UAE से केरल लौटे 38 साल के शख्स में मिले मंकीपॉक्स के लक्षण. देखा जाए तो दुनिया अभी तक कोरोना वायरस महामारी से पूरी तरह उबर नहीं थी है कि इसी बीच एक और नए वायरस ने दस्तक दी है. मंकीपॉक्स ने दुनिया के कई देशों के लिए खतरे की घंटी बजाई है.
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि मलप्पुरम के एक 38 वर्षीय व्यक्ति ने संयुक्त अरब अमीरात से लौटने के बाद सकारात्मक परीक्षण किया था. फेसबुक पर एक पोस्ट में जॉर्ज ने जनता से इलाज कराने और कोई भी ज्ञात लक्षण दिखने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने का आग्रह किया.
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने फेसबुक के जरिए बताया कि मलप्पुरम में मंकीपॉक्स के लक्षणों से पीड़ित व्यक्ति को बीमारी की पुष्टि हुई है. उन्होंने लिखा, 38 वर्षीय शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए गए हैं. उन्होंने लिखा है कि ये शख्स UAE से आया था.
स्वास्थ्य विभाग के निम्न अस्पतालों में उपचार व अलगाव की सुविधा की व्यवस्था की गई है. नोडल अधिकारियों के फोन नंबर भी दिए गए हैं. इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेजों में उपचार की सुविधा की व्यवस्था की गई है.
भारत में भी मंकीपॉक्स की दस्तक: मंकीपॉक्स का वायरस दुनिया के कई देशों में दहशत फैला चुका है. अब इसने भारत में भी दस्तक दे दी है. भारत में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हो गई है. केंद्र सरकार ने एमपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमपॉक्स को लेकर एहतियात बरतने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एडवायजरी भी जारी की है.
भारत में क्या हो रही है तैयारी?
भारत में क्या तैयारी: केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी कि सामुदायिक स्तर पर मंकीपॉक्स के सभी संदिग्ध मामलों में स्क्रीनिंग के साथ जांच कराई जाए. सभी संदिग्ध एवं पुष्ट दोनों मामलों में मरीजों के लिए अस्पतालों में आइसोलेशन सुविधाएं उपलब्ध की जाएं. दिल्ली में मंकीपॉक्स से पीडि़त मरीजों के इलाज के लिए लोक नायक अस्पताल और बाबा साहब आंबेडकर में विशेष वार्ड बनाए हैं. इसके अलावा एम्स और सफदरजंग में भी मंकीपॉक्स मरीजों के लिए वार्ड आरक्षित किये गए हैं.
WHO ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित की: WHO ने मई 2023 में आखिरी एमपॉक्स वैश्विक आपातकाल घोषित किया था. मंकीपॉक्स दुनिया भर के अलग-अलग देशों में फैला है. समय बीतने के साथ-साथ ये और घातक होता जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस वायरस से अभी तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.