महाराष्ट्र इस वक्त देश में सबसे ज्यादा कोविड से प्रभावित राज्य है. स्वास्थ्य सुविधाओं पर जबरदस्त दबाव पड़ा है. प्रशासन लगातार कोविड मैनेजमेंट में लगा हुआ है. जानकारी है कि अब मुंबई में कोविड मरीजों के घर पर बृहन्मुंबई नगर निगम की मेडिकल टीम चेकअप के लिए जाएगी. रविवार से बीएमसी की टीम अब ऐसे मरीजों के घर जाकर पहले चेकअप करेगी, जिनको कोविड के लक्षण हैं.
रविवार को कोविड के लक्षणों वाले मरीजों को बेड देने से पहले उनका चेकअप होगा. मेडिकल चेकअप के लिए बीएमसी से सिविक डॉक्टर और अधिकारी संक्रमित के घर जाएंगे, चेकअप के बाद उन्हें वार्ड लेवल वॉर रूम के जरिए बेड अलॉट किया जाएगा. 24 सिविक जोन के हर जोन में 10-10 मेडिकल टीमें और 10-10 एंबुलेंस रहेंगी.
जिन मरीजों में कोविड के लक्षण दिखाई देंगे, उनके चेकअप के लिए स्वास्थ्यकर्मी या वॉलंटियर उनके घर पर आकर उनका चेकअप करेंगे, जिसके बाद उनकी स्थिति देखकर यह फैसला किया जाएगा कि उनको किस तरह के अस्पताल या बेड की जरूरत होगी.
यह नई गाइडलाइंस 25 अप्रैल यानी रविवार से लागू हो जाएंगी.
गाड़ियों पर स्टिकर का फरमान लिया गया वापस
इसके अलावा मुंबई को लेकर एक और अहम डेवलपमेंट है. मुंबई पुलिस ने कर्फ्यू के दौरान अत्यावश्यक सेवाओं सहित अन्य जरूरी सेवा में लगी गाड़ियों की आवाजाही के लिए लाल, पीले और हरे रंग के स्टिकर लगाने का अपना फरमान वापस ले लिया है. कुछ दिन पहले खुद मुम्बई पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले ने बयान जारी कर रंगों के कोड की घोषणा की थी और सड़कों पर जाकर स्टिकर भी लगाए थे.
मेडिकल सेवा के लिए लाल, सब्जियों की गाड़ी के लिए हरा और अन्य अत्यावश्यक सेवाओं के लिए पीला स्टिकर तय किया गया था. लोगों ने खुद भी 20 से 30 रुपये में स्टिकर खरीद कर लगवाया था लेकिन अब पुलिस ने खुद ही रद्द कर दिया है. नये आदेश में रंगों के कोड को रद्द कर दिया गया है लेकिन साथ में यह भी कहा गया है कि सड़कों पर जांच जारी रहेगी और बिना जरूरी वजह बाहर निकलने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.