केंद्र सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के काम को महाराष्ट्र के पालघर में स्थानीय लोगों ने रात भर बाधित रखा. पालघर के जलसार गांव में ग्रामीणों ने देर रात बैरिकेड्स लगाकर बुलेट ट्रेन परियोजना का काम अस्थायी रूप से रोक दिया.
विरोध का कारण?
जलसार के ग्रामीणों का आरोप है कि बुलेट ट्रेन के काम की वजह से उनके कई घरों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है. ग्रामीणों का सबसे बड़ा गुस्सा इस बात पर है कि प्रभावित लोगों की सूची अभी तक जारी नहीं की गई है, जिससे मुआवजे और पुनर्वास को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.
नाराज़ ग्रामीण आक्रामक हो गए. तेज़ बारिश के बीच, गांव के लोगों ने एकजुट होकर रात के अंधेरे में बुलेट ट्रेन परियोजना का काम रोक दिया और साइट पर बैरिकेडिंग लगा दी. हालांकि, बाद में देर रात केलवा सागरी पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने बैरिकेड्स हटाकर काम को फिर से शुरू करवाया.
इस घटना ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के खिलाफ ज़मीनी स्तर पर विरोध को एक बार फिर से उजागर किया है. पालघर(महाराष्ट्र) जैसे क्षेत्रों में ज़मीन अधिग्रहण और टनलिंग यानी सुरंग के काम कारण महाराष्ट्र खंड का काम गुजरात की तुलना में थोड़ा पीछे दिखता है, जिसके कारण पूरे प्रोजेक्ट की अंतिम डेडलाइन बढ़ती गई.