यौन अपराधों से जुड़े केसों में महिलाओं के खिलाफ स्टीरियोटाइप टिप्पणियों से बचें जज : सुप्रीम कोर्ट

30 जुलाई को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने छेड़छाड़ के एक आरोपी को सशर्त जमानत दी थी. इसमें एक शर्त यह थी कि आरोपी रक्षाबंधन पर पीड़ित के घर जाकर उससे राखी बंधवाएगा और रक्षा का वचन देगा.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने विभिन्न अदालतों के जजों से महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों में स्टीरियोटाइप टिप्पणियों से बचने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा पीड़िता को राखी बांधने की शर्त के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी को जमानत देने के फैसले को रद्द किया. कोर्ट ने जजों, वकीलों व सरकारी वकीलों के सेंसटाइजेशन के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल सहित कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा पीड़िता को राखी बांधने की शर्त के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी को जमानत देने के मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से मदद मांगी थी.

सुशांत सिंह राजपूत केस: NCB ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- रिया चक्रवर्ती की जमानत के खिलाफ नहीं

 मध्य प्रदेश के इस मामले में 9 महिला वकीलों ने जमानत की शर्त को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. महिला वकीलों ने कहा कि ऐसे आदेश महिलाओं को एक वस्तु की तरह दिखाते हैं. दरअसल, अप्रैल 2020 में पड़ोस में रहने वाली महिला के घर में घुसकर छेड़छाड़ के आरोप में जेल में बंद विक्रम बागरी ने इंदौर में जमानत याचिका दायर की थी.

30 जुलाई को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने छेड़छाड़ के एक आरोपी को सशर्त जमानत दी थी. इसमें एक शर्त यह थी कि आरोपी रक्षाबंधन पर पीड़ित के घर जाकर उससे राखी बंधवाएगा और रक्षा का वचन देगा. आरोपी विक्रम बागरी उज्जैन जेल में बंद है.सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद जस्टिस रोहित आर्या की सिंगल बेंच ने आरोपी को 50 हजार के मुचलके के साथ जमानत दी थी.

याचिकाकर्ता वकीलों की तरफ से  पेश संजय पारिख ने कहा था कि इस तरह कि शर्त वाले निर्देश के मामले में हम सिर्फ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट नहीं, बल्कि सभी हाईकोर्ट और निचली अदालत के लिए निर्देश चाहते हैं. हाईकोर्ट ने शर्त रखी थी कि वह 3 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन 11 बजे अपनी पत्नी को साथ लेकर पीड़ित के घर राखी और मिठाई लेकर जाएगा और पीड़िता से आग्रह करेगा कि वह उसे भाई की तरह राखी बांधे. इसी के साथ विक्रम पीड़ित की रक्षा का वचन देकर भाई के रूप में परम्परा अनुसार उसे 11 हजार रुपये देगा और पीड़िता के बेटे को भी 5 हजार रुपये कपड़े और मिठाई के लिए देगा. इतना ही नहीं, इस सबकी तस्वीरें रजिस्ट्री में जमा कराने के निर्देश भी कोर्ट ने दिए थे.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Sharad Pawar Retirement: राजनीति से संन्यास लेंगे शरद पवार? Baramati में कह दी बड़ी बात
Topics mentioned in this article