पहले कानून ने दी, अब ईश्वर से भी मिल गई सजा : मुख्तार अंसारी की मौत पर बोले पीड़ित

हरेंद्र सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिना किसी कारण के मुख्तार अंसारी ने मेरे भाई की हत्या करवायी थी.

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नई दिल्ली:

अपराध की दुनिया से राजनीति में एंट्री करने वाले माफिया मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) की मौत हो गयी है. मुख्तार अंसारी पर 61 अपराधिक मामले दर्ज थे. जिनमें हत्या के 15 मामले थे. 1990 के दशक में मुख्तार अंसारी ने अपना गैंग बना लिया था. माफिया मुख्तार अंसारी का नाम चर्चित ठेकेदार अजय प्रकाश उर्फ (Ajay Prakash Singh) मन्ना सिंह की हत्या में सामने आया था. बाद में इस मामले के गवाह की भी हत्या कर दी गयी थी.

मुख्तार अंसारी की मौत पर अजय प्रकाश सिंह के भाई हरेंद्र सिंह ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी को "कानून ने सजा दी थी, आज ईश्वर ने भी सजा दे दिया". हरेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्तार अंसारी को ईश्वर ने सजा दे दी है. हालांकि अभी उसकी मौत हुई है लेकिन उसके गैंग के और लोग भी हैं. अभी अपराध खत्म नहीं हुआ है. उसका भाई अफजल अंसारी अभी जिंदा है. 

हरेंद्र सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिना किसी कारण के मुख्तार अंसारी ने मेरे भाई की हत्या करवायी थी. हत्या के बाद लंबे समय तक हम लोग खौफ में रहे. आज भी हमें उसका खौफ है. हालांकि हम सरकार का आभार प्रकट करते हैं कि उन्होंने जांच भी करवायी और हमें सुरक्षा भी उपलब्ध करवाया. 

मुख्तार अंसारी ने ऐसे अपराध की दुनिया में रखा था कदम
मुख्तार अंसारी के खिलाफ 61 आपराधिक मामले दर्ज थे. इनमें से 15 हत्या के मामले थे. 1980 के दौर में जब पूर्वांचल में विकास के काम हो रहे थे, तब वहां के लोकल गैंग्स में ठेके लेने की होड़ थी. उस वक्त मुख्तार अंसारी मखानू सिंह गैंग में था. इस गैंग की दुश्मनी साहिब सिंह गैंग से चल रही थी. साहिब सिंह गैंग के लिए गैंगस्टर ब्रजेश सिंह काम कर रहा था. 

मुख्तार अंसारी के खिलाफ थे कई गंभीर आरोप 

  • 24 जुलाई 1990 को शिवपुर के देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ बड़ागांव थाने में डिकैती और अपहरण का मामला दर्ज कराया. इस मामले में सितंबर 1990 को पुलिस ने कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी. 
  • इसके बाद 3 अगस्त 1991 को अवधेश राय हत्‍याकांड में मुख्‍तार अंसारी के खिलाफ चेतगंज थाने में पूर्व विधायक अजय राय ने मुकदमा दर्ज कराया. 
  • 23 जनवरी 1997 को अपहरण के मामले में वाराणसी के भेलूपुर थाने में मुख्‍तार अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. इस मामले में वह निचली अदालत में दोषमुक्‍त हो चुका है.  
  • 6 फरवरी 1998 को भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ NSA लगाया गया. 
  • 1 दिसंबर 1997 को मुख्‍तार के खिलाफ धमकाने का मामला दर्ज किया गया. 
  • 17 जनवरी 1999 को भेलूपुर थाने में मुख्तार के खिलाफ धमकाने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया. 
  •  20 जुलाई 2022 को कैंट थाने में आपराधिक साजिश समेत अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया. 

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