शामिल था. 

मोहम्मद रियाज
रियाज अभी तक पकड़ से बाहर है. पाकिस्तान के कराची में छिपे होने की खबर है. ISI की सुरक्षा में बताया जाता है. 
 

तेलंगाना हाई कोर्ट ने हैदराबाद दिलसुखनगर बम विस्फोट मामले में मौत की सजा पाए पांचों दोषियों की अपील खारिज कर दी. पांचों इंडियन मुजाहिदीन के ऑपेरटर थे. उनके किए दो विस्फोटों में 18 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें एक अजन्मा बच्चा भी थी. 133 लोग इसमें घायल हो गए थे. 

बता दें कि हैदराबाद के दिलसुखनगर में हुए बम ब्लास्ट मामले की जांच NIA ने की थी. जिन 5 दोषियों को सजा सुनाई गई है वे हैं- अहमद सिद्दीबप्पा जर्रार उर्फ ​​यासीन भटकल; अजाज शेख; जिया उर रहमान उर्फ ​​वकास; असदुल्ला अख्तर उर्फ ​​हड्डी और मोहम्मद तहसीन अख्तर उर्फ ​​हसन. मामले का पहला आरोपी मोहम्मद रियाज उर्फ ​​रियाज भटकल अब भी फरार है.

पांचों की अपील याचिका खारिज करने के साथ हाई कोर्ट ने NIA के स्पेशल कोर्ट द्वारा उन्हें दी गई मौत की सजा की भी पुष्टि की. हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा पांचों दोषियों पर लगायी गई पैनल्टी की भी पुष्टि की है. यह अपील याचिका 2016 में दायर की गई थी. पांचों दोषी चाहते थे कि हाई कोर्ट 13 दिसंबर 2016 को स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले को रद्द कर दे.

26/11 मुंबई ब्लास्ट

सूत्रों ने बताया कि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका में अपने कानूनी विकल्प समाप्त होने के बाद एक स्पेशल फ्लाइट से भारत लाया जा रहा है. विमान को एक बार बीच में फ्यूल भरने के लिए उतरना पड़ेगा और आज देर रात या कल सुबह उसके दिल्ली में लैंड करने की उम्मीद है.   

बता दें कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने भारत में प्रत्यर्पण (डिपोर्टेशन) पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. इससे पहले फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि तहव्वुर राणा को भारत भेजा जाएगा.

गौरतलब है कि तहव्वुर राणा पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी है, जो 2008 में मुंबई में 26 नवंबर को हुए हमलों के प्रमुख मार्टरमाइंड में से एक है. वह एक पाकिस्तानी मूल का है. समझा जाता है कि उसके आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस, जिसे ISI भी कहा जाता है, उसके साथ संबंध हैं.

यह भी पढ़ें: भारत पहुंचते ही तहव्वुर राणा को पहले कहां ले जाया जाएगा, इन दो शहरों में है पुख्ता तैयारी

Featured Video Of The Day
Liquor Ban ने Bihar को बनाया 40 हजार करोड़ का ब्लैक मार्केट...Tejashwi का Nitish सरकार पर बड़ा हमला
Topics mentioned in this article