मध्यप्रदेश के रावरखेड़ी में बाजीराव पेशवा का समाधि स्थल खनिज माफियाओं के कारण जमींदोज होने की कगार पर है. अवैध खनन के चलते स्मारक को नुकसान पहुंच रहा है. आज गुरुवार को जनआर्शिवाद यात्रा के दौरान रावरखेड़ी पहुंचे केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाजीराव पेशवा स्मारक रावेरखेड़ी को राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का ऐलान किया है. दोनों नेताओं ने ऐलान किया कि बाजीराव पेशवा की 28 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी. पेशवा की समाधि स्थल पर संग्रहालय के साथ-साथ सैनिक स्कूल, नौका विहार भी होगा. पेशवा समाधि का जीर्णोद्धार ओर सौन्दर्यकरण में धन की कमी आड़े नहीं आएगी.
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इस अवसर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनका (बाजीराव पेशवा) का विचार जीवित है, सरदार जीवित है, उनका स्वराज जीवित है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये हमारा सौभाग्य है मप्र में उनके (बाजीराव पेशवा) पद पड़े. उनको नमन करता हूं.. आपके पूरे कुल को प्रणाम महावीर, महानायक, वीर योद्धा श्रीमंत बाजीराव ऐसा समाधिस्थल बनाएंगे की हिन्दुस्तान भर से लोग आएंगे.
सरकार आई तो रंग रोगन हुआ, ऐलान हुए ... नहीं तो स्थानीय लोग बताते हैं कि समाधि स्थल के करीब अवैध रेत खनन तेजी से चल रहा है, जबकि नियम है कि पुरातत्व संरक्षित स्मारकों के समीप 300 मीटर में कोई खनन या निर्माण नहीं हो सकता. इसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि अवैध रेत खनन पर 2014 से 2017 तक केस लड़ा गया.. हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया. भू अभिलेख रिकॉर्ड देखिये कार्यपालन मंत्री मालिक हैं.. कैसे खनिज विभाग ठेके पर दे सकते हैं. ये नदी के अंदर उतर रहे हैं वो अवैध है. हालांकि, सरकार का कहना है अवैध खनन हो ही नहीं रहा.
प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने कहा कि खरगौन में रेत की 31 खदानें नीलाम हुई हैं, बरसात में एनजीटी की रोक लगी है. कहीं खनन नहीं हो रहा है. अप्रैल-जुलाई के बीच 45 प्रकरण बनाए हैं. लाखों की वसूली की है. बता दें कि बड़वानी जिले के वरला में दो दिन पहले ही डरा धमका कर अवैध रूप से रेत का ट्रैक्टर वन विभाग के कब्जे से छुड़ा ले जाने के आरोप में सेंधवा के विधायक ग्यारसी लाल रावत के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है. केन्द्रीय खनिज मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि अवैध खनन के मामले में मध्यप्रदेश देश में तीसरे नंबर पर है.