- मध्य प्रदेश सरकार ने छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया
- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सिरप के 'सैंपल मिलावटी पाए गए हैं
- कोल्ड्रिफ सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है
कफ सिरप से मासूमों की मौत पर मध्य प्रदेश की सरकार एक्शन में नजर आ रही है. मध्य प्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप' की ब्रिकी पर रोक लगा दी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने X पोस्ट कर कहा, 'छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु दुखद है. इस सिरप की बिक्री को पूरे MP में बैन कर दिया है. केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय के अनुसार, मध्य प्रदेश में कफ सिरप की गुणवत्ता को लेकर जांच जारी है. जांच के तहत यह जानकारी सामने आई है कि CDSCO ने कुल 6 सैंपल लिए थे. जांच में सभी 6 सैंपल में DEG/EG (हानिकारक केमिकल) नहीं पाया गया. इसी तरह, मध्य प्रदेश एफडीए ने 13 सैंपल लिए थे, जिनमें से 3 की जांच पूरी हो चुकी है और इसमें भी DEG/EG नहीं मिला.
मध्यप्रदेश में कोल्ड्रिफ सिरप बैन, CM ने दिये ये निर्देश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सिरप के 'सैंपल मिलावटी पाए गए हैं, क्योंकि इसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल (48.6% w/v) है जो जहरीला पदार्थ है. ये सामग्री को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बना सकता है. इसलिए 'कोल्ड्रिफ सिरप' की बिक्री को तुरंत रोकने का निर्देश दिया जाता है.
- यदि विषयगत औषधि उपलब्ध पाई जाती है, तो औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 तथा इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के प्रावधानों के अनुसार, आवश्यक कार्रवाई करें तथा औषधि का निपटान न करने के निर्देश के साथ उसे तुरंत फ्रीज कर दें.
- संबंधित औषधि की बिक्री तत्काल प्रभाव से रोकें तथा अपने अधिकार क्षेत्र में बिक्री/वितरण के लिए इसकी अनुपलब्धता सुनिश्चित करें.
- परीक्षण/विश्लेषण के लिए विषयगत औषधि का नमूना लें और परीक्षण/विश्लेषण के लिए तुरंत औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं को भेजें (केवल हाथ से).
- सुनिश्चित करें कि आपके क्षेत्राधिकार में अन्य बैचों के कोल्ड्रिफ सिरप की उपलब्धता न हो. यदि उपलब्ध हो, तो परीक्षण/विश्लेषण के लिए नमूने लें और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार दवा का निपटान न करने के निर्देश के साथ उन्हें तुरंत फ्रीज कर दें.
- व्यापक जनहित में, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार श्रीसन फार्मास्युटिकल, नंबर 787, बंगलौर हाईवे, सुंगुवाचत्रम (मथुरा) कांचीपुरम जिला, 602106 द्वारा निर्मित अन्य सभी उत्पादों की बिक्री और वितरण को रोकने और परीक्षण/विश्लेषण के लिए कानूनी नमूने लेने का निर्देश दिया जाता है.
- संबंधित दवा की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखना.
सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है. ये सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है. इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था. आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई, रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है. बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी. राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है. दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.
मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर तमिलनाडु एफडीए ने कांचीपुरम स्थित स्रेसन फार्मा (M/s Sresan Pharma) के कारखाने से Coldrif कफ सिरप के सैंपल लिए थे. इनकी रिपोर्ट 3 अक्टूबर 2025 की शाम आई, जिसमें सैंपल में DEG की मात्रा तय सीमा से अधिक पाई गई है. इसी बीच, 3 अक्टूबर 2025 से देश के 6 राज्यों में स्थित 19 दवा कंपनियों पर रिस्क बेस्ड इंस्पेक्शन (जोखिम आधारित जांच) शुरू की गई है.
इस जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि गुणवत्ता में कमी क्यों आई और आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निर्माण प्रक्रिया में सुधार किया जा सके. इसके अलावा, NIV, ICMR, NEERI, CDSCO और AIIMS नागपुर के विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक टीम भी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और आसपास के इलाकों में हुई मौतों के कारणों की जांच कर रही है.