वो खौफनाक यादें हैं... मुंबई हमले से बचकर निकली महिला ने NDTV से बताई आपबीती

राजिता ने उस दिन के भयावह पलों को याद करते हुए कहा कि मैं ताज महल होटल की पूरी टीम को धन्यवाद देती हूं. जिन्होंने हमारी रक्षा करने के लिए अपने कर्तव्य से बढ़कर काम किया.

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मुंबई हमले की चश्मदीद ने NDTV से साझा की आपबीती

नई दिल्ली:

मुंबई हमले का मास्टरमाइंड आतंकी तहव्वुर राणा अब भारत की गिरफ्त में. उसे अब भारत लाया जा रहा है, जहां उसके जुर्मों का हिसाब होगा. तहव्वुर राणा से पहले NIA पूछताछ करेगी और उसे तिहाड़ जेल में रखा जाएगा. इन सब के बीच बैंकर से शिक्षिका बनीं राजिता कुकरनी ने अपना अनुभव साझा किया है. राजिता भी उन खुशनसीब लोगों में से एक हैं जो मुंबई हमलों से बचकर निकली थीं. उस खौफनाक दिन उन्होंने जो कुछ महसूस किया उसे उन्होंने NDTV से साझा किया. उन्होंने NDTV पर चले फुटेज में खुदकी पहचान भी की है. उन्होंने कहा कि आज जो आप फुटेच चला रहे हैं इसमें मैं अपने आपको पहचान सकती हूं. 

राजिता ने उस दिन के भयावह पलों को याद करते हुए कहा कि मैं ताज महल होटल की पूरी टीम को धन्यवाद देती हूं. जिन्होंने हमारी रक्षा करने और हमें सुरक्षित बनाने के लिए अपने कर्तव्य से बढ़कर काम किया. उन्होंने बताया कि मैं और मेरे पति मसाला क्राफ्ट में एक गेस्ट के साथ थे.हम मसाला क्राफ्ट में थे और फिर हमें चैंबर में जाने के लिए कहा गया. हमें सर्विस एंट्रेंस के पीछे की तरफ से होते हुए रसोई से होते हुए चैंबर में ले जाया गया.

राजिता ने कहा कि उन्हें होटल खाली करने के लिए कहा गया था, लेकिन वे समय पर नहीं निकल सके क्योंकि गोलीबारी शुरू हो गई थी. और उन्हें वापस लौटना पड़ा. उनके साथ 200 से ज़्यादा लोग थे, जिनमें सीईओ और सांसद शामिल थे. अगली सुबह जब एनएसजी हमारे पास पहुंची, तब तक हमें बंधक बनाकर रखा गया था.

उन्होंने कहा कि तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण हमारे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.मैं इसे संभव बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का आभार जताती हूं.मुझे पूरा यकीन है कि इससे न्याय मिलेगा. यह उन सभी शहीदों के लिए बहुत बड़ा दिन है जिन्होंने अपनी जान कुर्बान कर दी, जिसकी वजह से हम जैसे लोग बच गए. 

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