मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत के बाद आज परिवार की मौजूदगी में होगा पोस्टमार्टम, यूपी में धारा 144 लागू

मुख़्तार अंसारी अपराध की दुनिया से सियासत में आया था. साल 1996 में वो चुनावी मैदान में उतरा और बीएसपी के टिकट पर जीत हासिल की. मुख़्तार मऊ से पांच बार विधायक रहा. कई चुनाव तो उसने जेल में रहते हुए लड़े और जीते. हत्या, लूट और अपहरण जैसे 60 से ज़्यादा संगीन केस उसके ख़िलाफ़ दर्ज थे.

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गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की बृहस्पतिवार को बांदा में मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक बांदा जेल में मुख़्तार को हार्ट अटैक आया था. जिसके बाद उसे बांदा मेडिकल कॉलेज (Banda Medical College) में भर्ती करवाया गया था. आज परिवार की मौजूदगी में मुख़्तार के शव का पोस्टमॉर्टम होगा. बेटे उमर ने अपने पिता की हत्या का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है.

जानकारी के अनुसारमुख्तार अंसारी को बेहद गंभीर हालत में अस्पताल इलाज के लिए लाया गया था. अस्पताल की तरफ से जारी कि गए बयान में कहा गया है कि मुख्तार अंसारी को बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था. जहां उसे 9 डॉक्टरों की टीम के द्वारा चिकित्सा उपलब्ध करवायी गयी. लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई

उत्तर प्रदेश में धारा 144 लगा दी गई

पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लगा (Section 144) दी गई है. इसके साथ ही बांदा, मऊ, ग़ाज़ीपुर समेत कई ज़िलों में सुरक्षा बढ़ाई गई. प्रयागराज, फ़िरोज़ाबाद समेत कई शहरों में पुलिस ने फ़्लैग मार्च भी किया. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बांदा मेडिकल कॉलेज  (Banda Medical College) परिसर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है.

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अपराध की दुनिया से सियासत में रखा कदम

मुख़्तार अंसारी अपराध की दुनिया से सियासत में कदम रखा था. साल 1996 में वो चुनावी मैदान में उतरा और बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की. मुख़्तार अंसारी मऊ से पांच बार विधायक रहा. कई चुनाव तो उसने जेल में रहते हुए लड़े और जीते. मुख्तार के खिलाफ हत्या, लूट और अपहरण जैसे 60 से ज़्यादा संगीन केस उसके ख़िलाफ़ दर्ज थे. अब तक उसकी 500 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति ज़ब्त की जा चुकी थी.

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बेटे के लिए पैरोल मांगेगा मुख्तार का परिवार

इलाहाबाद हाईकोर्ट से अर्जेंसी के आधार पर अब्बास अंसारी की पैरोल पर रिहाई के लिए सुनवाई की मांग की जा सकती है. दो दिन पहले भी मुख्तार अंसारी के बीमार होने के बाद परिवार की वकीलों से बात हुई थी. बता दें कि कुछ दिन पहले मुख्तार ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर खुद को जेल में स्लो पॉइजन दिए जाने की बात की थी. वहीं मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने भी मुख्तार को खाने में जहर दिए जाने का आरोप लगाया है. और बेटे उमर अंसारी ने कहा कि मुलाकात करने वालों की लिस्ट में चाचा अफजाल का नाम होने के बाद भी उनको पिता से नहीं मिलने दिया गया.

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