मुंबई लोकल में सफर करने की इजाजत देने के लिए पत्रकार, वकील पहुंचे बॉम्बे हाईकोर्ट, AG ने दिया ये जवाब

रेलवे की ओर से पेश हुए एएसजी अनिल सिंह ने कोर्ट को बताया कि जैसे ही राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपनी अधिसूचना जारी करेगा. हम वकीलों और उनके कर्मचारियों को लोकल ट्रेनों में अनुमति देने के लिए तैयार हैं.

Advertisement
Read Time: 23 mins
मुंबई:

मुंबई लोकल (Mumbai Locals) में वकीलों, पत्रकारों और टीके के दो डोज़ ले चुके लोगों को यात्रा की अनुमति देने की मांग को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में दायर अलग-अलग अर्जियों पर आज सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य के एडवोकेट जनरल आशुतोष कुम्भकोनी ने अदालत को बताया कि लोकल ट्रेनों में वकीलों को अनुमति देने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के लिए पत्र का मसौदा बनाया गया है लेकिन वकीलों के कुछ और सुझावों के बाद हम उन दिशा-निर्देशों के मसौदे को बदल रहे हैं. कुम्भकोनी ने कहा कि वकीलों के कर्मचारियों को भी उसमे शामिल किया जा रहा है और एक या दो दिन में इस आशय का पत्र जारी कर दिया जाएगा.

रेलवे की ओर से पेश हुए एएसजी अनिल सिंह ने कोर्ट को बताया कि जैसे ही राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपनी अधिसूचना जारी करेगा. हम वकीलों और उनके कर्मचारियों को लोकल ट्रेनों में अनुमति देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हम अपनी ओर से उन सभी को यात्रा की अनुमति देने को तैयार हैं जिनके लिए भी सरकार अधिसूचना जारी करेगी.

इस बीच एक अन्य याचिकाकर्ता मोहन भिड़े के वकील ने उन सभी लोगों के लिए लोकल ट्रेन यात्रा की अनुमति मांगी जो टीके का दोनों डोज ले चुके हैं. चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि यह एक अच्छा मामला है कि ट्रेनों में पूरी तरह से टीकाकरण करने वाले लोगों को अनुमति दी जाती है.

Advertisement

वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके मुंबईकरों को मिले लोकल की इजाजत, वर्ना होगा आंदोलन : बीजेपी सांसद

सुनवाई के दौरान  ये सवाल भी उठा कि पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों की पहचान कैसे होगी? चीफ जस्टिस ने सुझाव दिया "पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों को अलग से पास जारी करने की व्यवस्था की जा सकती है."

Advertisement

इसके जवाब में एडवोकेट जनरल ने कहा कि वो इस सुझाव को कोविड टास्क फोर्स के सामने रखेंगे. पत्रकारों की तरफ से दायर याचिका जब वकील नीलेश पावसकर ने पत्रकारों के लिए अनुमति की मांग की तो अदालत ये जानकर चौंक गई कि पत्रकारों को आवश्यक सेवाओं में रखा जाता है, लेकिन लोकल ट्रेनों में अनुमति नहीं है.

Advertisement

इस पर एडवोकेट जनरल  कहा कि हम ट्रेनों में परमिट के लिए उनका भी विचार कर रहे हैं. मामले में अगली सुनवाई अब 12 अगस्त को होगी.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Himachal Pradesh में Masjid में अवैध निर्माण का सच जानिए NDTV की स्पेशल ग्राउंड रिपोर्ट में