अखाड़े के पहलवान मुलायम ने अपने ही गुरुभाई को दी थी सियासी जंग में मात? 3 बार कब्जाई UP की सत्ता

मुलायम सिंह यादव का आज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 82 साल की उम्र में निधन हो गया है. वह 3 बार सीएम रहे और 8 बार विधायक. देश के रक्षामंत्री के तौर पर भी उन्होंने कार्यभार संभाला था.

विज्ञापन
Read Time: 26 mins
मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन
नई दिल्ली:

Mulayam Singh: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का आज निधन हो गया है. वह देश में समाजवादी राजनीति के पुरोधा रहे हैं. उन्होंने राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह से इसकी बानगी सीखी और उसे जीवन में अमल में लाया. गरीब किसान परिवार में जन्मे मुलायम सिंह जिला स्तर के पहलवान थे लेकिन 15 साल की उम्र में ही उन पर लोहिया की विचारधारा का असर देखने को मिला था. उन्होंने 28 साल की उम्र में साल 1967 में अपने राजनीतिक गुरू राम मनोहर लोहिया की पार्टी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से विधायकी का चुनाव पहली बार लड़ा था और जीतने में कामयाब रहे.

अगले ही साल यानी 1968 में जब राम मनोहर लोहिया का निधन हो गया, तब मुलायम सिंह अपने दूसरे राजनीतिक गुरू चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय क्रांति दल में शामिल हो गए. 1974 में भारतीय क्रांति दल और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का विलय हो गया और नई पार्टी भारतीय लोक दल का गठन हुआ. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरोध में जब कई विपक्षी पार्टियां एकजुट हुईं और 1977 में जनता पार्टी का गठन हुआ तब मुलायम सिंह इसमें भी शामिल रहे.

पहली बार 1977 में बने मंत्री:  

मुलायम इसी पार्टी के जरिए 1977 में फिर विधायक चुने गए और उत्तर प्रदेश की रामनरेश यादव सरकार में मंत्री बनाए गए. यादव के पास पशुपालन विभाग के अलावा सहकारिता विभाग भी था. उन्होंने इस विभाग के जरिए राज्य में अपनी राजनीतिक पैठ जमाई. उन्होंने उस वक्त मंत्री रहते हुए सहकारी (कॉपरेटिव) संस्थानों में अनुसूचित जाति के लिए सीटें आरक्षित करवाई थीं. इससे मुलायम सिंह यादव पिछड़ी जातियों के बीच काफी लोकप्रिय हो गए थे. जल्द ही उन्हें धरतीपुत्र कहा जाने लगा.


जब चौधरी अजीत सिंह से ठन गई:

1979 में चौधरी चरण सिंह ने जनता पार्टी से खुद को अलग कर लिया. इसके बाद मुलायम सिंह उनके साथ हो लिए. चरण सिंह ने नई पार्टी लोक दल (Lok Dal) का गठन किया. मुलायम सिंह यूपी विधान सभा में नेता विरोधी दल बनाए गए. मुलायम लगातार अपनी सियासी जमीन मजबूत कर रहे थे. 1987 में चौधरी चरण सिंह के निधन के बाद उनकी पार्टी दो हिस्सों में बंट गई. चौधरी चरण सिंह के बेटे अजीत सिंह एक हिस्से (लोक दल-अ)  के मुखिया हुए जबकि मुलायम सिंह गुट लोक दल-ब कहलाया.

जनता दल में कराया पार्टी का विलय:

Advertisement

1989 में राजनीतिक हवा का भांपते हुए मुलायम सिंह ने लोक दल (ब) का विलय जनता दल में कर दिया. उस वक्त वीपी सिंह राजीव गांधी सरकार से इस्तीफा देकर देशभर में बोफोर्स घोटाले के बारे में लोगों को बता रहे थे. वीपी सिंह ने जनमोर्चा बनाया था. 1989 के दिसंबर में ही लोकसभा चुनाव के साथ-साथ यूपी विधान सभा चुनाव भी हुए. केंद्र में वीपी सिंह की सरकार बनी और यूपी में मुलायम सिंह यादव पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. उन्हें बीजेपी ने भी सपोर्ट किया था.

Advertisement


1992 में बनाई अपनी नई पार्टी:

जल्द ही मुलायम सिंह चंद्रशेखर के साथ हो लिए और 1990 में उन्होंने चंद्रशेखर के साथ मिलकर समाजवादी जनता पार्टी बनाई. दो साल बाद यह साथ भी छूट गया और मुलायम ने 1992 में फिर अपनी पार्टी समाजवादी पार्टी बनाई. राजनीतिक दांव-पेंच के माहिर मुलायम सिंह बहुजन समाज पार्टी के साथ दोस्ती कर 1993 में फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. मायावती और मुलायम का गठबंधन दो साल बाद ही 1995 में तल्ख और भारी कड़वाहट भरे रिश्तों के साथ टूट गया. इसके बाद बीजेपी के सहयोग से मायावती यूपी की मुख्यमंत्री बनीं. 2003 में यादव ने एक बार फिर सियासी अखाड़े का धोबी पछाड़ दांव चला और मायावती को अपदस्थ कर दिया. एक साल पहले ही 2002 के चुनावों में मायावती ने बीजेपी के सहयोग से कुर्सी पाई थी लेकिन बीजेपी ने उनसे अपना समर्थन वापस ले लिया.

Advertisement


तीन-तीन बार रहे सीएम, लेकिन पांच साल का कार्यकाल कभी नहीं:

इस तरह तीसरी बार यादव राज्य के मुख्यमंत्री बने लेकिन एक बार भी वो पांच साल के लिए मुख्यमंत्री नहीं रह पाए. मुलायम ने अपने राजनीतिक जीवन में मुस्लिमों और यादवों को साथ लेकर चलने वाला अटूट राजनीतिक समीकरण बनाया था जिसके दम पर उन्होंने राज किया.उनकी पार्टी आज भी मजबूत विपक्षी पार्टी की भूमिका में है. 1996 में एक समय ऐसा भी आया जब मुलायम सिंह का नाम पीएम पद की रेस में था लेकिन कहा जाता है कि दूसरे बड़े यादव नेता लालू यादव ने उनके नाम पर आपत्ति जता दी, जिसकी वजह से वो रेस में पिछड़ गए. बाद में मुलायम सिंह 1996 से 1998 के बीच देश के रक्षा मंत्री रहे.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Brazil Plane Crash BREAKING: ब्राजील के ग्रैमाडो में घर में जा घुसा Plane, 10 से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका