भारत कोरोनावायरस के डेल्टा वेरिएंट (Coronavirus Delta Variant) से जूझ रहा है और अब डेल्टा प्लस की बात हो रही है. इस बीच महाराष्ट्र तीसरी लहर को लेकर अलर्ट पर है. UK कोरोना को मात देने के बाद जिस तरह बैकफुट पर है, 8 हफ्तों से भी कम वक्त के अंतराल में नई लहर देख रहा है. अब महाराष्ट्र टास्क फोर्स को भी लग रहा है कि नई लहर समय से जल्दी आ सकती है. मुंबई के सबसे बड़े जंबो कोविड सेंटर में बच्चों के लिए 100 कोविड बेड तैयार किए जा रहे हैं.
बीकेसी जंबो सेंटर के डीन डॉक्टर राजेश डेरे ने कहा, 'तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा प्रभाव पड़ने का अंदेशा है इसलिए टास्क फोर्स की गाइडलाइन के हिसाब से हम तैयारी कर रहे हैं. हमारा 100 बेड का पीडीऐट्रिक वॉर्ड दो दिन में तैयार हो जाएगा.'
महाराष्ट्र टास्क फोर्स कहती है कि यूं तो नई लहर 100-120 दिन के अंतराल के बाद देखी गई है लेकिन कुछ देश करीब 8 हफ्ते के भीतर ही नई लहर देख रहे हैं. नया वेरिएंट इसका कारण हो सकता है इसलिए हॉट स्पॉट रहा महाराष्ट्र तीसरी लहर को लेकर अलर्ट है.
महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर राहुल पंडित ने कहा, 'कई मैथमैटिकल मॉडल हैं जो बताते हैं कि दो लहर के बीच में 100 से 120 दिनों का अंतर हो सकता है लेकिन कोई-कोई देश ऐसे हैं, जहां थर्ड वेव आठ हफ्तों से भी कम
समय में आई है, तो हमें बुरे से बुरे दौर के लिए तैयार रहना है ताकि हमारी तैयारी पुख्ता रहे. हम ऑफ गार्ड ना पाए जाएं. इसके साथ-साथ टीकाकरण और कोरोना अप्रोप्रियट बिहेवियर, दोनों एन्फोर्स करना होगा.'
स्टेट टास्क फोर्स कहती है कि बच्चों पर सम्भावित प्रभाव के साथ-साथ वो लोग जो दोनों लहर में कोविड से बचे रहे, उनपर तीसरी लहर असर दिखा सकती है. फोर्स के सदस्य डॉक्टर ओम श्रीवास्तव ने कहा, 'तैयारी बेहद जरूरी है. अंदेशा है कि बच्चों पर तीसरी लहर का प्रभाव पड़ सकता है. उन लोगों पर इसका असर पड़ सकता है, जो दोनों कोविड लहर में बचे रहे, लेकिन हां ये सम्भावनाएं हैं, इसे पक्के तौर पर हम नहीं कह रहे.'
यूके कोरोना को मात देने के बाद एक बार फिर बैकफुट पर है, यहां सिर्फ 11 दिन में ही मामले डबल हो रहे हैं. कारण डेल्टा वेरिएंट को बताया गया है, जिससे भारत देश जूझ रहा है. इसी ट्रेंड को देखकर महाराष्ट्र अलर्ट मोड पर है.
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